उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने डोईवाला विधानसभा सहित अल्मोड़ा ,सोमेश्वर ,बागेश्वर ,कालाढूंगी ,रामनगर से भी चुनाव लड़ रही है ।
पार्टी के उम्मीदवार प्रतीक बहुगुणा ने जनसंपर्क के दौरान मतदाताओं से रूबरू होकर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की नीतियों आदि पर खुलकर बातचीत की। साथ ही कहा कि भाजपा कांग्रेस ने परस्पर 21 सालों से राज किया और नतीजा आपके सामने हैं।
उन्होंने बताया कि शिक्षा स्वास्थ्य बेरोजगारी पलायन जैसे गंभीर मुद्दों पर दोनों पार्टियों की तरफ से काम नहीं किया गया बल्कि इसके उलट आज प्रदेश की राजनीतिक हालात पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। सिर्फ और सिर्फ राजनीति का दलबदल का बाजार गर्म है ।दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर प्रदेश के मुख्य मुद्दों को हाशिए पर ढकेल रही है और लोगों को भ्रमित कर रही है। दूसरी और वास्तविक बाजार पूरी तरह ठंडा पड़ा है किसान परेशान है। कर्मचारियों को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करना पड़ रहा है बेरोजगारों पर हैं व्यापार का कारोबार पूरी तरह डगमगा गया है और भाजपा कांग्रेस जुमले बनाकर जनता को भ्रमित कर रही है । इससे यही स्पष्ट होता है कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रत्याशी प्रतीक बहुगुणा ने डोईवाला क्षेत्र में पैदल चुनाव प्रचार किया। यात्रा के दौरान मतदाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की 2 बड़ी पार्टियां भाजपा तथा कांग्रेस परस्पर एक-दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप में ही मशगूल है विकास के नाम पर दोनों पार्टियां प्रदेश में हुए कार्यों को अपनी सरकार द्वारा किये कार्यों के बखान में ही मदमस्त हैं भूमाफिया लगातार जल जंगल जमीन का नाजायज तरीके से दोहन कर रहे हैं क्योंकि दोनों पार्टियों की सरकारों का वरद हस्त माफियाओं पर है।
डोईवाला के रानीपोखरी भोगपुर डांडी के विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जनसंपर्क किया गया ,जिसमें महासचिव उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी सीपी शर्मा ,सागर रावत ,नीलेश भट्ट ,सत्यम रावत, वैभव बहुगुणा ,तुषार सिंधवाल ,यश बर्थवाल, प्रदीप बहुगुणा ,प्रवीण ढौडियाल आदि आदि शामिल रहे।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में जिन बिंदुओं का उल्लेख किया है उनमें प्राकृतिक संसाधनों में जमीनों पर जनता के अधिकार सुनिश्चित करना ,बेनाम भूमि को ग्राम समाज को सौंपने और पूर्वोत्तर राज्य की तरह उत्तराखंड राज्य को संविधान के तहत 371 का संरक्षण प्रदान करना। उत्तराखंड की जमीनों पर गैरकानूनी रूप से कब्जा करने वाले सरकार द्वारा दी गई अनुमति यों का दुरुपयोग करने वाले पूंजीपति और माफियाओं के जमीनों व संपत्तियों की जब्ती के साथ घोटाले में शामिल अधिकारियों राजनेताओं कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज करना।
सभी के लिए समान गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य व शिक्षा व्यवस्था सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करना और भ्रष्टाचार को समाप्त करना।
पर्वतीय क्षेत्रों की खेती कर रही है उसे पुनर्जीवित करना सरकारी नौकरी रोजगार की व्यवस्था समाप्त करना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतनमान ₹21000 की व्यवस्था करना। सभी युवा बेरोजगारों की पुरानी पेंशन बहाली और गोल्डन कार्ड के नाम पर लूट को समाप्त करना भूख को मिलने वाले आरक्षण की व्यवस्था समाप्त करना।
जिला क्षेत्र जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा हिमालय क्षेत्र की पर्यावरण शीलता को ध्यान में रखते हुए जनभागीदारी से विकास की प्रक्रिया का निर्धारण व विनाशकारी योजनाओं पर रोक लगाने की व्यवस्था करना।
हर तरह के भेदभाव की समाप्ति गरीबों महिलाओं पिछड़े क्षेत्रों के विक्रेताओं के अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण जीवन नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी पर आधारित चुनाव प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन।
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