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खोया पाया सेंटर का हुआ ,विधिवत शुभारंभ

 कुंभ के किये एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है  कुंभ के बिछुड़े 12 साल बाद मिले  , लेकिन अब यह कहावत हो जाएगी  झूठी,  क्योंकि  कुम्भ मेला पुलिस है सजग  सतर्क ओर डिजिटल पुलिस, अब  कुम्भ अपनो को खोने का नही अपनो संग आस्थाप र्व में डूबने का है, 




        जी हां श्री संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ के दिशा निर्देशन में  कुंभ मेला पुलिस ने  कुंभ पर्व के दौरान गुम हुए श्रद्धालुओं को उनके परिवार से मिलाने के लिए खोया पाया केंद्र बनाए  गए है। जबकि इसे व्यापकता प्रदान करते हुए  सुगम बनाने की दिशा में एक *ई_पोर्टल कुम्भ मेला पुलिस 2021 लॉस्ट एंड फाउंड* का निर्माण किया गया है   आज श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ  द्वारा खोया पाया सेंटर का शुभारंभ किया।

  कुम्भ मेला पुलिस ने पहले क्रम में  08 खोया पाया सेंटर का निर्माण किया है जिसके अतिरिक्त 23 खोया पाया केंद्र कुम्भ क्षेत्र  थाना परिसरों में  भी स्थापित किए गए हैं। समस्त खोया पाया केंद्रों के कुशल संचालन हेतु पर्याप्त संख्या में 24 ×7 घंटे पुलिसकर्मी , महिला कर्मी, होमगार्ड, पीआरडी, एसपीओ, पैरामेडिकल कर्मी, तकनीकी कर्मीयों की नियुक्ति संबंधित केंद्रों में की गयी है 


1- खोया पाया केंद्र मीडिया सेंटर के समीप(दीनदयाल पार्किंग के पीछे)

2- शंकराचार्य चौक के समीप

3- सर्वानंद घाट के समीप

4-  सीसीआर के पास

5- दक्षपार्किंग के समीप

6- शीतला माता मंदिर के समीप कनखल

7- धीरवाली पार्किंग के समीप

8- नीलधारा पार्किंग के समीप

खोया पाया ऐप को कुम्भ मेले में आने वाले समस्त श्रद्धालु प्ले स्टोर में जाकर डाउनलोड कर सकते हैं   इस  एप के माध्यम से श्रद्धालु अपने सामान, व्यक्ति आदि गुम होने की सूचना फोटो सहित लोड कर सकेंगे| किसी व्यक्ति के गुम हो जाने अथवा किसी सामग्री के गुम हो जाने की स्थिति में उक्त ऐप के माध्यम से उस व्यक्ति अथवा सामग्री की फोटो एवं उसका विवरण ऐप में रजिस्टर करने के उपरांत अपलोड किया जा सकता है जिससे संबंधित व्यक्ति /सामग्री की फोटो को सोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम आदि के माध्यम से बरामदगी हेतु उसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। 

खोए हुए व्यक्ति या सामान के प्रचार प्रसार हेतु ट्रेडिशनल सिस्टम यानी लाउड हेलर अनाउंसमेंट के अलावा वेरीएबल मैसेज डिस्प्ले (वीएमडी) का भी प्रयोग किया जाएगा जिसमें व्यक्ति अथवा सामान की फोटो एवं डिटेल डिस्प्ले की जाएगी साथ ही खोया पाया केंद्रों पर लगी एलईडी स्क्रीन में भी खोए हुए सामान/व्यक्ति की फोटो प्रसारित की जाएगी।

सभी खोया पाया केंद्र आपस में एक दूसरे से इंटरनेट के माध्यम से माध्यम से कनेक्ट रहेंगे| समस्त खोया पाया केंद्रों में स्थापित किए सिस्टम के माध्यम से संपूर्ण मेला क्षेत्र में एलाउंसमेंट कर संबंधित व्यक्ति अथवा सामग्री की यथा शीघ्र बरामदगी हेतु लगातार प्रयास किए जाएंगे| मोबाइल ऐप के माध्यम से मेले के दौरान गुम हुए कुल श्रद्धालुओं की संख्या एवं जिन श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिला दिया गया है कि सूचना एवं अब तक कुल सामग्री बरामदगी संबंधी संपूर्ण विवरण की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी|समस्त खोया पाया केंद्रों हेतु कंप्यूटर, प्रिंटर, वेब कैमरा, यूपीएस आदि उपलब्ध कराए गए हैं।

खोया पाया केंद्रों में सहयोग करने हेतु CWC चाइल्ड वैल्फ़ियर समिति  तथा स्वयंसेवी संस्था जो मेले के दौरान गुम हुए बालकों बालिकाओं एवं बच्चों की बरामदगी में अपना सहयोग करें को भी सम्मिलित किया जा रहा है।

आज आईजी कुम्भ मेला द्वारा अपने facebook live सेशन के दौरान कुंभ मेला 2021 में श्रद्धालुओं को आने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया समझाई गई। 


आईजी कुम्भ द्वारा अपने फेसबुक लाइव सेशन के दौरान श्रद्धालुओं को  E-Portal www.haridawarkumbhpolice2021.com में रजिस्ट्रेशन की चरणबद्ध जानकारी दी गई। रजिस्ट्रेशन पोर्टल पहले से ही संचालित किया जा रहा है। कुम्भ मेला अधिसूचना जारी होने के बाद से कोविड 19 से सम्बंधित SOP के लागू हो गई है, जिसके अनुसार श्रद्धालु कुंभ में स्नान हेतु आने से पूर्व अपना रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक हो गया है। इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी न हो के अलावा मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट तथा आईडी प्रूफ को पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। 

श्रद्धालुओं के साथ आने वाले अन्य श्रद्धालुओं को भी उक्त सर्टिफिकेट जैसे कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट को अपलोड करना अनिवार्य है। इसके साथ श्रद्धालुओं को आने के माध्यम, ठहरने के स्थान की सूचना भी भरनी होगी। संपूर्ण डिटेल भरने के उपरांत श्रद्धालुओं को एक रजिस्ट्रेशन नंबर उपलब्ध होगा जिसको याद रखना या लिखना होगा क्योंकि e-pass प्रिंट करने के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ-साथ मोबाइल नंबर की भी आवश्यकता होगी। जिसको लेकर श्रद्धालु आ सकते हैं जिसको हरिद्वार आगमन के दौरान उत्तराखंड बॉर्डर पर दिखाना अनिवार्य। 

इस फेसबुक लाइव सेशन के दौरान आईजी कुम्भ के द्वारा ऑनलाइन पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उनकी शंकाओं का समाधान भी किया गया।

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