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 देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को समर्पित किया, पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र अब देश के सभी जिलों में चालू हुए


PM Modi in AIIMS Rishikesh

PM Modi in Uttarakhand

प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड में तेजी से टीकाकरण अभियान के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट की सराहना की
 

   
PM Modi in Uttarakhand 07 october,2021

 

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में 35 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किये। इससे देश के सभी जिलों में अब पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र चालू हो गए हैं।

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  ने आज एम्स ऋषिकेश में ऑक्सिजन प्लांट का लोकार्पण किया। साथ ही आज देश भर में  35 ऑक्सिजन प्लांट का लोकार्पण भी किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने संबोधन में सर्वप्रथम उत्तराखंड सरकार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जैसे ऊर्जावान युवा नेता को बधाई दी और साथ ही स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को जन्मदिन की बधाई भी दी।

उन्होंने सर्वप्रथम उत्तराखंड राज्य का बखान करते हुए कहा कि यह देवभूमि योग नगरी के रूप में विश्व के लोगों को आकर्षित करती रही है मां गंगा का समय समय पर हम सभी को उनका आशीर्वाद मिल रहा है ।

आज से नवरात्र का पावन पर्व भी शुरू हो रहा है। आज प्रथम दिन शैलपुत्री की पूजा होगी मां शैलपुत्री हिमालय पुत्री है। और आज के दिन मेरा यहां होना यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना पवित्र धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा दिन होगा।

उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड आया हूं तो विशेष रूप से भी बधाई देना चाहता हूं क्योंकि इस बार टोक्यो ओलंपिक में इस देवभूमि ने भी अपना झंडा खड़ा है और इसीलिए आप सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं ।उत्तराखंड की दिव्य धरा ने मुझे जैसे अनेक लोगों के जीवन की धारा को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है। यह भूमि इसलिए मेरे लिए महत्वपूर्ण है। इस भूमि से मेरा मर्म का रिश्ता भी है कर्म का भी है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा आज मुख्यमंत्री जी ने याद दिलाया कि आज के दिन 3 वर्ष पूर्व मेरा उत्तराखंड आगमन हुआ था । उन्होंने कहा की20 साल पहले मुझे जनता की सेवा का एक नया दायित्व मिला था लोगों के बीच रहकर लोगों के बीच सेवा करने की आदत पहले से ही चल रही है परंतु आज से 20 वर्ष पूर्व गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे नई जिम्मेदारी मिली थी वैसे यह भी एक संयोग है कि उत्तराखंड का गठन साल 2000 में हुआ और मेरी यात्रा साल 2002 में शुरू हुई सरकार के मुखिया के तौर पर पहले मुख्यमंत्री और फिर देश के लोगों के आशीर्वाद से देश के प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना इसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की

 20 वर्ष की अखंड यात्रा आज अपने 21 वर्ष में प्रवेश कर रही हैं और ऐसे महत्वपूर्ण वर्ष में जिस धरती ने मुझे निरंतर अपना स्नेह दिया है .वहां आना मैं अपना बहुत बड़ा सौभाग्य समझता हूं हिमालय की भूमि है तपोभूमि जो तप और त्याग का मार्ग दिखाती है उस भूमि पर आकर कोटि-कोटि देशवासियों की सेवा का मेरा संकल्प और दृढ़ हुआ है और मजबूत हुआ है।

देश में ऑक्सीजन प्लांट की नई सुविधा के लिए देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं ।।साथियों, 100 साल के इस सबसे बड़े संकट का सामना हम भारतीय जिस बहादुरी से कर रहे हैं। यह दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है।मेक इन इण्डिया में कोराना वैक्सीन का तेजी से और बड़ी मात्रा में निर्माण किया गया। 


 कोरोना से लड़ाई के लिए इतने कम समय में भारत में जो सुविधाएं तैयार की हैं ,वह हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है।

 सिर्फ एक टेस्टिंग लैब सिर्फ एक टेस्ट  लैब से 3000 टेस्टिंग लैब का नेटवर्क बनना और आयात से लेकर निर्यात तक का सफर तय किया है। कोरोना वैक्सीन का तेज़ी से निर्माण दिखता है।

ऑक्सीजन की सप्लाई वैक्सीन तक यह दोनों चुनौतियां देश के सामने आते रहे है।निरंतर आती रही देश इन चुनोतियों से कैसे लड़ा यह जानना यह समझना हर देशवासी के लिए बहुत जरूरी है।

