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प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम,  कौशल विकास एवं सेवायोजन, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में उनके विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में होम्योपैथिक तथा आर्युेवेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवाओं के अधिकारियों के साथ  कोविड-19 के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने हेतु आयुष विभाग की आपातकालीन बैठक आयोजित की गई।  

उन्होंने  होम्योपैथिक तथा आर्युेवेदिक विभागों के अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में लोगो की कोविड-19 से सम्बन्धित निःशुल्क सहायता देने, आयुष किट प्रदान करने तथा इससे सम्बन्धित लोगो की काउंसलिग करने एवं जरूरी जानकारी प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से एक आयुष हैल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि इसके लिए दोनो विभागों को कुल 05 करोड 85 लाख रूपये की धनराशि सरकार द्वारा तत्काल अवमुक्त की गई है। इस आयुष हैल्प डेस्क के माध्यम से होम आईसोलेशन, विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रो में उपचार हेतु आने वाले आगन्तुकों तथा लोगो द्वारा डिमांड किये जाने पर 24 धण्टे के भीतर आयुष चिकित्सा किट उपलब्ध कराये जाने का प्रयास किया जायेगा। यह हैल्प डेस्क 24 धण्टे कार्य करेगा, जहाॅ पर आयुष चिकित्सक सम्बन्धित स्टाफ के साथ उपस्थित रहेंगे।  

प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में मानक के अनुरूप आर्युेवेदिक एवं होम्योपैथिक आयुष चिकित्सक उपलब्ध हो सके इसके लिए मा0 मंत्री ने तत्काल संविदा के माध्यम से चिकित्सकों की भर्ती कराने से सम्बन्धित प्रस्ताव बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिये। 

उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक में हर्रावाला में आर्युेवेद विश्वविद्यालय परिसर में स्थित राजकीय आर्युेवेदिक मेडिकल कालेज में 60 बैड को कोविड-19 हेतु आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया जिसमें 20 आक्सीजन बैड रखे जायेगें। मा0 मंत्री ने सम्बन्धित कुलसचिव को तत्काल इससे सम्बन्धित प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। 

बैठक में उन्होंने कहा कि आयुष विभाग (होम्योपैथिक तथा आर्युेवेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवाएं) के एैसे चिकित्सक और विभिन्न कार्मिक जो विभिन्न तरीकों से कोविड-19 से सम्बन्धित लोगो के उपचार में लगे है उनके जीवन बीमा से लेकर अन्य प्रकार की सुविधाएं एलोपैथिक चिकित्सको की भाॅति ही प्रदान की जायेगी।  

इस दौरान उन्होंने ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा प्रत्येक जनपद में हैल्प डेस्क स्थापित करने से लेकर आर्युेवेदिक कोविड अस्पताल तथा विभिन्न क्षेत्रों में आयुष चिकित्सकों की तैनाती होने से एक ओर गाॅव में ही कोविड-19 की प्राथमिक चिकित्सा का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा और मुख्य अस्पतालों में मरीजों का भार भी कम हो सकेगा। दूसरी ओर इससे कोविड-19 के उपचार में एलोपैथिक चिकित्सा पर बढता दबाव भी कम हो सकेगा। 

बैठक में सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा डी सेन्थिल पाण्डियन, निदेशक होम्योपैथिक सेवाएं डा. ए बी भट्ट, निदेशक आर्युेवेदिक एवं यूनानी सेवाएं डा. एम पी सिंह, कुलसचिव राजकीय आर्येवेद विश्वविद्यालय उत्तम कुमार शर्मा सहित सम्बन्धित चिकित्सक व कार्मिक उपस्थित थे।


कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई.) में पंजीकृत श्रमिकों तथा उससे जुडे लाभार्थीयों के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। 

बैठक में श्रमिको के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि राज्य कर्मचारी बीमा निगम के सभी श्रमिकों का आयुष्मान योजना के तहत कोविड-19 के मरीजों की दरों की भाॅति ही निजी अस्पतालों में उपचार किया जायेगा। कर्मचारी बीमा निगम के सूचीबद्व चिकित्सालयों में बीमा निगम के श्रमिकों का निःशुल्क उपचार किया जायेगा तथा आयुष्मान योजना के तहत कोविड-19 के मरीजों की उपचार दरों पर सम्बन्धित निजी चिकित्सालय को भुगतान किया जायेगा।  

बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्मचारी बीमा निगम से सूचीबद्व निजी चिकित्सालयों की 31 मार्च 2021 तक की पूर्व की जितनी भी देनदारी अभी तक बकाया है उसका दो माह के भीतर राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जायेगा।   

बैठक में कर्मचारी बीमा निगम के मानकों के अनुसार कोविड-19 को देखते हुए चिकित्सक एवं फार्मेसिस्ट के पदों के सृजन किये जाने का भी निर्णय लिया गया है। कर्मचारी बीमा निगम के रिक्त पदों को एलोपैथिक विभाग के मानदेय के अनुसार संविदा से भरे जाने का निर्णय लिया गया है। इससे कोविड-19 के महामारी के दौरान राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सहायता मिल सकेगी तथा उन पर उपचार के लिए पडने वाले अतिरिक्त दबाव में कमी आयेगी। 

इस दौरान बैठक में अपर सचिव श्रम/निदेशक कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई) प्रशान्त आर्य तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ईएसआई. डाॅ0 आकाशदीप उपस्थित थे।

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