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 पिछले वर्ष से जारी कोरोना महामारी में लॉक डाउन के चलते जहाँ अभी भी निर्धन और ज़रूरतमंदों के बीच जीविका के लिए अनिश्चितता और भय का माहौल बना हुआ है। जबकि इस महामारी ने इस वर्ष और भी विकराल रूप ले लिया है ऐसे अनिश्चितकालीन संकट के समय में सभी सामाजिक संस्थाओं द्वारा अपने-अपने स्तर पर ज़रूरतमंद परिवारों के लिए भोजन-राशन की यथासंभव सहायता की जा रही है।





ऐसे में हरिद्वार स्थित प्रतिष्ठित नवरत्न औद्योगिक संस्थान बीएचईएल के ईएमबी बोर्ड द्धारा संचालित विद्यालयों से सेवानिवृत्त व कार्यरत सेवानिवृत्त व वर्तमान में सेवारत शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं पूर्व छात्र-छात्रओं व उनके परिजनों द्वारा भी पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी, पिछले डेढ़ माह से निरंतर ज़रूरतमंदों को भोजन, फल, कच्चा राशन, दवाइयाँ, ऑक्सीजन, ऑक्सिमिटर, सैनिटाइजर, मॉस्क, उनको अस्पताल में आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध कराना तथा नंदी गौशाला के पशु-चारे हेतु अपने-अपने स्तर पर लगातार सहयोग दिया जा रहा है। व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े सभी देश-विदेश से जुड़े पूर्व विद्यार्थियों द्वारा बढ़चढ़ कर योगदान दिया जा रहा है।


पूर्व छात्र प्रतीक पराशर ने ₹21000/- योगदान देते हुए बताया की हम विश्व के किसी भी कोने में रहें पर गुरुजनों से प्राप्त शिक्षा व संस्कार कभी नहीं भूल सकते हैं।   जिस प्रकार हम सभी ने पिछले साल ज़रूरतमंदों की निर्विघ्न सहायता की थी, इस वर्ष भी हम सभी अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से निरन्तर सेवा कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा भी इनके कार्यों की प्रशंसा की जा रही है।


सेवानिवृत्त शिक्षिका श्रीमती शशि खन्ना व श्रीमती रेणुका श्रीवास्तव ने बताया कि इस अदृश्य शत्रु से बचने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित लॉक डाउन का पालन करते हुए घर पर ही रहकर अपनी व दूसरों की रक्षा करना ही सर्वश्रेष्ठ देश सेवा है। पुलिसकर्मी एवं पूर्व छात्रा मंजू बालियान ने कहा कि हमारे लिए निस्वार्थ भाव की गई सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।


विद्या मंदिर सेक्टर 5बी में कार्यरत शिक्षक श्री संदीप गोयल व पंडित डॉ आंनद बल्लभ जोशी ने कहा कि हमारे सभी साथी व पूर्व विद्यार्थीगण ज़रूरतमंदों को यथासंभव राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिज्ञाबद्ध हैं। मुजफ्फरनगर में रह रहीं सेवानिवृत्त शिक्षिका श्रीमती पुष्पा साहू व सेवारत श्रीमती तरुणा गुप्ता ने बताया कि हमारे आज्ञाकारी पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा बिना प्रसिद्धि के सेवा भाव से किए गए अदृश्य योगदान ने हमारा मान बढ़ाया है। वहीं श्री पी.के.डोभाल द्वारा ₹30000/- और डॉ नरेश मोहन रतूड़ी द्वारा ₹5000/-  से अपना योगदान दिया और बताया की उनके पूर्व विद्यार्थियों द्वारा किये का रहे इस मानवता को सच्ची शिक्षा का परिणाम है जो पिछले साल से शुरू होकर इस वर्ष भी जारी है।


इस सेवा को सुचारू रूप से जारी रखने में पूर्व छात्र-छात्राओं ने 4 से 5 बार दोबारा अपना अदृश्य योगदान दिया।

 

श्रीमती माधुरी मिश्रा व श्रीमती कुशल शर्मा ने जानकारी दी की इस गैर सामाजिक संगठन द्वारा गुरु-शिष्य की परम्परा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्वयं ही 02 लाख रुपए एकत्रित कर 300 परिवारों को 01 महीने का कच्चा-राशन उपलब्ध कराया जो अब भी जारी है।


इस भोजन सेवा को अपने शिक्षकवर्ग के सानिध्य एवं उनके आदेशों का पालन करते हुए वहीं के पूर्व छात्र- छात्राएं दीपाली गोयल, अर्चना शुक्ला, मंशा मिश्रा, पूनम बाजपेयी, संदीप खन्ना, संदीप धीमान, रंजना चतुर्वेदी, शिप्रा गुप्ता अंशू शर्मा, अल्पना, शिवानी दत्ता, कल्पना दीक्षित, सुनीता दीपक, मंजू बालियान, श्याम सिंह, जगमोहन, अमित मेहता, दुर्गा प्रसाद, समीर वर्मा, प्रवीण कपिल, आरती, अनिल रावत, दीपक भारद्वाज, नवीन गोयल, धनीराम, पुनीत गुप्ता, रचना ठुकराल, जिनेश रोहिला, संजीव शर्मा, रवींद्र अरोड़ा, मौसमी चक्रवर्ती, स्वाति त्यागी, मानसी मिश्रा, रेणु, सरिता शर्मा, एवं आदि निरन्तर भोजन, दवाइयाँ, सैनिटाइजर, मॉस्क आदि वितरण कर रहे हैं।

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