 साथियों ,सामान्य दिनों में भारत में 1 दिन में 900 मेट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का प्रोडक्शन होता है डिमांड बढ़ते ही भारत ने इसका प्रोडक्शन 10 गुना से ज्यादा बढ़ाया यह है दुनिया के किसी भी देश के लिए अकल्पनीय लक्ष्य था भारत ने इसे हासिल करके दिखाया।

 साथियों, यहां उपस्थित कहीं महानुभव इस बात से परिचित हैं की ऑक्सीजन के उत्पादन के साथ ही उसका ट्रांसपोर्टेशन भी कितनी बड़ी चुनौती होता है ।ऑक्सीजन किसी भी टैंकर में नहीं ले जाई जा सकती इसके लिए विशेष टैंकर चाहिए होता है सबसे अधिक पूर्वी भारत में टैंकर का निर्माण होता है ।परंतु इसकी जरूरत सबसे अधिक उत्तर और पश्चिम भारत में पड़ी है। लॉजिस्टिक की इतनी चुनौतियों से निकालकर युद्ध स्तर पर भारत ने काम किया। देश और दुनिया में दिन रात जहां से भी संभव हो वहां से ऑक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन टैंकर की व्यवस्था की है  स्पेशल ऑक्सीजन ट्रेन चलाई गई। वायु सेना के विमानों से भी सेवा ली गई उत्पादन बढ़ाने के लिए डीआरडीओ के माध्यम से तेजस फाइटर प्लेन की टेक्नोलॉजी को लगाया गया। देश में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर काम तेजी से हुआ हैवहीँ एक लाख से अधिक कंसंट्रेटर्स के लिए पैसा भी दिया गया ।भविष्य में कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी तैयारी है और पुख्ता हुई है ।

इसके लिए पीएसए ऑक्सीजन ने का नेटवर्क तैयार हो रहा है। पीएम केयर्स फंड द्वारा 11 सौ से अधिक ऑक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर चुके हैं ।

देश को और ऑक्सीजन प्लांट मिलने जा रहे हैं ऑक्सीजन की चुनौती का मुकाबला करने में देश और देश के अस्पताल पहले से कहीं ज्यादा सक्षम हो रहे हैं।

कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज़ लगाई जा चुकी है। यह गर्व का विषय है ।बहुत जल्दी ही हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार करेंगे और पार कर जाएंगे ।

भारत ने cowin प्लेटफार्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाइ कि इतने बड़े पैमाने पर  वैक्सीनेशन कैसे किया जाता है। पहाड़ हो या रेगिस्तान जंगल हो या समंदर 10 लोग हो है 1000000 हर क्षेत्र पर आज हम पूरी सुरक्षा के साथ वैक्सीन पहुंचा रहे हैं ।इसीलिए देश भर में 130000 से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं ।जहां राज्य सरकार के प्रभावी प्रबंधन की वजह से उत्तराखंड भी बहुत जल्द शत प्रतिशत पहली डोज का पड़ाव पूरा करने वाला है।

 उत्तराखंड के सभी कर्मचारी मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को उन्होंने इसके लिये बधाई दी है।

उन्होंने कहा कि यहां वैक्सीन पहुंचाना भी  कठिन है। हिमालय के पहाड़ों के उस पार पहुंचकर लोगों के पास जाना कितना कठिन होता है ।यह हम भली भांति जानते हैं। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्धि प्राप्त करना। इसके लिए सभी उत्तराखंड वासी अभिनंदन के अधिकारी हैं।

 21वी सदी का भारत जनता की अपेक्षाओं जनता की आवश्यकता ओं का पूरा समाधान करते हुए आगे बढ़ेगा। आज सरकार इस बात का इंतजार नहीं करते कि नागरिक उसके पास अपनी समस्या लेकर आएगा और अब तक कोई कदम उठाएंगे। सरकारी माइंडसेट से इस भ्रांति को दूर कर रहे हैं सरकार लोगों के पास जाती है लोगों को बुनियादी सुविधाएं गैस बिजली-पानी मकान आदि की सुविधाएं 80 करोड से अधिक लोगों को मुफ्त राशन किसानों के बैंक खाते में सीधे हजारों करोड़ों पर भेजने हो पेंशन की सुविधा देती है ।

