Halloween party ideas 2015

  


सभी संकटों का नाश करने वाले गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत का पर्व 31  जनवरी ,2021 को मनाया जाएगा. इस त्यौहार को सकट  चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तिल के लडडुओ का भोग श्री गणेश जी को लगाकर अपने परिवार की संकटों से रक्षा करने का वरदान माँगा जाता है।  सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत पूरा माना जाता है.  इस दिन तिलकूट का प्रसाद बनाकर भगवान गणेश  को भोग लगाया जाता है.
ऐसे करें पूजा

फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्री गणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें.

इस तरह से करें मंत्र का जाप

विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का 108 बार अथवा एक माला करें.

गणेश भगवान को लगाएं भोग

श्री गणेश को फल, तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं और प्रार्थना करें कि 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है. नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है.'

गणेश जी के विभिन्न नामों से  स्मरण करें।

सकट चौथ व्रत पूजा विधि

 सुबह स्नान ध्यान करके भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें। धूप-दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरूद, गुड़ और घी अर्पित करें

गणेश चतुर्थी पूजन विधि


सुबह स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प करके दिन भर गणेशजी का स्मरण  करें.चंद्रोदय होने से पूर्व गणेश मूर्ति  गणेश जी को चौकी पर स्थापित करें. मोदक और गुड़ में बने हुए तिल के लड्डू का निवेश अर्पित करें. आचमन कराकर प्रदक्षिणा और नमस्कार करके पुष्पांजलि अर्पित करें. चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को विशेषार्घ्य प्रदान करें.

सकट चौथ व्रत में तिल (Sesame) का भी बहुत महत्व है इसलिए जल में तिल मिलाकर भगवान गणेश को अर्घ्य दें और साथ ही तिल का दान भी करें और तिल का सेवन भी.

कंद मूल वाली चीजें न खाएं-

वैसे तो सकट चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं,तो इस दिन जमीन के अंदर उगने वाले कंद मूल का सेवन नहीं करना चाहिए.


 शुभ मुहूर्त-


सकट चौथ व्रत तिथि- जनवरी 31, 2021 (रविवार)

सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय – 20:40

चतुर्थी तिथि( प्रारम्भ – समाप्त) -- 31 जनवरी , 2021 को 20:24 बजे – फरवरी 01, 2021 को 18:24 बजे

चांद देखे बिना व्रत न खोलें
 सकट चौथ व्रत के दिन भी चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद जरूरी होता है. चांद को अर्घ्य दिए बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता.

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.