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      देहरादून :

 


सिविल जज (सी0डि0)/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,  देहरादून  नेहा कुशवाहा  द्वारा  आज व्यक्तियों की सहायता के उद्देश्य हेतु पराविधिक कार्यकर्तागण एवं लाॅ कालेजों के विद्यार्थियों की टीम गठित कर चशायर होम, प्रीतम रोड, डालनवाला, देहरादून में निरीक्षण किया गया।  
सर्वप्रथम सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा चशायर होम, प्रीतम रोड, डालनवाला, देहरादून में वहाॅ पर उपस्थित स्टाॅफ से वहाॅ भर्ती हुए व्यक्तियांे के बाबत् पूछताछ की गयी। उक्त चशायर होम मंे निवास कर रहे व्यक्तियों के प्रत्येक कक्ष एवं उनके बिस्तरों का निरीक्षण प्राधिकरण द्वारा किया गया। 

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सभी व्यक्तियों के कक्ष एंव बिस्तर साफ-सुथरें थें तथा किसी भी प्रकार की कोई गंदगी नहीं पायी गयी। उक्त चशायर होम में व्यक्तियों के प्रयोगार्थ बनाये गये शौचालयों का भी निरीक्षण किया गया जो साफ-सुथरें पाये गये एवं यह भी पाया गया कि व्यक्तियों हेतु बनाये गये शौचालय पर्याप्त मात्रा में थें। 

रसोईघर का निरीक्षण भी किया गया जिसमें सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा पाया गया कि रसोईघर में पूर्णतः साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा था। रसोईघर में उपलब्ध बर्तन आदि साफ-सुथरें पाये गये तथा यह भी पाया गया। इसके अतिरिक्त खाने-पीने की व्यवस्था भी संतोषजनक पायी गयी। निरीक्षण के दौरान कई व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि उनकी वृद्वावस्था पेंशन अभी तक नहींे बनी हैं। 

उनके द्वारा वृद्वावस्था पेंशन बनवाये जाने का अनुरोध किया गया जिस पर सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा इस सम्बंध में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि उन्हें चलने-फिरने हेतु  Stick /Wheelchair  की भी सुविधा उपलब्ध है। उक्त शिविर में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा यह भी अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल द्वारा उत्तराखण्ड के सरकारी कार्यालयों व न्यायालयों से सम्बंधित कानूनी सहायता हेतु आॅफलाईन सुविधा के अतिरिक्त आॅनलाईन सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है, जिसके सम्बंधित व्यक्ति राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली की नियमावली के अनुसार खुद पोर्टल में लाॅगइन कर प्रार्थनापत्र प्रेषित कर सकता है। पोर्टल हिन्दी व अंग्रजी दोनों माध्यमों में उपलब्ध है। यह सुविधा आॅफलाइन भी मिलेगी एवं पात्र व्यक्ति  NALSA Legal Services Management System (LSMS) Online Portal पर जाकर प्रार्थनापत्र प्रेषित कर सकते हंै। उक्त शिविर में सचिव द्वारा स्थाई लोक अदालत बाबत् भी जानकारी दी गयी।

 उपस्थित व्यक्तियों को अवगत कराया कि स्थायी लोक अदालत का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा-22 बी के अन्तर्गत किया गया है। वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य मंे देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार एवं नैनीताल में स्थाई लोक अदालत का गठन किया गया है, बाकी समस्त जिलों मंे स्थाई लोक अदालतों के गठन का कार्य विचाराधीन है। 

जनपद देहरादून मंे स्थायी लोक अदालत का गठन फौजदारी न्यायालय परिसर, देहरादून में किया गया है जिसमें जनउपयोगी सेवाओं से सम्बंधित मामलों का त्वरित/निशुल्क निस्तारण किया जाता है एवं कोई भी व्यक्ति अपने मामलों को उक्त स्थायी लोक अदालत के माध्यम से जल्द से जल्द व कम खर्च में निस्तारित कर सकें।  

अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें- 

स्थाई लोक अदालत, देहरादून, फौजदारी न्यायालय परिसर, देहरादून की ई-मेल आई0डी0- pladoon@outlook.com     एवं मोबाईल नम्बर पर 8958059156 सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। 

यह भी अवगत कराया कि यदि किसी भी व्यक्ति को अपनी समस्या के निवारण हेतु अन्यथा निशुल्क विधिक सहायता हेतु आवश्यकता हो या उनकी पेंशन/राशनकार्ड/मृत्यु प्रमाण-पत्र आदि को बनाने में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के दूरभाष नम्बर 0135-2520873 एवं ई0मेल-  dlsa-deh-uk@nic.in  पर सम्पर्क कर सकता है। 

अंत में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा उपस्थित व्यक्तियों को नालसा द्वारा बनायी गयी स्कीमों के तहत जानकारी दी गयी। उक्त शिविर में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा बनायी गयी  NALSA (Legal Services to Victims of Acid Attack) Scheme, 2016  विषय पर जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त मानसिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा बनायी गयी नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिये विधिक सेवाऐं), योजना, 2015 के तहत जानकारी दी गयी। उक्त शिविर में उपस्थित व्यक्तियों को सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा प्राधिकरण सम्बंधी विभिन्न कानूनी विषयांे पर व्यक्तियों को जानकारी दी जैसेः महिला सुरक्षा, बाल सुरक्षा को लेकर पोक्सों एक्ट 2012 के अंतर्गत यौन अपराध, यौन छेड़छाड़, के अपराधों के प्रतिषेध कृत कानून की विस्तार से जानकारी दी। इसके अतिरिक्त बाल अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार, घरेलू हिंसा संरक्षण,से भी अवगत कराया।

 इसके अतिरिक्त नालसा द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिये बनायी गयी स्कीम की भी जानकारी दी जिसमें उनके लिये बनाये गये अधिकारों से भी अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त सचिव द्वारा नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विधिक सेवायें) योजना, 2015, के तहत भी जानकारी भी दी गयी। सचिव द्वारा उपस्थित व्यक्तियों को यह भी अवगत कराया कि समाज के कमजोर, निर्धन एवं असहाय लोगों को न्याय से वंचित न होना पड़ें इसके लिये विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की नियमावली का गठन किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत यह प्रावधान किया गया कि समाज के सभी ऐसे वर्ग जो निशुल्क कानूनी सहायता एवं परामर्श प्राप्त करने के वास्तव में हकदार है उन्हें आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े एवं वह अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकें एवं समय पर उन्हें न्याय प्राप्त हो सकें। 

इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों एवं तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समिति का गठन किया गया। उक्त अधिनियम के अन्तर्गत राज्य प्राधिकरण या उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला प्राधिकरण एवं ताल्लुक प्राधिकरण में प्रत्येक व्यक्ति जिनका कोई मामला विचाराधीन है या दायर करना है उन मामलांे में निम्नलिखित पात्र व्यक्तियों को कानूनी सेवाएं देने के मानदण्ड निर्धारित किए गए हैं।

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