जनहित के ऐसे हर लाभ इसी वजह से तेजी से सही हकदार तक पहुंचे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी भारत इसी अप्रोच से आगे बढ़ रहा है। इससे गरीब और मध्यम भर की बचत हो रही है और उन्हें सुविधा भी मिल रही है। पहले जब किसी को गंभीर बीमारी होती थी तो वह आर्थिक मदद के लिए यहां वहां नेताओं या फिर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता था ।आयुष्मान भारत ने इस परेशानी को हमेशा के लिए खत्म किया ।अस्पताल के बाहर लंबी भीड़ इलाज में होने वाली देरी कितने लोग परेशान होते हैं। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के द्वारा इस समस्या का समाधान भी करना शुरू हो गया है।

 रूटीन चेकअप के लिए संजीवनी ऐप की सुविधा दी गई है। लोग इसके द्वारा डॉक्टर से कंसल्टेशन ले सकते हैं। अब उत्तराखंड के लोगों ने भी इसका लाभ लेना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य सुविधाएं अभी तक पहुंचाने के लिए  इंफ्रास्ट्रक्चर भी बहुत जरूरी है। 6 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्य तक है एम्स की सुविधा थी। आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है।

 6 एम्स से आगे बढ़कर 22  का नेटवर्क बढ़ाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं ।देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो ऐसा प्रयास किया जा रहा है ।देश में 170 मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं ।दर्जनों ने मेडिकल कॉलेज बनाने का काम जारी है। मेरे उत्तराखंड में भी रुद्रपुर हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी दी गई है ।

साथियों उत्तराखंड के निर्माण का सपना अटल जी ने पूरा किया था अट्ल जी मानते थे कनेक्टिविटी का सीधा कनेक्शन विकास से है। उन्हीं की प्रेरणा से आज देश में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अभूतपूर्व स्पीड पर काम हो रहा है। 

उत्तराखंड की सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। बाबा केदार के आशीर्वाद से केदार धाम की भव्यता को और बढ़ाया जा रहा है। वह श्रद्धालुओं के लिए नई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। मैं भी कई बार ड्रोन कैमरा के माध्यम से इन कार्यों के प्रगति की समीक्षा करता रहता हूं ।चार धाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड पर काम तेजी से चल रहा है। चार धाम परियोजना देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बहुत बड़ी सुविधा तो बना ही रही है ।गढ़वाल और कुमाऊं के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को भी आपस में जोड़ रही है ।कुमाऊं में चार धाम रोड के लगभग एक सौ किलोमीटर हिस्से से इस क्षेत्र के विकास को नया आयाम मिलने वाला है ।ऋषिकेश करणप्रयाग रेल लाइन से भी उत्तराखंड के रेल कनेक्टिविटी को और लाभ मिलेगा। सड़क और रेल के अलावा देहरादून हवाई अड्डे की क्षमता को 1200पैसेन्जर क्षमता तक पहुंचाया गया है ।मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में हेली सेवा को भी विकसित किया जा रहा है।

 पानी की कनेक्टिविटी को भी उत्तराखंड में आज सराहनीय कार्य हो रहा है ।यहां की महिलाओं का जीवन इससे और आसान बन रहा है ।2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले उत्तराखंड के सिर्फ 130000 घरों में ही नल से जलपहुंचता था। आज उत्तराखंड के 710000 से अधिक घरों में नल से जल पहुंच रहा है सिर्फ 2 वर्ष में राज्य के करीब करीब 600000 घरों को पानी का कनेक्शन मिला है ।जैसे उज्जवला योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन में महिलाओं को राहत दी है, स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय ने महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा दी है, वैसे ही जल जीवन मिशन से हो रहे पानी के कनेक्शन से महिलाओं को बहुत राहत मिली है।

 उत्तराखंड के देश की भारत की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका है  यहां कभी वीर बेटियां और यहां के जवान भारत की सुरक्षा की आन बान और शान है। हमारी सरकार हर फौजी हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम कर रही है। यह हमारी ही सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू कर फौजी भाइयों की 40 साल पुरानी मांग को पूरा किया और हमारे धामी जी तो खुद ही फौजी के बेटे हैं ।

वन रैंक वन पेंशन यह हमारी ही सरकार है जिसने दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

 यह हमारी ही सरकार है जिसने वेलफेयर फंड का लाभ आर्मी के साथ-साथ वायुसेना के शहीदों को भी सुनिश्चित किया है।

