Halloween party ideas 2015

 





नमस्कार भाइयों बहनों दोस्तों आज बिच्छू घास कंडाली के गुणों के बारे में आप लोगों को बता रहा हूं, गढ़वाली में इसको कंडाली कहते हैं, कुमाऊं में सीसूण हिंदी में बिच्छू घास अंग्रेजी में नेटल कहते हैं, हिंदी में इस पौधे को बिच्छू घास इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसके पत्तों पर छोटे-छोटे बारीक बारीक कांटे होते हैं, जिन को स्पर्श करने से जोर-जोर से चुभन होने लगती है, और इसे बाल सुधार औषधि भी कहते हैं, बाल सुधार औषधि इसलिए कहते हैं, जब बच्चे शरारत करते हैं, तो मां-बाप  बच्चों के हाथ पांव शरीर पर लगाते हैं, मुझे वह दिन याद आते हैं जब मैं  आधारियाखाल इंटर कॉलेज में पढ़ता था, बूगा भारद्वाज गुरुजी थे, वह कभी भी छात्र छात्राओं को लाठी से नहीं मारते थे, इसी बिच्छू घास से वह हम छात्र छात्राओं को हाथों और पैरों में लगाते थे, अमेरिका में इसकी खेती की जाती है, और वहां की सरकार वहां के नागरिकों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहन करती है, इससे आप अनुमान लगा सकते हैं, यह पौधा कितने काम का है, मगर बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है, उत्तराखंड देवभूमि में काफी मात्रा में पैदा होने वाले इस कंडाली का उपयोग ना के बराबर हो रहा है, इसके पीछे क्या क्या कारण है यह बताना बहुत मुश्किल है,लेकिन अब समय आ गया है हम सब लोगों को मनन करना होगा, और कुछ समय के लिए अपना ध्यान उस अतीत पर केंद्रित करना होगा, जब उत्तराखंड की हरी-भरी वादियों में हमारे पूर्वज कंडाली के तरह-तरह व्यंजन बनाते थे, और बड़े चाव से खाते थे, शायद यही उनकी सेहत का राज था,और हमारे पूर्वजों ने बिना दवाई के अपना जीवन व्यतीत किया, मेरे दादाजी भी सर्दियों के टाइम में कंडाली की खिचड़ी खूब बनाते थे, मुझे भी वह दिन बहुत याद आते हैं, और मैं भी बहुत चाव से खाता था, सर्दियों में मैं इसका सेवन करता रहता हूं, इसकी खिचड़ी बहुत गर्म होती है, इस की खिचड़ी बनाने का तरीका इसके पत्तों को प्रेशर कुकर में धोकर डालिए, डंठल को हटा दीजिए, और इसके साथ चावल और पीसी हुई उड़द की दाल डाल दीजिए, और जब यह खूब पक जाए, तो कढ़ाई में इसका तड़का लगा लीजिए, और फिर बड़े चाव से खाएं बहुत ही स्वादिष्ट और लाजवाब होती है, आज मैं भी कंडाली की खिचड़ी का आनंद ले रहा हूं, इसके गुणों की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है--

1 यह शरीर में कब्ज दूर करता है,

 2 इसके बीज सुखाकर पानी के साथ खाने से पेट मैं होने वाली गैस खत्म होती है,

3 इसके पत्तों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर चुटकी भर चाय में डालकर इस्तेमाल करें स्वास्थ्य संबंधी फायदे आप लोगों को दिखाई देंगे 

4 इस के स्पर्श से मोच कमर दर्द में फायदा होता है

5 शुगर की बीमारी के लिए यह रामबाण है

6 दुधारू पशुओं को कंडाली खलाने से दूध में वृद्धि होती है

 7 पित्त दोष गठिया मलेरिया बुखार शरीर में अकड़न, इन बीमारियों के  लिए भी यह एक रामबाण इलाज है।

8. इससे कपड़े भी बनते हैं, और बहुत से फायदे इस पौधे से मिलते हैं,

हमारी उत्तराखंड सरकार को भी इस और ध्यान देना चाहिए, कितना गुणकारी पौधा है यह और नई पीढ़ी को इस पौधे के बारे में समझाना चाहिए, इसके गुणों के बारे में समझाना चाहिए, 

कंडाली की खिचड़ी खाओ और सर्दी भगाओ


अरविंद नेगी उर्फ लिटिल जयहरी खाल ब्लॉक प्रभारी भैरव सेना🚩🚩🙏🙏 जय जय श्री राम🙏🙏🚩🚩 जय भारत जय उत्तराखंड जय बद्री जय केदार

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.