डोईवाला:
रिपोर्ट अंजना गुप्ता
मालसी पार्क में गुलदार की होश आते समय स्थिति
10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार वन कर्मियों ने गुलदार को पकड़ लिया। गुलदार को पकड़ने के लिए जो तरकीब अपनाई गई है ,वह कुछ अटपटी अवश्य लगती है ।परंतु वन विभाग के अफसरों का कहना है कि वह एक छोटे स्थान पर झाड़ियों में बार-बार छुप कर बैठा था। जहां से उसको बाहर निकालने के लिए इस तरह की तरकीब का इस्तेमाल करना पड़ा।
सुबह जब गुलदार स्कूल के बाउंड्री वॉल फांद कर अनेक लोगों को घायल करता हुआ एक फॉर्म हाउस में घुस गया तो उसे वन विभाग के कर्मियों और पुलिस ने वही घेर लिया। ।हालांकि आम जनता ने भी भारी भीड़ के बीच खूब हो-हल्ला किया और वन विभाग ने भी ड्रोन की मदद से उसे ट्रेस करने की कोशिश की । परंतु गुलदार झाड़ियों से निकलकर हमला कर बार-बार झाड़ी में छुप जाता रहा। अंततः शाम को वन विभाग द्वारा एक तरकीब निकाली गई की झाड़ियों में डिस्टरबेंस पैदा कर गुलदार को बाहर लाने की कोशिश की जाए ।लाठी-डंडों की सहायता से झाड़ियों में दबिश दी गई जिससे गुलदार घबराकर बाहर निकाल निकल आया क्योंकि वह झाड़ी में ट्रेंकुलाइज नहीं हो पा रहा था। अतः बाहर आते ही वन कर्मियों ने उसपर लगातार डंडों से प्रहार किया और उसको ट्रेंकुलाइज कर चैन की सांस ली ।
वन विभाग के अधिकारी आकाश वर्मा के अनुसार गुलदार ने वन विभाग के कारण कई कर्मचारियों को घायल किया ,परंतु वह सब मामूली खरोंच हैं ।उनमें से कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है । गुलदार को पकड़ने के पश्चात उसे मालसी डियर पार्क डॉक्टरों की देखरेख में ले जाया गया है। पशु चिकित्सकों की देखरेख में मालसी डियर पार्क में रात 8:30 बजे के बाद उसे होश आने लगा। गुलदार के बारे में उन्होंने बताया कि वह गुलदार नर है जो कि लगभग 8 वर्ष का है ।
आमतौर पर गुलदार आबादी के आस पास नहीं जाते हैं परंतु यदि आबादी के निकट जंगल के क्षेत्र हो तो उनके आने की मनाही भी नहीं है ।उन्होंने कहा कि इस तरह गुलदार की आबादी में घुस जाने को लेकर आइंदा से सतर्कता बरती जाएगी, जिससे कि आम लोगों को परेशानी ना हो ।
इस दौरान फेसबुक पर अनेक लोगों द्वारा वीडियो शेयर की गई जिसमें गुलदार को डंडों से मारते हुए दिखाया गया है जिसे देखकर लोगों ने जानना चाहा कि वह गुलदार जीवित है अथवा मर गया. फॉरेस्ट ऑफिसर आकाश वर्मा के अनुसार पशु चिकित्सकों की देखरेख में गुलदार को होश आने लगा है हालांकि उसको ट्रेंकुलाइज का अवसर अवश्य था।
क्षेत्र में दिनभर गुलदार की चर्चाओं का दौर जारी रहा। सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय लोगों में गुलदार की चर्चा रही और एक गुलदार के पीछे सैकड़ों की भीड़ पड़ी रही, जबकि ऐसे ऑपरेशन के दौरान लोगों की भारी भीड़ चिंता बढानेवाली थी, वो भी कोरोना महामारी के दौरान।
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