 यह हमारी ही सरकार है जिसने  पदोन्नति को लेकर चला रहा मामला सुलझा दिया  पूर्व सैनिकों को पेंशन से जुड़ी दिक्कत ना आए इसके लिए भी डिजिटल टेक्नोलॉजी का हम इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं ।जब फौज के जवान जो के पास आधुनिक हथियार होते हैं तो अपनी रक्षा के लिए तो वह उतनी ही आसानी से दुश्मन से मुकाबला कर पाते हैं ऐसी जगहों पर जहां मौसम हमेशा खराब रहता है।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का अभियान भी बहुत बड़ी मदद हमारे फौजी साथियों के लिए करने वाला है। सरकार के इन सभी प्रयासों का लाभ उत्तराखंड को होगा ,यहां के लोगों को भी होगा ।

भाइयों और बहनों दशकों की उपेक्षा से देवभूमि को निकालने का बहुत इमानदारी से पूरी गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं ।बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनने के बाद विरान पड़े गांव फिर से आबाद होने लगे है ।मेरी अनेक युवा और किसानों से बात हुई है जब वह बताते हैं कि वह बताते हैं उनके घर सड़क पहुंच चुकी है। अब उन्होंने होमस्टे खोल दिया है ।मन को बहुत संतुष्टि मिलती है।


 नए इंफ्रास्ट्रक्चर से कृषि पर्यटन तीर्थाटन और उद्योगों के लिए युवाओं के लिए अनेक नए अवसर खुलने वाले हैं ।कुछ ही समय पश्चात उत्तराखंड 25 वर्ष में प्रवेश करेगा तब उत्तराखंड नई ऊंचाई पर होगा यह तय कर ले यही समय है सही समय है कि उसके लिए ऊर्जावान  नेता होना चाहिए ।केंद्र और राज्य सरकार दोंनो यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए  प्रयासरत है। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है ।

बाबा केदार की कृपा से हम हर संकल्प को सिद्ध करें इसी कामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं, धन्यवाद।

 

 


प्रधानमंत्री जी की 20 वर्षों की यात्रा महान संकल्पों की यात्रा : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड की सवा करोड़ जनता की ओर से  देवभूमि आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।

     
      मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की पिछले 20 वर्षों की यात्रा महान संकल्पों का उदाहरण है। प्रधानमंत्री जी ने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण मां भारती की सेवा में लगा दिया, जो हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों की सुरक्षा एवं सेवा के लिये राष्ट्रव्यापी जीवन रक्षक ऑक्सीजन प्लाण्टों को समर्पित किया है।

       आज से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व जब कोरोना महामारी का प्रारंभ हुआ था तब से आज तक प्रधानमंत्री जी ने एक नेता एवं प्रशासक की भांति ही नहीं बल्कि हमारे अभिभावक की भांति हमारा हाथ थामा और मुश्किल की घड़ी में पूरे देश को हौंसला दिया। पूरा विश्व इस बात का साक्षी है कि जिस देश को लेकर विशेषज्ञ तरह-तरह की आशंका जता रहे थे उस देश ने न सिर्फ कोरोना का डटकर सामना किया बल्कि वैक्सीन बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई। सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री जी का सम्मान जग जाहिर है। हमने देखा है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में और अब एक प्रधानमंत्री के रूप में वे हर बार दिवाली और होली सैनिकों के साथ मनाते हैं।  

*आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इण्डिया युवाओं के मन में बस चुके आंदोलन*

       मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के बच्चे बच्चे की जुबां पर आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, स्किल इण्डिया, फिट इण्डिया, मेक इन इण्डिया जैसे नारे रहते हैं। ये सिर्फ नारे नहीं है बल्कि आज, ये देश के हर नागरिक, हर युवा के मन में बस चुके आंदोलन का रूप ले चुके हैं।  कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों को रोजगार और दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया है। जहां एक ओर आयुष्मान भारत योजना ने देश के हर व्यक्ति को यह भरोसा दिलाया है कि बीमारी के समय पर उन्हें उपचार अवश्य मिलेगा वहीं दूसरी ओर उज्जवला योजना ने करोड़ों गरीब माताओं-बहनों की आंख के आंसू पोछे हैं। सैंकड़ों वर्षों से अपने निर्माण की बांट जोह रहे श्रीराम मंदिर के पुर्ननिर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। कश्मीर से धारा 370 का खात्मा हो सका और कश्मीर का भारत में पूर्ण एकीकरण हो सका। चाहे औद्योगिक विकास हो, शैक्षिक विकास हो, सामाजिक विकास हो या आध्यात्मिक विकास हो, प्रधानमंत्री जी की सोच व्यापक रही है। यह नमामि गंगे, स्वच्छता अभियान, नई शिक्षा नीति, इन्द्रधनुष योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से परिलक्षित होता है।

