हरिद्वार:
सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल, नवसम्वत्सर 13 अप्रैल तथा बैशाखी 14 अप्रैल स्नान पर्वों को सकुशल सम्पन्न कराये जाने एवं सुदृढ़ पुलिस प्रबन्ध किये जाने के उद्देश्य से स्नान पर्वों में ड्यूटी में नियुक्त किये गये समस्त पुलिस/पीएसी/अर्द्धसैनिक बलों एवं अन्य अनुशांगिक इकाईयों की ब्रीफिंग गुरूवार को पुलिस लाइन भल्ला काॅलेज स्टेडियम मायापुर हरिद्वार में आयोजित की गयी।
गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन ने इस अवसर
पर कहा कि कुम्भ मेला अपने आप में ऐसा आयोजन है, जिसमें देश-विदेश के
श्रद्धालु भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि महामारी में यह सबसे बड़ा धार्मिक
आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुंभ की ड्यूटी अन्य ड्यूटी से अलग होती
है, कोविड भी है, इसलिए इन सभी परिस्थितियों के अनुरूप अपनी जिम्मेदारी
निभानी होगी। जो भी परिस्थिति आए आपको विनम्र स्वभाव रखकर अपना फर्ज निभाना
होगा। यही संदेश आपकी उपलब्धि होगी।
उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय के साथ हमें श्रद्धालुओं की सेवा करनी है। मीडिया का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में मीडिया की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए सभी लोगों को बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए काम करना होगा। यदि कहीं कोई समस्या है, तो आपसी तालमेल और सहयोग से त्वरित रिस्पांस करते हुए समस्याओं का समाधान करना होगा। किसी भी विपरीत परिस्थितियों में सेक्टर मजिस्ट्रेट और मेला कंट्रोल रूम को तत्काल सूचना दें, जिससे उसका समाधान जल्द हो सके।
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि हरिद्वार का स्नान सीमित क्षेत्र में
होता है, इसलिए सीमित क्षेत्र में स्नान के दौरान अनावश्यक लगी दुकानें,
ठेलियां, गाडियां या कोई भी अन्य अनावश्यक संरचना हटनी चाहिये ताकि मेला
क्षेत्र को काफी स्पेस मिल सके। उन्होंने कहा कि भीड़ को रोकें नहीं, उन्हें
नियंत्रित करते हुए आगे बढ़ाते रहें। मेलाधिकारी ने कहा कि आवश्यक सेवाओं
को भी बाधित नहीं होने देना है, इसका भी ख्याल रखना है। उन्होंने यह भी कहा
कि ड्यूटी के दौरान विनम्र स्वभाव के साथ सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी
अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो भी जरूरत मंद
जैसे दिव्यांगजन, बीमार, बुजुर्गों आदि की, पूरी मदद करें, पैदल रूट पर सभी
व्यवस्था सुनिश्चित करें, वाहनों को पार्किंग में खड़ा करायें।
दीपक
रावत ने कहा कि शौचालय, पानी आदि का इंतजाम 12 से 14 अप्रैल के स्नान के
लिहाज से तैयार रखें। चैराहे, पार्किंग में सभी इंतजाम कराएं। सूचनाओं का
आदान प्रदान निरंतर करते रहें। उन्होंने कहा कि सभी जगह व्यवस्थायें
दुरूस्त होनी चाहिये तथा आवश्यक सेवायें सभी तक पहुंचनी चाहिये। उन्होंने
कहा कि कुंभ की ड्यूटी केवल ड्यूटी नहीं, सेवा और पुण्य प्राप्त करने का
अवसर है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि
जिसे भी महाकुंभ में ड्यूटी करने का अवसर मिला है, वह सौभाग्यशाली है,
क्योंकि उसे मां गंगा और मानवता की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने
कहा कि यह समय काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आने वाले स्नान पर्व
काफी महत्वपूर्ण है। इन पर्वों में देशभर के लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमें अपनी ड्îूटी की जानकारी और उसकी भूमिका का
ज्ञान होना चाहिए। सभी की भूमिका बराबर और अहम है। उन्होंने चेन का उदाहरण
देते हुये कहा कि चेन उतनी ही मजबूत होगी, जितनी उसकी कड़ी मजबूत होगी। अगर
कहीं कोई कमी रह गयी है, तो उसे जल्दी ही पूरा कर लें।
उन्होंने कहा कि
मेला प्रबन्धन-कहां पार्किंग है, कहां शौचालय हैं, कहां पानी है, कहां से
शटल बस मिलेगी, सबसे नजदीकी घाट कहां पर है आदि की भी हमें पूरी जानकारी
होनी चाहिए। शाही स्नानों के लिए हरकी पैड़ी अखाड़ों के लिए आरक्षित रहेगा,
इसलिए श्रद्धालुओं को अन्य घाटों पर जाने की राह दिखाएं। भीड़ प्रबंधन बेहतर
रखना सभी की जिम्मेदारी है।
पुलिस महानिरीक्षक महाकुंभ, संजय गुंज्याल
ने कहा कि कोविड के कारण पिछले साल सभी स्नान स्थगित हो गये थे।. इस साल
जनवरी से ये फिर से शुरू हुये हंै, इसलिए कुंभ को लेकर लोगों में उत्साह
है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कुंभ का प्रभाव राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय
स्तर पर भी पड़ता हैै। इसलिए आप सभी को इसी अनुरूप अपनी जिम्मेदारी निभानी
होगी। एक माला के रूप में एकजुटता के साथ अपनी ड्यूटी निभाएंगे तभी पूर्ण
सफलता प्राप्त होगी। आपको अपना बेस्ट देना है। लगातार तीन दिन के स्नान के
दौरान हम सबको अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी।
ब्रीफिंग में एसएसपी हरिद्वार श्री सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस के द्वारा उपस्थित पुलिस बल को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि मेला के कोर एरिया के अंदर जितने भी वाहन और पैदल आने-जाने के मार्ग हैं उन्हें मेले से पूर्व पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कर लिया जाए ताकि मेले के दिन श्रद्धालुओं और शाही स्नान के अखाड़ो के जुलूस को आवागमन में कोई बाधा न आये। सभी जोनल और सेक्टर पुलिस ऑफिसर अपने-अपने क्षेत्र मजिस्ट्रेटों के साथ ये कार्यवाही करेंगे।
श्री मुकेश ठाकुर अपर पुलिस अधीक्षक संचार द्वारा आपसी संपर्क के लिए
स्थापित की रेडियो ग्रिड व्यवस्था के बारे में सबको विस्तार से समझाया गया
और कहा गया कि ग्रिड का इस्तेमाल मेला से सम्बंधित जरूरी बातचीत के लिए ही
करे, अनावश्यक की बातचीत करके ग्रिड व्यवस्था को व्यस्त न रखें। आपस मे
संपर्क के लिए मोबाइल से ज्यादा वायर लैस सेट पर निर्भरता रखें क्योंकि
अत्यधिक भीड़ आने के बाद मोबाइल नेटवर्क सही से कार्य नही करेंगे।
ब्रीफिंग के शुरुआत में श्री सुरजीत सिंह पंवार, अपर पुलिस अधीक्षक कुम्भ मेला के द्वारा ब्रीफिंग की शुरुआत की गई और अंत तक मंच संचालन किया।
आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन के द्वारा निर्देशित किया गया कि कोरोना काल मे यह दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन किया जा रहा है इसलिए अपने आपको दृढ़प्रतिज्ञ और पूर्ण रूप से समर्पित रखते हुए ड्यूटी को अंजाम देना है। साधु संतों, श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों के साथ विनम्र व्यवहार करते हुए व्यवस्था बनानी है। इसके अलावा खुद को भी कोरोना संक्रमण से बचाना है और लोगों को भी कोविड की गाइड लाइन का पालन करने के प्रेरित करना है।
आईजी कुम्भ श्री संजय गुंज्याल द्वारा बताया गया कि आने वाले शाही स्नान एक परीक्षा की तरह है जिसके लिए हम सभी लंबे समय से तैयारी करते हुए आये हैं और अब समय आ गया है कि हम अपनी भरपूर और पूर्ण तैयारियों के साथ जी जान से ये परीक्षा दें और अच्छे नम्बरों से पास हों। इसलिए सभी प्रण करें कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ समर्पित कर आने वाले शाही स्नानों को सकुशल सम्पन्न कराएंगे।\
इसके बाद आईजी कुम्भ मेला ने कुम्भ मेला पुलिस के जवानों का जोश और उत्साह बढ़ाने के लिए पुलिस और कुम्भ पर स्वलिखित एक कविता सुनाई जिसमे सभी जवानों के द्वारा आईजी कुम्भ मेला का साथ दिया गया।
कविता की पंक्तियां इस प्रकार से थी:-
देवभूमि के रक्षक हैं हम, खाते है कसम कुम्भ ,
ना पलट कर हम जाएंगे , ना पलक हम झपकाएँगे ,
दिन रात एक कर , धैर्य से कर जाएंगे ।
ये राष्ट्र कुंभ, ये धर्म कुम्भ, केसरिया का ये आन - बान और शान कुंभ,
वर्दी का है अभिमान कुंभ,
ये कर्मयोगियों का पुरुषार्थ कुंभ ,
वर्दी के पसीने का हिसाब कुम्भ ,
सुरक्षा को तैयार कुम्भ ,
बलिदान का ये जिगर कुम्भ,
वर्दी का है ये , प्रणाम कुम्भ ,
स्वाभिमान से जाग्रत नए भारत का उदय कुम्भ ,
खाकी का, सलाम कुम्भ ।
आईजी कुम्भ के बाद अंत मे पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड श्री अशोक कुमार ने अपना सम्बोधन किया और बताया कि आप सब सौभाग्यशाली में ड्यूटी करने का अवसर मिला, क्योंकि महा कुम्भ में आने के लिए लोग बरसों इंतजार करते हैं और दूर दूर से आते हैं, लेकिन आपको किस्मत से ये अवसर मिला है।
आगामी दोनो शाही स्नान पर्वों में देशभर से श्रद्धालु आएंगे। हमें अपनी ड्यूटी की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए। हमारी व्यवस्था उतनी ही मजबूत है जितना हमारी व्यवस्था का सबसे कमजोर व्यक्ति। इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक जवान अपनी ड्यूटी और अपनी भूमिका को अच्छे से जान समझ ले।
ड्यूटी में रहते हुए लोगों के सहायक बनने का कार्य भी करें, उन्हें सभी आवश्यक जानकारी जैसे: शौचालय, चिकित्सा आदि की दें ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। लोगों को पार्किंग के नजदीकी घाटों पर नहलाने का प्रयास करें, जितने ज्यादा से ज्यादा लोगों नजदीकी घाटों पर स्नान करेंगे उतना ही हर की पैड़ी के आसपास का घाटों पर भीड़ का दबाव कम होगा। भीड़ को जब बेहद जरूरी हो तभी चक्रव्यूह में डालें, अनावश्यक रूप से नही। किसी भी घाट, बाजार या अन्य स्थान पर ड्यूटी करते समय सतर्क रहें और परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील रहें और किसी भी खतरे की संभावना को समय रहते भाँप कर तुरंत आवश्यक कदम उठाएं।
इसके बाद डीजीपी महोदय द्वारा गंगा माँ की जय के साथ कुम्भ मेला ड्यूटी में लगे सभी पुलिसबलों की जय के साथ अपना सम्बोधन समाप्त किया।
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