हरिद्वार:
पत्रकारिता का गिरता स्तर किस हद तक सामने आ रहा है यह कैसे पता चलता है? आज नवोदित पत्रकारों की बाढ़ आ गई है परंतु उनको क्षेत्र में कार्य करने के अनुभव होने से पहले ही पत्रकारों की तरह पेश किया जाता है जो कि एक चिंताजनक विषय है .
आम जनता भी इन पर यकीन कर अपने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और अपनी जानकारियां इन को सौंप देती है, जो समाज के लिए घातक हो सकती है .ऐसे ही हरिद्वार में कुछ नवोदित पत्रकारों द्वारा हुडदंग मचाया गया.
डी जी पी के आदेश पर दर्ज हुए मुकदमे से बचने के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगवाने गए थे तीनो आरोपित वंदना गुप्ता आशु शर्मा और संचित ग्रोवर।
31 मई की रात को हरमीत इंदौरिया पर सिंह द्वार के समीप वंदना गुप्ता संचित ग्रोवर आशु शर्मा एवं इनके अन्य साथियों द्वारा जानलेवा हमला किया गया था, जिसकी शिकायत डीजीपी देहरादून को की गई थी।
डीजीपी ने इसमें जांच के आदेश दिए थे. इस शिकायत की जांच आईपीएस अधिकारी विशाखा जी ने की थी। जांच रिपोर्ट 24 दिन बाद डीजीपी उत्तराखंड को सौंपी गई थी। जिसके बाद डीजीपी द्वारा मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया था। मुकदमा दर्ज होते ही अभियुक्त वंदना गुप्ता संचित ग्रोवर और आशु शर्मा हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगवाने की अपील लेकर पहुंचे थे। माननीय उच्च न्यायालय में 3 तारीख में सुनवाई होने के बाद इन सभी अभियुक्तों को गिरफ्तारी पर रोकना देते हुए 13 अगस्त तक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से आत्मसमर्पण करने के आदेश मिले थे, लेकिन कल 13 अगस्त तक किसी भी अभियुक्त ने क्आत्मसमर्पण नहीं किया है।
अभियुक्त आशु शर्मा इससे पहले भी सिंहद्वार पर एक रिटायर्ड अध्यापक के साथ अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर मारपीट कर चुका है ।जिसमें थाना कनखल ने मुकदमा दर्ज करते हुए एनसीआर दर्ज की थी ।अब यह एनसीआर भी कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने हेतु सुनवाई में चल रहा है।
साथ ही हरमीत इंदौरिया ने अपनी जान को खतरा बना हुआ बताया है।वन्दना गुप्ता ,आशु शर्मा और संचित ग्रोवर के अलावा तीन और लोगो की पहचान हो चुकी है।
चंद्रशेखर चौधरी, आशीष और राहुल ने ही हमले से पहले बातो में लगाया था जिसका वीडियो हरमीत ने अपने फ़ोन से बनाया था। ,क्योंकि फोन घटना के वक़्त वन्दना गुप्ता द्वारा लूट लिया गया था। तो यह वीडियो गूगल के माध्यम से वापिस प्राप्त कर लिया गया हैं। जिसमे इन तीनो हमलावरों के चहरे और मोटर साइकिल नम्बर भी साफ दिखाई दे रहा हैं।यह वीडियो और सभी फोटोग्रेफ जाँच अधिकारी को सौंप दिए गए है।
एक टिप्पणी भेजें