डोईवाला :
शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला में वनस्पति विज्ञान विभाग एवं जंतु विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में " विश्व जल दिवस" के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ एस के कुड़ियाल ने कहा कि पूरे विश्व में तीन चौथाई भाग पर पानी है परंतु पीने का पानी सिर्फ इसमें तीन परसेंट यानी दो परसेंट ग्लेशियर के रूप में तथा एक परसेंट शुद्ध जल के रूप में है।
उन्होंने कहा कि विश्व जल दिवस मनाने की पहल ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 22 मार्च 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में की गई। इसी के पश्चात 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा में निर्णय लेकर इस दिन को प्रत्येक वर्ष वार्षिक कार्यक्रम के रूप में 22 मार्च को मनाने का निर्णय लिया गया। इसी क्रम में प्राणी विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनीशा सारस्वत ने कहा की दुनिया में 10 में से 2 व्यक्तियों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता है।
पीने के लिए हर इंसान को प्रत्येक दिन 3 लीटर और पशुओं को 50 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।वनस्पति विज्ञान की डॉ प्रतिभा बलूनी ने कहा कि हमें अधिक से अधिक भूभाग पर वृक्षारोपण करना चाहिए तभी जल संकट से समाधान हो पाएगा। उन्होंने विश्व जल दिवस पर इस वर्ष की थीम " Valuing water" जिसका लक्ष्य लोगों को पानी का महत्व समझाना है,.
विस्तृत रूप से बताया इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान विभाग में एवं एवं जंतु विज्ञान विभाग में चार्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वनस्पति विज्ञान विभाग में चार्ट प्रतियोगिता (Water Conservation)में प्रथम स्थान अमीशा शाह ,द्वितीय स्थान मधुसूधन भट्ट एवं तृतीय शिवांगी पाल रही। जंतु विज्ञान विभाग में चार्ट प्रतियोगिता (pollution and Human Health )में प्रथम रिशिका प्रजापति,द्वितीय सरिता विश्वकर्मा, एवं तृतीय मधुसूदन भट्ट रहे। मंच का संचालन डॉक्टर प्रतिभा बलूनी द्वारा किया गया तथा अतिथियों का धन्यवाद डॉ मनीशा सारस्वत द्वारा किया गया। इस अवसर पर काजल,दीक्षा डोभाल, निष्ठा पाल, भूमिका, चांदनी, आरती चौहान, ऋषिका, आदित्य पाल, आयुषी डबराल,शालिनी नेगी, वर्षा, जया अफरोज, रोहित, मधुसूदन, रोहित भट्ट, पायल रानी, नेहा पाल, सोनाली उनियाल, अनामिका शिवांगी राहुल इत्यादि उपस्थित थे।
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