Halloween party ideas 2015


डोईवाला:


स्तनपान प्रकृति द्वारा मां को प्रदत वह वरदान है जो एक शिशु के भविष्य को सींचता है। बच्चे का स्वास्थ्य और दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए स्तनपान सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गयी।

गुरुवार को अस्पताल के पोस्ट नेटल वार्ड, एनआईसीयू, बाल रोग व स्त्री रोग विभाग में जागरूकता अभियान चलाया गया गया। नियोनेटोलॉजी विभाग के डॉ. राकेश कुमार ने गर्भवती महिलाओं को जानकारी देते हुये बताया कि मां का दूध शिशुओं के लिए आदर्श आहार है। स्तनपान से मां और शिशु दोनों के लिए कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। स्तन पान की जगह फॉर्मूला या डब्बे के दूध का प्रयोग स्तनपान की अवधि को कम करता है।  हमें इस बात पर गौर करने की जरूरत है की कोई भी फैक्ट्री अपने दूध में एंटीबॉडी और वो पोषक तत्व नहीं डाल सकते जो भगवान ने मानव दूध में डाले हैं। अगर हम गाय या किसी अन्य पशु से प्राप्त होने वाले दूध की बात करें तो उनमें वसा एवम प्रोटीन की मात्रा में फर्क होता है और मानव मस्तिष्क को बढ़ने में मदद करने वाले पदार्थों की काफी कमी रहती है और यह सुपाच्य भी नही होता है। ध्यान देने योग्य बात है की प्रकृति ने सभी प्राणियों के विकास के लिए माँ के दूध की रचना की है जो की हर स्तनपायी के अपने प्रजाति के लिए होता है। मानव दूध मानव शरीर एवं मस्तिष्क के लिए बना है। डॉ. सनोबर, डॉ. सूरज, डॉ. तलहा, डॉ. सोहिनी भी स्तनपान के विषय से जुड़ी जानकारी दी। दूसरी और कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग केशवपुरी बस्ती स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र में जागरूकता अभियान चलाया। वहां उपस्थित महिलाओं को स्तनपान के महत्व की जानकारी दी गयी। डॉ. सुदीप भट्टाचार्य और डॉ. अभिनव पुंडीर ने चार्ट के माध्यम से स्तनपान कराने की सही तकनीक के बारे में बताया।


एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.