देहरादून:
जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने वर्चुअल माध्यम से कोविड संक्रमण की समीक्षा बैठक करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने निर्देश दिए कि जिन चिकित्सालयों द्वारा कोविड-19 संक्रमण के उपचार के दौरान गाईडलान्स का उल्लंघन करते हुए लोगों से निर्धारित धनराशि से अधिक धनराशि वसूली है, ऐसे सभी चिकित्सालयों को नोटिस प्रेषित करने के साथ ही सम्बन्धितों की धनराशि वापस करवाते हुए ऐसे चिकित्सालयों के विरूद्ध क्लीनिकल इस्टबलिसमैन्ट एक्ट में कार्यवाही की जाए।
जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को निर्देश दिए कि जनपद में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आईवरमैक्टिन की दवा वितरण का डेटा हरहाल में कल तक गूगल सीट पर अद्यतन कर लिया जाए।
जिला प्रशासन के तत्वाधान में समाज कल्याण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र द्वारा मुनीसाभा सेवा सदन पुनर्वास संस्थान के सहयोग से सरस्वती विद्या मन्दिर इन्टर कालेज बाबूगढ विकासनगर में दिव्यांगजनों हेतु टीकाकरण शिविर लगाया गया जिसमें 32 दिव्यांगजनों को कोविड-19 का टीका लगाया गया। इस दौरान 03 ऐसे दिव्यांगजनों को भी चिन्हित किया गया, जिनकों बहु-विकलांगता के कारण घर पर ही टीकाकरण किया गया साथ ही मनोचिकित्सक द्वारा कांउसिलिंग कराई गई। संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत मास्क, सेनिटाइजर आदि जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई गई।
जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में उप जिलाधिकारी सदर द्वारा जनपद स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन हरिद्वार बाईपास रोड में टीकाकरण हेतु बनाई जा रही जम्बो साईट के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में सम्बन्धितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जनपद के तहसील त्यूनी क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम सिलीडा(सिलावडा) में कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाए जाने के फलस्वरूप उक्त क्षेत्र को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया है।
जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु शासन द्वारा कोविड कफ्र्यू को 15 जून की प्रातः 06 बजे से 22 जून 2021 की प्रातः 06 बजे तक बढाये जाने हेतु दिशा-निर्देश प्राप्त हुए है, जो जनपद देहरादून क्षेत्रान्तर्गत यथावत लागू एवं प्रभावी रहेंगे।
जिलाधिकारी डाॅं0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया है कि जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत प्राप्त हुई रिपोर्ट में 76 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव प्राप्त होने के फलस्वरूप जनपद में आतिथि तक कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 110363 हो गयी है, जिनमें कुल 106148 व्यक्ति उपचार के उपरान्त स्वस्थ हो गये हैं। वर्तमान में जनपद में 197 व्यक्ति उपचाररत हैं। आज जांच हेतु कुल 4628 सैम्पल भेजे गए। जनपद में जिला प्रशासन द्वारा 28 एवं एसडीआरएफ द्वारा 13 तथा विभिन्न विकासखण्डों में 31 होम आयशोलेशन किट का वितरण किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा आज 66530 व्यक्तियों का सर्विलांस किया गया जिनमें 04 व्यक्तियों में कोविड संक्रमण के लक्षण पाए गए। आपदा कन्ट्रोलरूम में होमआयशोलेशन में रह रहे व्यक्तियों एवं वृद्धजनों की सहायता हेतु स्थापित हेल्पलाईन पर आज कोई काॅल प्राप्त नही हुई। इसी प्रकार आज कोविड कन्ट्रोलरूम से होमआयशोलेशन में रह रहे 66 व्यक्तियों से सम्पर्क कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। आज नगर क्षेत्र में कुल 4.28 लाख तथा अब तक कुल 34.24 लाख आईवरमैक्टिन दवा का वितरण बीएलओ के माध्यम से किया गया।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन बीर सिंह बुदियाल द्वारा आज जनपद की सीमा चैक पोस्ट आशारोड़ी, दर्रारेट के साथ ही रेलवे स्टेशन एवं आईएसबीटी पर बनाए गए सैम्पलिंग प्वांईट का निरीक्षण किया। इसके अलावा उप जिलाधिकारी सदर ने आढत बाजार, हनुमान चैक, पल्टन बाजार, सब्जीमण्डी आदि स्थानों पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का निरीक्षण किया तथा लोगों को मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। इसी प्रकार उप जिलाधिकारी मसूरी वरूण चैधरी ने माॅल रोड, लण्ढौर आदि स्थानों पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त उप जिलाधिकारी ऋषिकेश मनीष कुमार ने रायवाला क्षेत्र में की जा रही सैम्पलिंग का जायजा लिया।
जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में वीडियोकान्फ्रेसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन (शहरी) की सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अधिशासी अभियन्ता पेयजल निगम संदीप कश्यप ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या के अुनरूप पेयजल आपूर्ति, तालाब व पुरानों स्त्रोतों का पुनर्जीवन, सीवरेज मैनेजमेंट, सैनिटेशन इत्यादि से सम्बन्धित ‘‘सिटी वाटर बैलेंस प्लान’ के सम्बन्ध में पेयजल निगम और जल संस्थान द्वारा स्थानीय नगर निकायों (नगर निगम और नगर पालिकाओं) के सहयोग से डाटा तैयार किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में पेयजल निगम और जल संस्थान को निर्देशित किया कि शहरी क्षेत्रों में आबादी के अुनसार प्रतिव्यक्ति पेयजल उपलब्धता, पेयजल की अधिक आवश्यकता होने की स्थ्तिि में पुराने जलस्त्रोतों-तालाबों को पुनर्जिवित करने, सीवरेज मैनजमैंट , सैनिटाइजेशन, पेयजल तथा सीवरेज की रिसाईक्लिंग और उसका पुर्नउपयोग से सम्बन्धित डेटा को नगर निगम और सम्बन्धित नगर पालिकाओं के समन्वय से तैयार करते हुए सिटी वाटर बैलेन्स प्लान को राज्य स्तरीय समिति को तय समय पर प्रेषित करें। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन (शहरी) के चारों कमपोनेंट शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, सीवरेज मैनजमेंट, सैप्टिक मैनेजमैन्ट तथा जलस्त्रोतों का पुनर्जीवन से सम्बन्धित जिन क्षेत्रों का अभी तक डाटा तैयार नहीं किया है, उनका डाटा तत्काल तैयार करें तथा राज्य स्तरीय समिति को प्रेषित कर दें। विदित है कि जल जीवन मिशन (ग्रामीण) की तरह सभी शहरी क्षेत्रों में भी पेयजल आपूर्ति, सीवरेज मैनजमैंट, सैनिटेशन इत्यादि के सम्बन्ध में सिटी वाटर बैलेन्स प्लान तैयार किया जा रहा है तथा उत्तराखण्ड पेयजल निगम और जल संस्थान इसमें कार्यदायी विभाग हैं।
इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, नगर निगम देहरादून व ऋषिकेश सहित नगर पालिका परिषदों एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में श्रम विभाग की जिला स्तरीय टास्कफोर्स समिति की वीडियोकान्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने श्रम विभाग और टास्कफोर्स समिति के द्वारा विगत बैठक में भिक्षावृत्ति, बालश्रम, कूड़ा बिनने, नशाखोरी, इत्यादि में संलिप्त बच्चों की टैªकिंग, आईडेंटिफिकेशन, शिक्षा, पुनर्वास और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर यथोचित कार्यवाही करने में की गई लापरवाही के चलते गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए श्रम विभाग और टास्कफोर्स समिति के सदस्यों को सख्त चेतावनी दी कि सभी लोग अपनी कार्यप्रणाली में तत्काल सुधार लायें और बच्चों के कल्याण से सम्बन्धित कार्य में आगे से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने देहरादून के सहायक श्रमायुक्त और शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा बैठक में अनुपस्थित रहने तथा पूर्व में दिए गए निर्देशों पर लक्षित कार्यवाही ना करने के चलते स्पष्टीकरण प्राप्त करने को कहा। जिलाधिकारी