- राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस ,धनतेरस एवं दिवाली के पावन पर्व पर कोविड-19 पर दिए सुझाव ,डॉ0 राजकुमार गुप्ता ने
- नेशनल
मेडिकोज आर्गेनाइजेशन राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (धन्वंतरी जयंती) के पावन
अवसर एक वेबीनार - फैमिली मेडिसिन इन न्यू नॉरमल कोविड-19 परसेप्टिव का
(14वें E- meeting) आयोजन किया गया।
आगरा :
वेबीनार के आरंभ में एनएमओ के सचिव डॉ प्रकाश कुमार पांडेय ने सभी एनएमओ सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन किया और सभी को धन्वंतरि जयंती एवं राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की हार्दिक बधाई दी।
जिसके उपरांत उन्होंने एनएमओ के संस्थापक डॉ धनाकर ठाकुर को अपने संबोधन के लिए आमंत्रित किया। डॉ धनाकर ठाकुर ने कहा की एनएमओ 1980 से ही धन्वंतरि जयंती को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाता रहा है क्योंकि धन्वंतरि जी पहले चिकित्सक हैं।
हमारी प्राचीन मान्यताओं के अनुसार धनवंतरि जी समुद्र मंथन के उपरांत अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। आज हमारे यहां कलश के रूप में बर्तन को तो खरीदते हैं लेकिन वह अमृत को भूल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हम लोग चिकित्सक के रूप में हर पद्धति के चिकित्सकों को चिकित्सक के रूप में स्वीकार करते हैं चाहे वह आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक पद्धति के भी हो,लेकिन हमलोग विभिन्न पद्धतियों को एक साथ मिलाकर खिचड़ी बनाने को स्वीकार नहीं करते हैं ।
जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि हमारे देश में आयुर्वेद 1000 वर्षों से भी पुराना है और पुरातन समय में हमारा आयुर्वेद बहुत आगे था चाहे वह राइनोप्लास्टी की बात हो या मधुमेह के बारे में उसका बीज/जीन से होना और मिलेट के भोजन में अनुशंसा।हम लोग यह चाहते हैं कि हर पद्धति में शोध हो और शोध के उपरांत ही उस पद्धति में नए-पुराने उपचारों का स्वीकार किया जाए। इसके उपरांत डॉ प्रकाश कुमार पांडेय ने डॉ राजकुमार गुप्ता को एकेडमिक सत्र के लिए आमंत्रित किया।
डॉ राजकुमार गुप्ता ने फैमिली मेडिसिन इन न्यू नॉरमल कोविड-19 परसेप्टिव के विषय में विस्तार से चर्चा की । उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौर में हाइपरटेंशन डायबिटीज के मरीजों को अपना ध्यान रखना चाहिए क्योंकि कोविड-19 के इंफेक्शन होने पर इन मरीजों को ज्यादा रिस्क रहता है। ऐसा भी देखने में आया है कि कोविड-19 इंफेक्शन होने के बाद जो मरीज पहले किसी भी हृदय की बीमारियों से ग्रसित नहीं थे .उनमें भी हृदय रोग के लक्षण दिखाई देते हैं । उन्होंने कहा कि मधुमेह एवं हाइपरटेंशन के मरीजों को रेगुलर चेकअप के लिए हॉस्पिटल जाने से बचना चाहिए एवं आकस्मिक स्थिति में ही हॉस्पिटल जाना चाहिए । उन्हें अपने फैमिली फिजिशियन से सलाह लेती रहनी चाहिए।उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं आईसीएमआर की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए जिसमें 20 सेकंड तक हाथ धोना , मास्क लगाना, बार-बार नाक ना छूना 02 मीटर की दूरी का पालन करना , भीड़- भाड़ वाली जगहों में ना जाना इत्यादि ।
उन्होंने कहा कि एनएमओ को भी फैलोशिप की शुरुआत करनी चाहिए एवं उन्होंने इस विषय पर एनएमओ फाउंडर डॉ धनाकर ठाकुर एवं एनएमओ सचिव से फेलोशिप की रूपरेखा पर अपने विचार व्यक्त करने को कहा । डॉ धनाकर ठाकुर सर कहा कि एनएमओ को फेलोशिप शुरू करने से पहले दूसरे संगठनो से फैलोशिप संदर्भ में जानकारी एकत्र करनी चाहिए।उन्होंने जोर देकर यह कहा कि एनएमओ के उद्देश्य के अनुसार जिन लोगों को भी फेलोशिप दी जाए चाहे वह नए मेंबर हो या पुराने लेकिन उनका समाज की स्वास्थ सेवा में योगदान होना चाहिए एवं उन्हें मेडिकोज की समस्याओं को लेकर भी पूर्व में कार्य किया होना चाहिए एवं फैलोशिप की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी डॉ राजकुमार गुप्ता एवं डