- स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जिलों में कोविड रोकथाम की समीक्षा
- शासन व विभागीय अधिकारियों सहित जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी रहे मौजूद
- बच्चों को शीघ्र माइक्रोन्यूट्रेंट वितरित करने के दिये निर्देश
देहरादून;
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जनपदों की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की गई। वैश्विक महामारी कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश देते हुए समस्त सीएचसी, पीएचसी तथा जिला अस्पतालों में चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल स्टाफ, अक्सीजन सिलेंडर तथा कांसट्रेटर, दवाईयों एवं बच्चों के लिए मइक्रोन्यूट्रेंट सहित आवश्यक उपकरणों की खरीद एवं वितरण की समीक्षा की गई।
सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलाधिकारी से बारी-बारी कोविड की तीसरी लहर को रोकने के लिए जिला स्तर पर किये जा रहे तैयरियों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के मध्यनजर बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए माइक्रन्यूट्रेंट की खरीद कर एक सप्ताह के भीतर वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाय। इसके अलावा सभी अस्पतालों में आईसीयू तथा आक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ ही पीआईसीयू एवं निक्कू वार्ड की स्थापना किये जाने के निर्देश दिये। डा. रावत ने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ तथा उपकरणों एवं दवाईयों की पूर्ण व्यवस्था कर ली जाय जिसके लिए सरकार द्वारा एनएचएम, 15वें वित्त, एसडीआफएफ मद तथा कोविड पैकेज के तहत धनराशि आवंटित कर दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर और भी धनराशि मुहैया करा दी जायेगी। बैठक में वित्त एवं स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कहा कि जिन चिकित्सालयों में भवन की कमी है वहां पर प्री फेबरीकेटेड स्ट्रेक्चर का निर्माण किया जा सकता है जिसके लिए धनराशि दे दी गई है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि कोविड की रोकथाम संबंधी तैयारियों को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाय। जरूरत पडने पर जिलाधिकारी अपने जिले के निजी अस्पतालों से भी सहयोग ले सकते हैं। बैठक में सभी जिलाधिकारियों ने अपने जिलों की तैयारियों को विस्तार से रखा तथा कहा कि जिला प्रशासन हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
प्रत्येक व्यक्ति का बनेगा आयुष्मान कार्डः डा. धनसिंह रावत
60 दिन के भीतर 70 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने का रखा लक्ष्य
आयुष्मान कार्ड जारी करने में उत्तराखंड देशभर में तीसरे पायदान पर
आयुष्मान के जरिये सूबे के 3 लाख लोग करा चुके उपचार
राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों का एक छत के नीचे मिलेगी स्वास्थ्य सुविधाएं
राज्य सरकार आयुष्मान कार्ड के जरिये सूबे के प्रत्येक नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगी। जिसके लिए राज्यभर में सभी लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जायेंगे। इस योजना के अंतर्गत आगामी 60 दिनों में 70 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया हैं। गोल्डन कार्ड में राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्सों को आ रही दिक्कतों का समाधान किया जायेगा साथ ही कर्मचारियों को एक छत के नीचे सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में अटल आयुष्मान एवं गोल्डन कार्ड योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सूबे के सभी नागरिकों को अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाएं देने को प्रतिबद्ध है जिसके लिए सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाये जाने के लिए दो माह का लक्ष्य रखा गया है। विभागीय मंत्री ने कहा कि अभी तक 44 लाख आयुष्मान कार्ड जारी हो चुके हैं आगामी दो माह के भीतर 70 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों निर्देश दिये गये हैं। डा. रावत ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा संज्ञान में लाई गई अटल आयुष्मान योजना की व्यवहारिक दिक्कतों को जल्द दूर कर राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों को एक छत के नीचे कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जायेगी।
बैठक में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के चेयरमैन दिलीप कोटिया ने बताया कि सर्वाधिक आयुष्मान कार्ड जारी करने वाले राज्यों में उत्तराखंड देशभर में तीसरे स्थान पर है जबकि छत्तीसगढ़ प्रथम और केरल द्वितीय स्थान पर है। अब तक तीन लाख लोगों ने इस महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया है। इस योजना के तहत राज्य में 205 अस्पताल को संबद्ध किया किया गया है जिसमें 102 सरकारी तथा 103 निजी अस्तपाल है। जबकि देशभर में 25 हजार अस्पताल पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड का लाभ सार्वधिक डायलिसिस एवं कैंसर के मरीजों ने उठाया।
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