हरिद्वार:
भारत तिब्बत समन्वय संघ ने आगामी दिसम्बर माह में जयराम आश्रम में आयोजित हो रही राष्ट्रीय कार्यसमिति के लिए संतों से संपर्क कर विभिन्न समितियां गठित कीं। राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर प्रयाग दत्त जुयाल ने हरिद्वार में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अतिथियों के आवास ,भोजन स्थल,जल, विद्युत, पार्किंग तथा कांफ्रेंस हाल की व्यवस्था को देखकर उन्होंने हर्ष जताया।
पतञ्जलि योगपीठ पहुंचकर महामन्त्री आचार्य बालकृष्ण से मुलाकात कर भारत तिब्बत समन्वय संघ ने कार्यसमिति को लेकर विस्तार से चर्चा की। संगठन की सभी गतिविधियों से आचार्य बालकृष्ण को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अवगत कराते हुए बताया कि 4 दिसम्बर से 6 दिसम्बर तक गंगास्वरूप जयराम आश्रम में राष्ट्रीय कार्यसमिति आयोजित हो रही है जिसमें देशभर से 400 लोग भाग लेंगे।
जिसमें देशभर से मीडिया जगत से जुड़े हुए लोग, अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति,प्रोफेसर तथा बीटीएसएस के सभी राज्यों के प्रतिनिधि कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। पतञ्जलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने संगठन के पदाधिकारियों को हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया।
आचार्य ने तिब्बती चिकित्सा पद्धति को आयुर्वेद का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि इस पर अभी और शोध किये जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो जुयाल के अनुरोध पर महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कार्यक्रम में पहुँचकर एक सत्र में चिकित्सा पद्धति पर अपने विचार रखने की सहमति प्रदान की। उन्होंने प्रदेश महामंत्री मनोज गहतोड़ी को इस विषय पर पतञ्जलि के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए अधिकृत किया। प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान ने स्मृति चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर आचार्य बालकृष्ण का सम्मान किया। आचार्य बालकृष्ण ने सभी पदाधिकारियों को च्यवनप्राश, रुद्राक्ष की माला, नीम का साबुन, दंत क्रांति तथा योगचिकित्सा से जुड़ी हुई अनेक पुस्तकों का सेट भेंट किया।
इससे पूर्व योग गुरु रामदेव से भी राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर जुयाल ,प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेन्द्र चौहान,प्रदेश महामंत्री मनोज गहतोड़ी, शोध प्रभाग के प्रांत संयोजक डॉ अरूण कुमार मिश्र , आईटी संयोजक श्री राजवीर तोमर ने संपर्क कर संगठन की सभी गतिविधियों से अवगत कराते हुए उन्हें कार्यक्रम में निमंत्रित किया।स्वामी रामदेव का भी शॉल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया।
स्वामी रामदेव ने राष्ट्र यज्ञ में शामिल सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए संगठन के कार्यों की प्रशंसा की,उन्होंने संगठन द्वारा सम्मान किये जाने पर सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
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