ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से कुछ किलोमीटर दूर गांव आज भी सडक सुविधा से वंचित है । जहां राज्य को दो मुख्यमंत्री देने वाला विधानसभा डोईवाला के पहाड़ी क्षेत्र आज भी सडक सुविधा से वंचित है । जगदीश ग्रामीण ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीएम के नाम खुला पत्र भेजकर अपने गांव की पीडा को बताया है ।जहां चमोली जिले का सबसे दूरस्थ गांव "घेस" और टिहरी जिले का सबसे दूरस्थ गांव "गंगी" सड़क मार्ग से जुड़ चुके हैं लेकिन डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के थानों न्याय पंचायत के पर्वतीय क्षेत्र में आज भी बहुत से ऐसे गांव हैं जहां सड़क सुविधा नहीं है। मीलों पैदल चलना पड़ता है। सिर पर, पीठ पर बोझा ढोने की लाचारी है। मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। ग्राम पंचायत के सिंधवाल गांव, मुड़ियागांव, लेदड़ी, रैवाण, बड़वाली, पलाडांडा, ढाकसारी, कनारखोली, सेमलसारी, मौलागेर, फरती, ठोठन, जाकर, कैरवानगांव, ढिवालीखेत में आज भी सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं है। सुविधाओं के अभाव में ग्राम पंचायत नाहीं कला का रैठवाण गांव आबादी रहित हो गया है। सतेली गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है पलायन के कारण केवल चार परिवार रह गये नाहीं, कोटला, बड़कोट सड़क सुविधाओं से वंचित हैं। सनगांव ग्राम पंचायत के पूर्वी सनगांव तक सड़क नहीं पहुंच सकी है। लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं। ग्राम पंचायत अपर तलाई के चित्तौर गांव में भी सड़क सुविधा नहीं है। यही हाल गडूल क्षेत्र का भी है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग पलायन कर रहे हैं।
राजधानी देहरादून के निकटवर्ती गांवों की यह स्थिति है तो उत्तराखंड के अन्य गांवों की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। अब ग्रामीण नये मुख्यमंत्री से उम्मीद लगाये हमारे गांव भी सडक पहुँचेगी ।
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