राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने ट्विटर पर महाअभियान छेड़कर देश के 73 लाख एनपीएस कार्मिकों ने एक अगस्त को पुरानी पेंशन बहाली के लिए ट्विटर पर हल्ला बोला।ई
राज्य के 78000 कार्मिकों ने ट्विटर के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली के लिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को लाखो ट्वीट किए, देश व प्रदेश में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया दिवस पर कार्मिकों ने अपनी ताकत दिखाई l
राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत के नेतृत्व में देश मे चल रहे पुरानी पेंशन बहाली के अभियान को प्रदेश के हज़ारों कार्मिकों ने हज़ारों की संख्या में ट्वीट कर देश के सांसदों को टैग करते हुए लाखो ट्वीट किये।
अभियान के बारे में वार्ता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने बताया कि वर्तमान में देश की संसद में मानसून सत्र गतिमान है , जिसके लिए 1 अगस्त को ट्विटर के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को सरकार के समक्ष रखा जाना था। क्योंकि 21 वीं सदी सोशल मीडिया की सदी है और आंदोलनों को भी समय के साथ चलना आवश्यक है। इस क्रम में आज प्रदेश कार्मिकों ने इस अभियान में बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया। यदि शीघ्र इस मांग को गम्भीरता से नही लिया गया तो जमीन पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
कुमाउं मण्डल अध्यक्ष कपिल पाण्डे ने कहा कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर आज अखिल भारतीय ट्विटर महाअभियान पर कार्मिकों द्वारा ट्वीट कर दिखाया गया कि हमारी यह मांग कितनी अहम और जरूरी है। इस के लिए हम प्रदेश के हर कार्मिक का , मीडिया बंधुओ का आभार व्यक्त करते हैं कि आपने हमें भरपूर सहयोग किया।
प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि कोरोना काल मे सोशल मीडिया ही एक माध्यम है जिसके जरिये हम अपनी बात सरकारों तक पहुंचा सकते हैं । हालांकि जमीन पर लड़ाई लड़ने का अवसर जब भी आएगा तब यह आन्दोलन राज्य में एक नया इतिहास लिखेगा।
प्रान्तीय संरक्षक जसपाल रावत ने कहा कि आज लाखो कार्मिक एकता चीख चीख कर कह रही है कि इस नई पेंशन व्यवस्था में हमारा बुढापा सुरक्षित नही है हमें पुरानी पेंशन व्यवस्था लौटा दीजिए आशा हूं प्रधानमंत्री जी कार्मिकों इन मांग को गम्भीरता से लेकर कार्मिकों की मूल समस्या का अवश्य कोई हल निकालेंगे।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ डी सी पसबोला ने कहा कि समस्या कहां है यह पता हो तो आसान हो जाता है कि उसका हल कैसे निकाला जाए। अब जब स्पष्ट है कि नई पेंशन व्यवस्था से कार्मिक संतुष्ट नहीं है तो उन्हें उनके हिस्से का हक़ मिलना चाहिए।केवल बातों से कार्मिकों का गुस्सा और बढ़ने की आशंका है, इसलिए शीघ्र इसका हल निकाल कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो।
प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट ने कहा आज सोशल मीडिया दिवस पर 2004-05 के बाद नियुक्त कार्मिको ने सोशल मीडिया पर यह दिखा दिया है कि हर जगह पुरानी पेंशन बहाली की आवाज़ गूंजती रहेगी।
चमोली जिले अध्यक्ष पूरन सिंह फर्स्वाण ने कहा कि सरकारों को अब समझने की जरूरत है कि केवल कोरी बातों से कुछ नही होगा। संसद में आप लोगो को इसलिए भेजा गया है कि आप इसका हल निकालें, अन्यथा की स्थिति के लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होंगी।
प्रदेश महिला उपाध्यक्ष योगिता पन्त ने कहा कि इस आंदोलन महिला प्रतिभागिता के बिना अधूरा है और मातृशक्ति अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए बड़ी से बड़ी मुसीबतों से लड़ जाती हैं , ये तो मात्र कुछ सरकारें ही हैं।
ट्विटर के इस अभियान से सरकारें अंदाज़ा लगा सकती हैं कि इस मांग से सरकारों और कार्मिकों दोनो का भविष्य जुड़ा है।
गढ़वाल मंडल उपाध्यक्ष रश्मि गौड़ ने कहा कि संगठन के पक्ष में देखा जाए तो राजनीति हमारा काम नहीं , ना ही आंदोलन करना, लेकिन जब लगातार किसी मांग को अनसुना किया जाय तो और चारा क्या रह जाता है ,आने वाला भविष्य कार्मिकों और उनके परिवारों दोनो के लिए उज्ज्वल हो, यही हमारी कामना है ।
प्रदेश आई टी सेल प्रभारी अवधेश सेमवाल ने कहा कि देश के विकास में निरन्तर ईमानदारी से काम करके यदि कार्मिकों का भविष्य और बुढापा ही गर्त में जा रहा हो तो ऐसे समर्पण और सेवाभाव का क्या फायदा है l इसलिए सरकार कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाल कर कार्मिकों को कृतार्थ करे और इस नई पेंशन के अभिशाप से मुक्ति दिलाए।
प्रदेश प्रेस सचिव कमलेश कुमार मिश्रा ने प्रेस को बताया कि सोशल मीडिया दिवस और कार्मिकों के आह्वाहन को एक नया रूप आज राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने दिया है जिसमे लाखो कार्मिकों ने लगातार लाखों ट्वीट्स के माध्यम से अपनी मांग रखी।
जिला अध्यक्ष नैनीताल पंकज बधानी ने कहा हम सारी प्रेस और मीडिया का आभार व्यक्त करते हैं कि कोरोना काल में कार्मिकों के समर्पण और बलिदान को देखते हुए आप कार्मिकों के साथ इस मुद्दे पर मजबूती से खड़े हैं।
प्रदेश संयोजक मिलिन्द बिष्ट ने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने में आलोक पाण्डे, रेणु डांगला, रणवीर सिंधवाल, अवंतिका पोखरियाल, नीलम बिष्ट, रजनी रावत, शशि चौधरी भवान सिंह नेगी, नरेश भट्ट, राजीव उनियाल, मक्खन लाल साह, छत्रपति पाण्डे, सुबोध कांडपाल, राजेन्द्र शर्मा, रज्जन कफलटिया, कैलाश अंडोला, विकास थपलियाल, भूपाल सिंह धामी, मयंक सिंधवाल, सौरभ नौटियाल, प्रदीप सजवान, दीपक गोडियाल, प्रदीप जुयाल, देवेंद्र मेहता, अनिल जोशी, इंदुवर जोशी, त्रिभुवन बिष्ट, भास्करानंद आर्य, खीम सिंह खत्री , बलवंत असवाल, गुरुदेव रावत, मुरली मनोहर भट्ट,आदि साथियो का महत्वपूर्ण सहयोग रहा l
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