देहरादून:
न्यू संस्था ने बालावाला क्षेत्र के अंतर्गत बांसवाड़ा क्षेत्र में आई०आई०एस०ई०आर ( इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड एजुकेशन रिसर्च) एंड नामक संस्था बनाने हेतु 25000 पेड़ों की कटाई को लेकर जिलाधिकारी देहरादून को प्रार्थना पत्र दिया है।
उन्होंने अवगत कराया है कि 03 एकड़ वर्ग भूमि पर फैले हुए क्षेत्र पर हरे भरे पेड़ खड़े है जिन पर संस्थान को बनाने हेतु आरी चलाई जाएगी।
अतः न्यू संस्था जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखंड सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की हैं ,।
इस वक़्त उत्तराखंड पर जीरो टॉलरेंस की सरकार विकास की ओर अग्रसर है और अभी हमारा प्रदेश कोरोना की मार से पूरी तरह उभरा भी नही और कोरोना काल में हमने ऑक्सीजन के महत्व को पहचाना है।
ऐसे में पेड़ की कटाई कोई उचित निर्णय नही है। इस फैसले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से निवेदन किया हैं कि इस फैसले पर पुनर्विचार कर उचित कार्यवाही करने की महान कृपा करें ।
इस अवसर पर न्यू संस्था के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह ,कांता ,करण, राहुल ,हर्षित ,सौरभ, सुमित, सन्नी ,नीतीश आदि मौजूद रहे।
ज्ञात हो कि एक अंग्रेजी समाचार के माध्यम से यह बात सामने आई थी कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को एक एजुकेशनल रिसर्च सेंटर खोलने हेतु प्रस्ताव दिया गया है जिसके लिए बालावाला क्षेत्र में भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
इसे केवल वह हरी-भरी पट्टी प्रभावित नहीं होंगी वरन बहुत से जानवरों का बसेरा भी यहां तक कि हाथियों का आने जाने का मार्ग भी प्रभावित होगा ।
वन अधिकारियों के अनुसार फॉरेस्ट डिविजन मसूरी क्षेत्र के अंतर्गत रायपुर फॉरेस्ट रेंज में बालावाला क्षेत्र में सॉन्ग नदी के किनारे अनेक प्रकार के साल ,आमला और महत्वपूर्ण वृक्षों की कटाई करने की राज्य सरकार की योजना है। क्योंकि लोगों ने साइंस रिसर्च सेंटर बनाने हेतु भूमि अधिग्रहण पर अधिक मुआवजे की मांग की है अतः प्रदेश सरकार ने हरे भरे वनों को काटने की योजना बनाई है ।
जिसके अंतर्गत 20,000 से 25000 पेड़ों को काटा जाएगा और जिनमें से 5000 पेड़ों को चिन्हित कर लिया गया है।
देखना यह है कि पर्यावरण संस्थाओं के वृक्षों के बचाव में आगे आने पर सरकार और शासन प्रशासन क्या फैसला लेता है?
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