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युग बीते काल बीते वर्ष बीते परंतु ऐसा नजारा कुंभमेला में जहां करोड़ों की भीड़ रहती थी वहां शाही अनं भी इतनी दूरी के साथ किया गया कि आप दंग रह जायँगे। गंगा की महिमा अपरंपार है 12 वर्ष बाद मां फिर आएंगे आपकी आँचल की छांव में यही कहते हुए अखाड़ों के साधु संतों ने गंगा में डुबकी लगाई ,बड़े ही नियमों के साथ। वाकई समस्त कुंभ मेला प्रशासन, जनता  और साधु संत को साधुवाद।




हरिद्वार कुंभ के अंतिम शाही स्नान पर्व चैत्र पूर्णिमा के साथ ही  कुंभ के समस्त शाही स्नान सम्पन्न हो गए। आज अंतिम शाही स्नान के अवसर पर अखाड़ों के साथ ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। मेलाधिकारी श्री दीपक रावत व आईजी श्री संजय गुंज्याल ने कुंभ के स्नान शांतिपूर्वक सम्पन्न होने पर समस्त साधु-संतों व जनता का आभार प्रकट किया है।

 अंतिम शाही स्नान पर्व चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर सुबह  समय 10:00 बजे तक सम्पूर्ण कुम्भ मेला क्षेत्र के घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या लगभग 19 हजार

 14:00 बजे तक सम्पूर्ण कुम्भ मेला क्षेत्र के घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या लगभग 22591



अंतिम शाही स्नान पर्व चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर समय 1800 बजे तक सम्पूर्ण कुम्भ मेला क्षेत्र के घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या लगभग 25104 रही।

 कुम्भ मेला 2021 के अंतिम शाही स्नान पर्व चैत्र पूर्णिमा एवं सम्पूर्ण कुम्भ के सफल, सकुशल और सुव्यवस्थित आयोजन के लिये जगद्गुरु सार्वभौम श्री रामभद्राचार्य जी महाराज, बैरागी अखाड़ा के द्वारा माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार, मेला पुलिस और प्रशासन को आशीर्वाद और बधाई दी गई।


हरिद्वार:

 



मेलाधिकारी दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक महाकुम्भ संजय गुंज्याल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, महाकुम्भ मेला जनमेजय खण्डूरी  ने मंगलवार की सुबह चैत्र पूर्णिमा महाकुम्भ शाही स्नान 27 अप्रैल को हरकीपैड़ी ब्रह्मकुण्ड पहुंच कर महाकुम्भ के सकुशल सम्पन्न होने के लिये माॅ गंगा व अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हुये उन्हें नमन किया। 

मेलाधिकारी दीपक रावत सुबह ही मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0) पहुंचे।  वहां से वे शाही स्नान रूट का निरीक्षण करते हुये हरकीपैड़ी पहुंचे, जहां पर उन्होंने महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली तथा महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये। इसके पश्चात मेलाधिकारी हरकीपैड़ी ब्रह्मकुण्ड पहुंचे, जहां उन्होंने महाकुम्भ के सकुशल सम्पन्न होने के लिये माॅ गंगा व अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हुये उन्हें नमन किया। 

मेलाधिकारी ने पूजा-अर्चना की ही थी कि इतने में ही हरकीपैड़ी ब्रहमकुण्ड पर शाही स्नान के लिये सर्वप्रथम निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसादेवी ट्रस्ट के सचिव श्रीमहंन्त रवीन्द्र पुरी जी महाराज सहित अन्य सन्तों का आगमन शाही स्नान के लिये शुरू हो गया, जिनका स्वागत पुष्प वर्षा कर हुआ।

 शाही स्नान के समय साधु-सन्तों के हरहर महादेव की ध्वनि से पूरी हरकीपैड़ी गुंजायमान हो रही थी। इस तरह  पूजा-अर्चना एवं विधि-विधान से चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान का शुभारम्भ हो गया। शाही स्नान के समय कोविड उपयुक्त व्यवहार- सामाजिक दूरी, मास्क लगाना आदि का पूरा पालन किया जा रहा था। 

 

अपर मेलाधिाकरी हरवीर सिंह एवं रामजीशरण शर्मा के नेतृत्व में मेला प्रशासन की ओर से हरकीपैड़ी पर साधु-महात्माओं को मास्क का वितरण भी किया जा रहा था।  इतने में महन्त हरिगिरि जी महाराज सहित श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री अग्नि और आह्वान आखाड़ा के सन्त-महात्मा शाही स्नान के लिये पहुंच गये, जिनका भव्य स्वागत किया गया। इस तरह स्नान का क्रम चलता रहा। 

मेलाधिकारी श्री दीपक रावत ने इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि महाकुम्भ की व्यवस्थाओं की तैयारियों के समय उन्हें कई तरह के अनुभव हुये। समय पर महाकुम्भ के कार्य सम्पन्न कराना हमारे लिये चलेंजिंग थे। सभी से तालमेल रखते हुये सभी कार्य सकुशल सम्पन्न हुये, जिससे मैं सन्तुष्ट हूं। 

इस अवसर पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष श्री प्रदीप झा, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ जन्मेजय खण्डेरी, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, सेक्टर मजिस्ट्रेट योगेश सिंह मेहरा सहित अन्य अधिकारी/पदाधिकारीगण उपस्थित थे। 

इसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़़े के संतजन शाही स्नान के लिए ब्रह्मकुंड पर पहुंचे।

संतजन जय श्री राम और हर-हर महादेव का जयघोष कर शाही स्नान कर रहे थे.

