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ऋषिकेश :



 पिता की उंगली को पकड़कर नन्हे कदमों से चलना सीखने से लेकर शिक्षा को संस्कार में पाने वाले पुत्र की अपने पिता के जीवन संघर्ष की कहानी " काररी तू कभी न हाररि " पुस्तक का विमोचन खदरी खड़कमाफ के सामुदायिक सभागार में विद्वानों, शिक्षाविदों व कवियों एवं जनसमूह की उपस्थिति में हुआ। 

उत्तराखण्ड के प्रथम पी सी एस टॉपर व वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य प्रसाशनिक सेवा में आयुक्त गन्ना एवं  क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक कुमाऊँ संभाग ललित मोहन रयाल की नव सृजित पुस्तक" काररी तू कभी न हाररी " का विमोचन किया गया। प्रसाशनिक सेवा के साथ ही लेखन में रुचि रखने वाले ललित मोहन रयाल की यह तीसरी पुस्तक है। 

 बेहद साधारण जीवन जीने वाले अपने पिता की जीवनी को इस पुस्तक में उकेरते हुए लेखक ने पुस्तक के मुख्यपात्र के जीवन  संघर्षो, पढ़ाई , नौकरी व परिवार के साथ तालमेल बनाने की जद्दोजहद का बखूबी चित्रण किया है। पुस्तक के विमोचन के अवसर परकार्यक्रम में मुख्य अतिथि  घनश्याम प्रसाद रयाल सेवानिवृत्त शिक्षक रहे । कार्यक्रम संचालन  सविता मोहन पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा ने किया । 

उद्बोधनकर्ताओं में  एस पी सेमवाल मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी, नंदकिशोर हटवाल वरिष्ठ साहित्यकार, मुकेश नौटियाल कथाकार,  देवेश जोशी, सुनील थपलियाल, श्री वीरेंद्र शर्मा छोटू भाई,  रंगकर्मी श्रीश डोभाल, ग्राम प्रधान सरिता थपलियाल, पूर्व उपप्रधान टेक सिंह राणा, सुशील रतूड़ी, विनोद जुगलान, विजयराम पेटवाल, जयेंद्र रावत मौजूद रहे ।

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