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रेणी गाँव के लोगों ने कहा शाबास एसडीआरएफ



  दैवीय आपदा  के तत्काल बाद  राज्य एवम देश की अनेक एजेंसियां रेस्कयू कार्य मे जुटी हुई है, जहां एक और सर्चिंग कार्य जारी है,


          वहीं दूसरी ओर टनल से मजदूरों को  सुरक्षित निकालने का प्रयास  भी युद्ध स्तर पर जारी है रेस्कयू कार्यों के साथ ही  एसडीआरएफ  उत्तराखंड पुलिस  की सहायता एवम सर्चिंग हेतु लगातार   रेणी  गावँ में बनी हुई है जहां रेस्कयू कार्यो के साथ  ही ग्रामीणों के सामान को मलवे से  सुरक्षित निकाला जा रहा है

  जोशीमठ के  रेणी गाँव के वे घर  जहां  त्रासदी के बाद मलवा फंसा  हुआ था ,वहां पहुंच कर  SDRF उत्तराखंड पुलिस के  जवानों के द्वारा मलवा हटा कर सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया.

 खाद्यान्न को सुरक्षित किया, साथ ग्रामीणों से  उनकी समस्या  भी जानने की कोशिश की गयी। जहाँ SDRF जवानों के इस मानवीय कार्य की  ग्रामीणों द्वारा सराहना की जा रही है ,वहीं इन्हें उत्तराखंड के देवदूत के नाम  से भी पुकारा जा रहा है .

SDRF की टीमें आपदा के पश्चात से ही प्रभावितों के सामान को सुरक्षित  निकालने का कार्य भी के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुचारू करने का प्रयास कर रही है

 कमांडेंट SDRF नवनीत सिंह भूल्लर  स्वयं  घटना स्थल ओर रेणी गाँव पहुंच कर SDRF रेस्कयू ऑपरेशन  का नेतृत्व किया। SDRF  जवानों   द्वारा रेणी गाँव घरों के सामान को सुरक्षित निकालने ओर मूलभूत  आवश्यकताओं को सुचारू करने का प्रयास किया जा रहा है।

आपदा से प्रभावित रेणी गाँव के प्रधान से गाँव की समस्याओं के बारे में  में पूछकर उन्होंने तत्काल ही एक ऑफिसर को समस्याओं का निराकरण  करने का आदेश दिया।

  आवश्यक सामान की त्वरित पूर्ति के लिए SDRF टीम के द्वारा रेणी  गाँव मे रस्सी से जिप लाइन बांध दी गयी है।  जिसकी सहायता से सामान को आसानी से आर पार भेजा जा सकेगा। SDRF के जवान सहायता हेतु लगातार गाँव मे बने हुए है.


  

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