ने पूर्व में निर्देश दिये थे कि जो बच्चे कूड़ा बिनने, भिक्षावृत्ति करने, नशाखोरी और बालश्रम में संलिप्त पाये जाते हैं उनको ठीक तरह से आईडेंटिफाई करते हुए आवश्यकतानुसार सम्बन्धित विभाग उनकी चिकित्सा, शिक्षा, स्वरोजगार स्किल्ड में लक्षित कार्यवाही करेंगे तथा बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने तथा बाल श्रम करवाने वालों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करते हुए कार्यवाही करेगें, जिस पर समिति द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नही की गई।
जिलाधिकारी ने उक्त के सम्बन्ध में कमेटी को पुनः निर्देश दिए कि पूर्व में दिये गये निर्देशों पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही पूर्ण करते हुए कृत कार्यवाही से उन्हें अवगत करायें। उन्होंने कहा कि आगे से ध्यान रखें कि जो बच्चे भिक्षावृत्ति, कूड़ा बिनने, नशाखोरी, बालश्रम में सलंग्न पाये जाते हैं, उनकी पहचान करते हुए आवश्यकतानुसार उनकी शिक्षा, कांउसिलिंग, स्किल्ड, मेडिकल (कोविड-टैस्ट), पुनर्वास इत्यादि किया जाय। साथ ही इन बच्चों से बालश्रम व भिक्षावृत्ति करवाने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाय। उन्होंने श्रम विभाग को अन्य सम्बन्धित विभागों और गैर सरकारी संस्थाओं से कार्यवाही कराने हेतु लगातार पहल करते रहने को कहा।
जिलाधिकारी ने गोद में छोटा बच्चा लिए भिक्षावृत्ति करती पाई जाने वाली महिलाओं और उसके बच्चे का सत्यापन करवाने के पुलिस को निर्देश दिए। सत्यापन करने में उन्होंने वैधानिक सलाहकारों से समन्वय करते हुए माॅ-बच्चे का यथासंभव डीएनए भी करने को कहा जिससे ये पता चले कि बच्चा उसी महिला का है कि नहीं, अगर वह बच्चा उस महिला का नही पाया जाता तो सम्बन्धित महिला पर अभियोग दर्ज करते हुए जेल भेजा जाय और बच्चे को शिशु बाल सदन में रखा जाय। साथ ही शहर में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाया जाय। उन्होंने भिक्षावृत्ति और कूड़ा बिनने वाले बच्चों पर रोकथाम लगाने हेतु उनका ठीक तरह से सत्यापन और पहचान सुनिश्चित करने हेतु गैर सरकारी संगठन और सिविल सोसाईटी के उपस्थित सदस्यों को भी इस तरह के बच्चों की एक सूची तैयार करते हुए कमेटी को कार्यवाही करने हेतु सुपुर्द करने को कहा।
जिलाधिकारी ने कोविड-19 के दौरान अनाथ व बेसहारा हुए बच्चों को बाल तस्करी अथवा किसी भी प्रकार के शोषण से बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक यातायात को निर्देशित किया कि जिला प्रोबेशन अधिकारी से ऐसे बच्चों की सूची प्राप्त करते हुए प्रत्येक सप्ताह बीट स्तर के कांस्टेबल को ऐसे बच्चों के रहने वाले स्थान-आवास का विजिट करें, ताकि विजिट में ये सुनिश्चित किया जा सके कि ये बच्चे ठीक हालत में हैं तथा इनके साथ किसी भी प्रकार का कोई अत्याचार/दुव्र्यहार नही हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा लगता है कि किसी बच्चे के साथ सम्बन्धित अभिभावक/निकट सम्बन्धी ठीक से व्यवहार नहीं करता अथवा बच्चों को किसी भी तरह से मानसिक, शारीरिक प्रताड़ित हो रहा है तो उसकी सूचना तत्काल जिला प्रोबेशन अधिकारी को दें ताकि ऐसे बच्चों को तत्काल शिशु/बाल सदन अथवा बाल पुनर्वास केन्द्रों पर रखा जा सके, जहां उनकी शिक्षा, चिकित्सा, काउंसिलिंग इत्यादि की व्यवस्था की जाती हैं साथ ही उन्होंने चिकित्सा विभाग को भी निर्देशित किया कि ऐसे बच्चों का तत्काल कोविड टैस्ट अथवा आवश्यकतानुसार मेडिकल-चिकित्सा करवायें।
इस दौरान बैठक में पुलिस अधीक्षक यातायात एस.के सिंह, सहायक श्रमायुक्त ऋषिकेश के.के गुप्ता, क्षेत्राधिकारी हरेन्द्र पंत, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पाण्डेय, डाॅ संजीव दत्त सहित बाल बचाओ आन्दोलन, जिला बाल कल्याण समिति तथा गैर सरकारी संगठनों के सदस्य बैठक में उपस्थित थे।
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