देहरादून :
मुख्यमंत्री आवास पर गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ध्वजारोहण कर, प्रदेशवासियों को शुभकामनाये भी दी।
मुख्य सचिव ने सभी ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता
सेनानियों को नमन किया जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व
न्योछावर कर दिया। उन्होंने उन सभी संविधान निर्माताओं को भी नमन किया
जिन्होंने एक महान और गौरवशाली संविधान के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हम भारतवासी एक राष्ट्रीय पर्व
के रूप में मनाते हैं, इसी दिन सन् 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था,
जिसकी बदौलत भारत एक प्रभुता संपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और
लोकतांत्रिक गणराज्य बन सका।
मुख्य सचिव ने कहा कि भारत एक
विविधतापूर्ण देश है। संविधान निर्माताओं ने इसका ख्याल रखा और सभी वर्गों
के हित सुरक्षित रखे। भारत के संविधान में स्वतंत्रता, समता, बंधुता,
न्याय, विधि का शासन, विधि के समक्ष समानता, लोकतांत्रिक प्रक्रिया बिना
किसी भेदभाव के सभी व्यक्तियों के लिए गरिमामय जीवन समाहित हैं। मुख्य
सचिव ने कहा कि यह शताब्दी भारत की शताब्दी होगी। हमारी संस्कृति विश्व
बंधुत्व की संस्कृति रही है। कोरोना की वेक्सिन बनाने के बाद 100 देशों को
देने की घोषणा वासुदेव कुटुंबकम् को परिणित करता है। उन्होंने कहा कि हमारे
संविधान ने हमें वो मौलिक अधिकार दिए जो हर व्यक्ति को समानता के साथ आगे
बढ़ने का अवसर प्रदान करते हैं। भारत के संविधान के प्रति हमारी आस्था, उसके
बारे में जानना और उसका पूर्ण रूप से अनुपालन करना हम भारतीयों का प्रथम
कर्त्तव्य हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमारे मौलिक कर्त्तव्य प्रासंगिक
हैं। हमें अपने संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए
प्रदेश के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले जिम्मेदार नागरिक होने का
संकल्प लेना चाहिए। सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ
प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए हमें लगातार प्रयास करते रहने
होंगे।
गणतंत्र दिवस(26 जनवरी) के अवसर पर मेला अधिकारी, श्री दीपक रावत ने आज मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0) में ध्वजारोहण किया।
हरिद्वार:
ध्वजारोहण के पश्चात मेला नियंत्रण भवन के सभागार में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान मेलाधिकारी ने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुये कहा कि हमारी एकता एवं अखण्डता में आध्यात्मिकता का भी महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे देश को बनाने में तीर्थों का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि कुम्भ से सम्बन्धित हमारे सभी कार्य लगभग पूर्ण होने हो हैं, जिसके पीछे भी कोई न कोई शक्ति जरूर है। उन्होंने कहा कि सनातन परम्परा को समझना ह,ै तो थ्योरी में गीता तथा प्रैक्टिस में गंगा है। उन्होंने कहा कि हम एक भव्य, दिव्य, सुरक्षित कुम्भ का सफल आयोजन करेंगे।
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