- कोर्ट के आदेश पर दलित महिला की जमीन कब्जाने वालों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज
- हर्रावाला में है अनुसूचित जाति की 65 वर्षीय बुर्जग महिला चमेली देवी की जमीन
- चमेली देवी के पुत्र विजय कुमार और चौकीदार को पीटकर किया जमीन पर अवैध कब्जा
- राजेन्द्र रावत, ज्ञान सिंह, धर्मपाल और टिम्मन के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश
देहरादून:
सूत्रों के अनुसार, ताजा प्रकरण राजधानी देहरादून के
डोईवाला विधानसभा क्षेत्र का है। डोईवाला निवासी महिला
चमेली देवी की हर्रावाला दिल्ली फार्म के पास पैतृक जमीन है। जिसकी देखरेख
महिला व उसका पुत्र विजय कुमार करते हैं। महिला डोईवाला के ग्रामीण क्षेत्र
में रहती है इसलिए जमीन की देखरेख के लिए हर्रावाला में एक व्यक्ति को रखा
हुआ था। वह व्यक्ति उनकी जमीन पर सब्जियों का उत्पादन करता था।
अनुसूचित
जाति की महिला चमेली देवी की जमीन पर लंबे समय से कुछ भूमाफियों की नजर
थी। जिस पर दंबगई दिखाते हुए विगत सितंबर माह 2020 में भूमाफियों द्वारा 65
वर्षीय चमेली देवी के पुत्र विजय कुमार और जमीन की देखरेख कर रहे व्यक्ति
से मारपीट वहां से भगा दिया और जमीन पर कब्जा कर लिया। और इस भूमि को अन्य
लोगों को बिक्रय कर दिया।
जिसके बाद पीड़ित ने स्थानीय पुलिस चैकी, थाने सहित एसएसपी आॅफिस में न्याय के लिए गुहार लगाई लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जिसके बाद पीड़ित चमेली देवी और उनके पुत्र विजय
कुमार ने देहरादून न्यायालय की शरण ली। कोर्ट ने आरोपियोें के खिलाफ मामला
दर्ज करने के आदेश दिये हैं।
बरिष्ठ अधिवक्ता जीसी शर्मा और विकेश सिंह नेगी ने रखा न्यायालय में पीड़ित का पक्ष
बरिष्ठ
अधिवक्ता जीसी शर्मा और विकेश सिंह नेगी ने वादी पक्ष की तरफ से कोर्ट
मामले की पैरवी की। अधिवक्ताओं द्वारा पूरे मामले से कोर्ट को अवगत कराया
गया और बताया गया कि किस तरह अनुसूचित जाति की महिला का उत्पीड़न किया जा
रहा है। बरिष्ठ अधिवक्ता जीसी शर्मा ने कोर्ट को पूरे मामले की जानकारी
देते हुए बताया अनुसूचित जाति की महिला चमेली देवी की हर्रावाला दिल्ली
फार्म में पैतृक ढाई बीगा जमीन है। 29 सितंबर 2020 को सुबह साढे सात बजे
आवेदक अपनी मां के साथ अपने मकान की सफाई करने गया तो पता चला कि विपक्षी
धर्मपाल ने आवेदक के चैकीदार को वहां से जबरन भगाकर अपना ताला लगा कर कब्जा
कर लिया और जब इस संबंध में विपक्षी धर्मपाल से पूछा उसने आवेदक की मां के
साथ गाली गलौच की तथा जान से मारने की धमकी देते हुए उन्हें जाति सूचक
शब्दों का प्रयोग किया। जमीन पर कब्जा करने वालों में राजेन्द्र रावत
निवासी मोहकमपुर, और ज्ञान सिंह, धर्मपाल, टिम्मन, निवासी हर्रावाला शामिल
थे।
पुलिस ने नहीं लिया मामले का संज्ञान
अधिवक्ता जीसी शर्मा
द्वारा न्यायालय को अवगत कराया आवेदक विजय कुमार पुत्र चमेली देवी द्वारा
थाने में जमीन कब्जा करने वालों के खिलाफ लिखित तहरीर दी गई तो पुलिस ने
विजय कुमार की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। जिससे निराश विजय कुमार ने
एसएसपी आॅफिस में भी पत्राचार किया। इस मामले में दिनांक 2 अक्टूबर 2020 को
वादी को चैकी हर्रावाला में बुलाकर उनसे कुछ उल्टे-सीधे सवाल पूछकर उन्हें
बेईज्जत किया गया। लेकिन वाबजूद इसके आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं
हुआ। जिसके बाद विजय कुमार को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
कोर्ट के आदेश पर हुआ मुकदमा दर्ज
अधिवक्ता
जीसी शर्मा द्वारा बताया गया कि न्यायालय द्वारा मामले का संज्ञान लेते
हुए संबधित पुलिस थाने से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई। जिसमें मालूम
पड़ा कि संबधित थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज ही नहीं हुआ है।
जिसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए 19 फरवरी 2021 को
डोईवाला थाने को संबधित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट
ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि प्रार्थना 3क अंतर्गत धारा 156(3) दंड
प्रकिया सहिंता स्वीकार किया जाता है। परिणाम स्वरूप संबधित थाना कोतवाली
डोईवाला को निर्देशित किया जाता है कि मामले में आवदेक के प्रार्थना पत्र 3
क के अनुरूप सुसगंत धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना कर परिणाम से
न्यायाल को अवगत कराएं। कोर्ट के आदेश के बाद डोईवाला पुलिस द्वारा एफआईआर
संख्या 0038 के तहत अनुसूचित जाति एंव जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम
1989 सेक्सशन 3 (1) (जे) 504 और 506 धारा में मुकदमा दर्ज कर दिया है।
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