भाद्रपद मास में पड़ने वाले "विश्वघसन पक्ष"को निःसंदेह जयोतिष शास्त्र में मानव जाति से लेकर सृष्टि के सभी जीव जंतुओं के लिए अशुभ माना जाता है, इसमें कोई शंका नही है, कयोंकि पूर्व में भी इसके दुष्परिणाम अनुभवगम्य हैं।
विशेषतौर पर यदि किसी बड़ी घटना का जिक्र करें तो द्वापरयुग के उस दौर का स्मरण सबसे पहिले आता है, जब कौरव और पांडवों की युद्ध विभीषिका के कारण भीष्मपितामह, गुरुद्रोणाचार्य,दाननवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओं और अद्वितीय मानवीय गुणों से युक्त महामानवों सहित,बहुत बड़ी मात्रा में मानवीय छति सहित अनेक असंख्य हाथी,घोड़ों सहित जीव जंतुओं का संहार जग जाहिर है।
लेकिन इस बार संयोग से "विश्व घसन पक्ष" के दौरान कही शुभ पर्व,दिन भी घटित हो रहे हैं, जिस कारण इस पक्ष का दोष अवश्य काम हो सकता है। और इन पर्व त्योंहारों को मानने,धारण आदि करने में भी विश्व घसन पक्ष"का कोई दोष नही है। इस पक्ष में पड़ने वाले मुख्य त्योहार:-
1.) दिनांक 09 सितंबर हरितालिका तृतीय। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता गौरी की पूजा का विधान है।इस दिन सौभाग्यवती स्त्री सन्तति की कामना से भी शिव-गौरी की पूजा करती है।।
2. ) दिनांक 10 सितंबर गणेश चतुर्थी व्रत। गणेश जी सभी प्रकार के विघ्न,बाधा और विपत्ति का निवारण करते हैं।सभी लोग भली भांति विदित ही हैं।
3.) 14 सितंबर राधा अष्टमी।
4.) 17 सितंबर भगवान "वामन"जयन्ति।।
इस प्रकार यह पक्ष जहां अशुभता का द्योतक माना जाता है, वहीं दूसरी तरफ बहुत विघ्नहर्ता गणेश चतुर्थी, वामन जयन्ति और राधा अष्ठमी जैसे शुभ संयोग भी घटित हो रहे हैं। अतः विश्व घसन पक्ष का अशुभ प्रभाव अवश्य कुछ कम होगा ही होगा।
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