हरिद्वार:
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने तीन कृषि कानून पर आज हरिद्वार मे कहा की केंद्र सरकार अपने रुख से पीछे नहीं हटेगी। उन्हौने कहा की किसानों के आंदोलन को कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित है ,साथ ही कम्युनिस्टों सहित असामाजिक और राष्ट्रविरोधी तत्व भी किसानों को।गुमराह कर रहे है ।
दिल्ली में पिछले 70 दिनों से आंदोलन करने वाले किसानों के मध्य कुछ अराजक व देश विरोधी तत्व भी शुमार है।
हरिद्वार में प्रसिद्ध साबिर पाक कलियर दरगाह में अकीदत के फूल व चादर अर्पित करने से पहले पत्रकार वार्ता मव शाहनवाज हुसैन ने लाल किले में गणतंत्र दिवस की हिंसा को भारतीय इतिहास पर धब्बा करार दिया और इसे वाशिंगटन कैपिटल हिल बर्बरता की तर्ज पर प्रायोजित और पूर्व नियोजित करार दिया।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सरकार की छवि खराब करने के लिए चलाए जा रहे प्रचार का हवाला देते हुए, शहनाज हुसैन ने कहा कि चाहे वह पॉप स्टार रिहाना हों या कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, तीनों नए कानूनों को जानने और समझने की कोशिश किए बिना वे केवल हताशा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया, हैशटैग और गलत सूचना के माध्यम से सनसनी पैदा कर रहे है। “संसद ने चर्चा और बहस के बाद सुधारित कृषि कानून पारित किया। सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सरकार ने कानूनों को निरस्त नहीं किया है, इसलिए उन पर हमला हो रहा है।
कहा की हम कुछ प्रावधानों पर सुझाव के लिए खुले हैं लेकिन पूरे कानून को निरस्त नहीं किया जा सकता है। बिहार के विधान परिषद के सदस्य शाहनवाज ने कहा, सरकार ने पहले से ही किसान संगठनों के विरोध में शुरू की गई कृषि उत्पादन समितियों और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य का आश्वासन दिया है और इन कानूनों को लागू करने में भी देरी की है।
भाजपा जिला महासचिव विकास तिवारी ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता तीनों कृषि कानूनों के लाभों के बारे में स्थानीय किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें किसान प्रतिनिधियों से 6 फरवरी को राष्ट्रव्यापी चक्का जाम में भाग लेने का आग्रह नहीं किया गया है।
विकास तिवारी ने कहा की केंद्रीय बजट मे कृषि क्षेत्र को ₹1लाख ,31 हजार 531 करोड़ का आवंटन हुआ है जो केन्द्र सरकार की कृषि के प्रति समर्पित रुख को दर्शाती है।
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