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परिवारों में जो आचरण और संस्कार समाप्त हो रहे हैं उसके दोषी हम स्वयं ही है।


सत्यवाणि ब्यूरो, हरिद्वार: 


आज पतंजलि योगपीठ में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद का दो दिवसीय चिंतन शिविर प्रारंभ हुआ।


आचार्य बालकृष्ण महाराज द्वारा दीप प्रज्जवलन कर शिविर का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में परिषद के केन्द्रीय व प्रदेश के पदाधिकारियों ने पूज्य आचार्यश्री को फूल मालाओं व रूद्राक्ष की मालाओं को भेंट कर सम्मानित किया।


कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि ब्राह्मण का अर्थ संयम है। जो स्वयं अपना मित्र नहीं है वह दूसरों से अपेक्षा नहीं कर सकता। परिवारों में जो आचरण और संस्कार समाप्त हो रहे हैं उसके दोषी हम स्वयं हैं। आज पूरी दुनिया धर्म को लेकर चिंतित है, इसलिए वह भारतवर्ष की ओर देखती है। तब उनका ध्यान हमारे शास्त्रों की ओर जाता है।


 शास्त्रों का ध्यान आते ही ब्राह्मणों का स्वयं ध्यान आ जाता है। ब्राह्मणों के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इसकी इतनी मजबूत नींव डाली है कि आज हमें सिर्फ इस धरोहर का ध्यान रखना है। 

उन्होंने कहा कि आज जिन लोगों को धर्म के प्रति अल्पज्ञान है वह ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद को गाली दे रहे हैं।


 यह बहुत भयावह स्थिति है। इस स्थिति से पार पाने के लिए एकता व संगठित होने की आवश्यकता है। यदि आपका साथी आज खतरे में है तो आप भी खतरे में ही हैं।


आचार्य ने कहा कि स्त्रियों को आज वेदों व शास्त्रों के ज्ञान से वंचित किया जा रहा है, यह ठीक नहीं है। इसी कारण समाज में धर्म की हानि हो रही है। आज वे लोग कथा वाचक बन गए हैं जिन्हें शास्त्रों का ज्ञान तक नहीं है। आज ज्योतिष शास्त्र व वास्तु शास्त्र बहुत बड़ी विद्या हैं, किन्तु कुछ स्वार्थी अज्ञानियों के कारण इस शास्त्र को बदनाम किया जा रहा है ।


जिससे धर्म व शास्त्रों की हानि  हो रही है। उन्होंने कहा कि हम शास्त्रों से जीवित हैं, शास्त्र हमसे नहीं।


परिषद के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पण्डित प्रमोद मिश्र ने कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद का प्रादुर्भाव 10 वर्ष पूर्व बनारस के मणि कर्णिका घाट पर किया गया जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में ब्राह्मणों का संरक्षण करना था। यह एक गैर राजनैतिक संगठन है। 


पतंजलि गुरुकुलम् की भाँति यहाँ भी बच्चों को संस्कृत, वेदों व संस्कारों से दीक्षित किया जाता है। यहाँ आपसी मतभेदों को दूर कर ब्राह्मणों को एकत्र कर एक मजबूत संगठन बनाने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है।

कार्यक्रम में पषिद के राष्ट्रीय संयोजक शिक्षा प्रकोष्ट पण्डित प्रवीण मिश्र, मुख्य ट्रस्टी शश्याम शुक्ल तथा प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड  मनोज गौतम आदि गणमान्यों ने अपने विचार रखे।


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