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 शहीद योगंबर सिंह की अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़, लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे, पूरे गांव के लोगों की आंखों से आंसू छलक उठे





देहरादून :


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उनकी शहादत को नमन करते हुए कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर समय खङी है।  


कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, श्री गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानंद ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 



    जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिक योगंबर सिंह का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक आवास पर पहुंचा। राजकीय सम्मान के साथ पैतृक घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान 'भारत माता की जय' के नारे लगाए गए। 26 वर्षीय शहीद योगंबर सिंह 17 गढ़वाल राइफल्स के 48 आरआर के जवान थे। शहीद योगंबर पुत्र बीरेंद्र सिंह भंडारी विगत 14 अक्टूबर की शाम को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में देश रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। रविवार की सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर सेना के वाहन से तिरंगे में लिपटा हुआ उनका पार्थिव शरीर पोखरी होते हुए पैतृक गांव सांकरी पहुंचा। इस दौरान रास्ते भर में लोगों ने जगह-जगह उनके पार्थिव शरीर पुष्प वर्षा की। लोगों ने 'जब तक सूरज चांद रहेगा योगंबर तेरा नाम याद रहेगा, पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए। जैसे ही दर्शनार्थ उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। पूरे गांव के लोगों की आंखों से आंसू छलक उठे। शहीद की पत्नी कुसुम देवी उनके शव से लिपट गई। 

उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गांव में अंतिम दर्शन के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक घाट ले जाया गया। पूरे सैनिक सम्मान के साथ 11 मराठा रेजिमेंट के जवानों द्धारा गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। 

शहीद योगंबर सिंह के अंतिम संस्कार में बदरीनाथ के विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी व अन्य लोग मौजूद रहे। योगंबर सिंह पांच साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। उनके शहीद होने की सूचना आर्मी हेडक्वार्टर से उनके पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी को विगत 15 अक्टूबर को दोपहर दो बजे  प्राप्त हुई थी। जिसके बाद पूरे गांव और परिवार में मातम छा गया। शहीद अपने पीछे पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी, माता जानकी देवी, 23 वर्षीय पत्नी कुसुम देवी, एक वर्षीय पुत्र अक्षत, बहन ऋतु, भाई बासुदेव सिंह और प्रशांत सिंह को छोड़ गए हैं। योगंबर की शादी तीन साल पहले हुई थी।

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