- सीएम के निर्देश पर सिंचाई नहर निर्माण में अनियमितता की जांच करेगी तीन सदस्यीय कमेटी
- स्कूल भवनों,तहसील भवनों के निर्माण हेतु ,टनकपुर, नगरपालिका को स्वच्छता हेतु 4.70 करोड़,कोविड-19 के दृष्टिगत कुम्भ मेले में डी.आर.डी.ओ. बनायेगा 2 हजार बेड का अस्पताल, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन हेतु भारतीय रेल को भूमि हस्तान्तरण
- अति संवदेनशील गांवों के प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को मुख्यमंत्री ने दी हरी झंडी
टिहरी जिले के अत्यधिक संवेदनशील ग्राम बेथाण नामे तोक के चार प्रभावित परिवारों के विस्थापन-पुनर्वास नीति के तहत विस्थापित करने के राज्य स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत चार परिवारों को नए स्थान पर पुनर्वास किया जाना है। इन परिवारों के भवन निर्माण, गौशाला निर्माण और विस्थापन भत्ता के लिए मुख्यमंत्री ने 17 लाख की धनराशि की संस्तुति की है। इनमें से दो परिवार वर्तमान में संयुक्त रूप से एक ही मकान में रहते हैं लेकिन विस्थापन में इन्हें अलग-अलग पुनर्वास की सुविधा मिलेगी।
बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट के अंतर्गत अत्यधिक संवेदनशील ग्राम मल्लादेश के चार परिवारों के आवासीय भवनों को खतरा उत्पन्न होने के कारण पुनर्वास किए जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। जिलाधिकारी बागेश्वर की ओर से 2018 की बरसात के दौरान इन परिवारों के मकान अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण अत्यधिक संवेदनशील की श्रेणी में आ गए थे। पुनर्वास नीति,2011 के अनुसार शासन को भेजे प्रस्ताव पर राज्य पुनर्वास समिति की बैठक में मुहर लग चुकी है।
चमोली जिले के तहसील थराली के आपदा प्रभावित अति संवेदनशील ग्राम फल्दिया गांव के 12 परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किए जाने के लिए 51 लाख की धनराशि के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। इसमें पुनर्वास नीति के तहत मानक मदों के अनुसार प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख रुपए, गौसाला निर्माण के लिए 15 हजार तथा विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए की संस्तुति की गई है।
चमोली जिले के ही तहसील गैरसैंण के आपदाग्रस्त ग्राम सनेड लगा जिनगोडा के प्रभावित परिवार के पुनर्वास के प्रस्ताव को भी उचित पाया गया। राज्य आपदा पुनर्वासन समिति की बैठक में पहले ही इस पर अनुमोदन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने भी इस प्रस्ताव को सहमति देते हुए प्रभावित परिवार को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने की संस्तुति दी है।
उत्तरकाशी के तहसील डूंडा के अत्यंत संवेदनशील ग्राम अस्तल के 30 प्रभावित परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 1 करोड़ 25 लाख 10 हजार की राशि के प्रस्ताव पर सहमति दी है। पुनर्वास नीति के तहत प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख, गौशाला निर्माण के लिए 15 हजार और विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए दिया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया था। राज्य में भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के क्रियान्वयन के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान रुड़की द्वारा 15 भूकंप सेंसर लगाए गए थे। जो वर्तमान में खराब हो गए हैं। इन्हें बदलने के लिए 45 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें यह साफ किया गया है कि इस धनराशि का गलत उपयोग होने पर निदेशक आईआईटी रुड़की का उत्तरदायित्व होगा।
सीएम के निर्देश पर सिंचाई नहर निर्माण में अनियमितता की जांच करेगी तीन सदस्यीय कमेटी मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार और रुद्रप्रयाग जिले में सिंचाई नहर निर्माण में हुई करोड़ों की अनियमितता के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। इस पर सचिव सिंचाई की ओर से तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। नाबार्ड के माध्यम से रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के अंतर्गत 18 किलोमीटर लंबी लस्तर बायें नहर निर्माण परियोजना के लिए 9.84 करोड़ की मार्च, 2012 में स्वीकृति दी गई थी। इसके सापेक्ष पाइपों पर खर्च 2.42 करोड़ की राशि निष्क्रिय व्यय किए जाने व परियोजना के अन्य घटकों पर 46.31 लाख का निष्फल व्यय किए जाने में अनियमितता की शिकायत शासन के पास आई थी। इस पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद सिंचाई विभाग के संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। इसमें सिचांई विभाग के मुख्य अभियंता जयपाल सिंह और वित्त नियंत्रक श्रीमती कविता नाम्बियाल को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी दो सप्ताह में इन अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। हरिद्वार के लक्सर मे विकासखंड में स्थित सुभाषगढ़ सिंचाई नहर की निर्माण के लिए एआईवीपी के अंतर्गत 695.98 लाख की स्वीकृति दी गई थी। योजना में प्रस्तावित कार्यों के सापेक्ष किए गए भौतिक कार्यों का लाभ किसानों को नहीं मिल सका। यानी नहर निर्माण के बावजूद किसानों को पानी नहीं मिल सका। इस शिकायत पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच बिठाई गई है। शर्मा की अध्यक्षता वाली कमेटी को ही यह जांच दी गई है। उनसे दो सप्ताह में प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट मांगी गी है। | |||
स्कूल भवनों,तहसील भवनों के निर्माण हेतु ,टनकपुर, नगरपालिका को स्वच्छता हेतु 4.70 करोड़,कोविड-19 के दृष्टिगत कुम्भ मेले में डी.आर.डी.ओ. बनायेगा 2 हजार बेड का अस्पताल, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन हेतु भारतीय रेल को भूमि हस्तान्तरण
मुख्यमंत्री ने बंजारावाला में शहीद जीत बहादुर की स्मृति में निर्मित किये जाने वाले शहीद द्वार के निर्माण हेतु 28.99 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने श्रीनगर गढ़वाल में पार्किंग एवं ऑडिटोरियम के निर्माण हेतु 9.76 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने कपीरी छाँतेश्वर महादेव के सौन्दर्यीकरण एवं पैदल मार्ग निर्माण हेतु 46.15 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।
- कोविड-19 के दृष्टिगत कुम्भ मेले में डी.आर.डी.ओ. बनायेगा 2 हजार बेड का अस्पताल
- इससे सम्बन्धित एम.ओ.यू को भी मुख्यमंत्री ने किया अनुमोदित
कुम्भ मेला 2021 में कोविड-19 के दृष्टिगत दो हजार बेड का हास्पिटल डी.आर.डी.ओ. द्वारा निर्मित किया जायेगा। इसकी सहमति रक्षा मंत्रालय भारत सरकार से भी प्राप्त हो गयी है। इस सम्बन्ध में होने वाले एमओयू को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इस हॉस्पिटल के निर्माण से कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चिकित्सा प्रबन्ध समिति के अधीन क्रियाधीन चिकित्सालयों के लिये आवश्यक व्यवस्थाओं के लिये 10 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की है।
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