*कोविड से लड़ाई में केंद्र का मिला पूरा सहयोग*

       मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम की भूमि तो है ही ये वीर भूमि भी है, जिसे प्रधानमंत्री जी ने सैन्यधाम की संज्ञा भी दी है। उत्तराखण्ड की इस भूमि से प्रधानमंत्री जी का विशेष स्नेह किसी से छुपा नहीं है। केदारनाथ की त्रासदी के समय मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वह उत्तराखंड की जनता के लिए पूर्ण रूपेण साथ खड़े थे। कोरोना महामारी में उत्तराखंड जैसे भौगोलिक कठिनाइयों से घिरे राज्य में भी प्रधानमंत्री जी ने साधन संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी और व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंड की चिंता की।  

*उत्तराखण्ड के विकास के लिए प्रधानमंत्री ने दी महत्वपूर्ण सौगातें*

       उत्तराखण्ड के लिये चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की महत्वपूर्ण सौगात दी है। प्रधानमंत्री जी के निर्देशन में केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए क्रमशः 20 करोड़ और 34 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके हैं। जहां एक ओर चार दशकों से लंबित तराई- भाबर की लाइफ लाइन जमरानी बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दी है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित करने के साथ-साथ उड़ान योजना व सीमांत पर्वतीय क्षेत्रों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजनाओं द्वारा उत्तराखंड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। टिहरी लेक डेवलेपमेण्ट हेतु 1200 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो या समेकित सहकारी विकास योजनाओं के लिये 3340 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो, प्रधानमंत्री जी ने हमेशा उत्तराखंड की दिल खोलकर सहायता की है।

*मुख्यमंत्री ने राज्य में दिए जा रहे कोविड राहत पैकेजों सहित विकास कार्यो की जानकारी दी*

       मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी और केन्द्र सरकार से प्राप्त हो रहे मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखण्ड में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। जहां 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो उद्यम योजना के अन्तर्गत लाखों युवाओं को स्वरोजगार देने की प्रक्रिया गतिमान है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिये 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन हेतु 205 करोड़ तथा महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लोगों के खातों में भेजी जा रही हैं। आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में 44 लाख लोगों के कार्ड बन चुके हैं। इस योजना से 3 लाख 50 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं। दिसम्बर माह तक प्रदेश में प्रथम चरण के वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत पूर्ण करने का जो लक्ष्य रखा था उस लक्ष्य को हम केन्द्र सरकार के सहयोग से इसी माह पूर्ण करने की ओर अग्रसर हैं। अब तक 96 प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। मार्च 2020 से पूर्व उत्तराखण्ड में मात्र 01 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर (गढ़वाल) में संचालित हो रहा था, जबकि आज 87 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट उपलब्ध हो चुके है, जिनमें से पी०एम० केयर फण्ड द्वारा उपलब्ध 25 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांटों ने पूर्ण रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है।

*वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप विश्व के दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई*

       केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का मूलमंत्र दिया है। कोरोना काल में इस मंत्र की शक्ति को हम सभी ने देखा है। इससे कोरोना के खिलाफ जंग में ताकत मिली है। करोड़ों लोगों को गरीब कल्याण अन्न योजना में खाद्य सुरक्षा दी। वैक्सीन का देश में ही निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया। उन्हीं की प्रेरणा है कि पहले जहां किसी बीमारी का टीका आने में कई वर्ष लग जाते थे, आज कोविड की वैक्सीन का इतने कम समय में देश न केवल उत्पादन शुरू हुआ बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान यहां चल रहा है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप विश्व के दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई है।

      केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक, पूरे देश में कुल 1,224 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत वित्तपोषित किया गया है, जिनमें से 1,100 से अधिक संयंत्रों को चालू किया गया है, जिससे प्रतिदिन 1,750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। यह कोविड- 19 महामारी शुरू होने के बाद से भारत की चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक उपायों का प्रमाण है।

    इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, श्री तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री, सांसदगण, विधायकगण, केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी, एम्स के अधिकारी उपस्थित थे।
 

 

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