श्री निर्वाणी अणि अखाड़़े के महंत गौरीशंकर दास ने शाही स्नान में आए साधु सन्यासियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्नान की अपील की। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार और मेला प्रशासन की कोविड गाइडलाइंस और दिशा निर्देश का पालन करने की अपील की।

 मेला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस के जवानों के कार्य की सराहना कर सभी के लिए मंगलकामना की। कहा कि कोरोना महामारी का नाश अवश्य होगा, हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने स्नान के पहले और स्नान के बाद मास्क की अपील करते हुए संतजनों के सहयोग के लिए आभार जताया।

 निरंजनी अखाड़े का प्रतीकात्मक शाही स्नान.....

 

 महाकुंभ 2021 के आखिरी शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा पर मंगलवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं के हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त करने का क्रम शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर घाट पर स्थित मंदिरों में पूजा अर्चना कर पुण्य की कामना मां गंगा और अपने आराध्य देवी देवताओं से की साथ ही भगवान से कोरोना महामारी के खात्मे की भी प्रार्थना की। जिससे लोगो का जीवन सुरक्षित, स्वस्थ और सुखमय बन सके।
आम श्रद्धालुओं के स्नान के बाद अखाड़ों के साधु संतों के शाही स्नान के लिए पुलिस कर्मियों ने घाट खाली कराया और गंगा सभा के स्वयंसेवकों और नगर निगम के कर्मचारियों ने घाटों की साफ सफाई की। इसके बाद इस महाकुंभ के आखिरी शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर अखाड़े के साधु संतों के आने का क्रम प्रारंभ हुआ।
सबसे पहले पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु संत अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री रविन्द्र पुरी के नेतृत्व में प्रतीकात्मक शाही स्नान के लिए पहुंचे। मेलाधिकारी दीपक रावत ने संतों का स्वागत किया। अपने अखाड़े के आराध्य देव और मां गंगा की पूजा अर्चना करने के साथ ही कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए संतजन मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर प्रतीकात्मक शाही स्नान करने के बाद छावनी में वापस लौटे। 
 दूसरे क्रम में जूना अखाड़ा, श्री अग्नि और आवाहन अखाड़े के साधु संत ने ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री व जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरिगिरि के नेतृत्व में हर हर महादेव का जयघोष करते हुए स्नान किया। साथ ही किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी अपने अखाड़े के संतों के साथ हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान किया। अखाड़े के संतों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील स्वयं संतजनों ने ही की। 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरिगिरि स्वयं संतों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करने को जागरूक करते रहे। 
इसके बाद अगले क्रम में श्री महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े के साधु संत स्नान के लिए ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पहुंचे। मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी संजय गुंज्याल, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरिगिरि और श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने संतों का स्वागत किया। अखाड़े के संत श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने सभी संतों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की और मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, हरिद्वार की जनता और मीडिया का महाकुंभ के आयोजन में सहयोग के लिए आभार जताते हुए साधुवाद दिया और सभी संतों ने गंगा स्नान किया। 
 इसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के संतजन शाही स्नान के लिए ब्रह्मकुंड पर पहुंचे। संतजन जय श्री राम और हर-हर महादेव का जयघोष कर शाही स्नान कर रहे थे। इसी क्रम में अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अणि और श्री निर्वाणी अणि अखाडे़ के संतजन भी शाही स्नान को पहुंचे। श्रीमहंत धर्मदास, श्रीमहंत गौरीशंकर दास, श्रीमहंत राजेन्द्रदास, रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज सहित अन्य संतों ने शाही स्नान किया। श्री निर्वाणी अणि अखाड़े के महंत गौरीशंकर दास ने शाही स्नान में आए साधु सन्यासियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्नान की अपील की। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार और मेला प्रशासन की कोविड गाइडलाइंस और दिशा निर्देश का पालन करने की अपील की। मेला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस के जवानों के कार्य की सराहना कर सभी के लिए मंगलकामना की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का नाश अवश्य होगा, हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने स्नान के पहले और स्नान के बाद मास्क की अपील करते हुए संतजनों के सहयोग के लिए आभार जताया। 
इसके बाद श्री पंचायती बड़ा उदासीन, श्री पंचायती नया उदासीन और सबसे आखिर में श्री निर्मल पंचायती अखाड़े के साधु-संतों ने शाही स्नान कर मां गंगा से सभी के कल्याण की कामना की। 
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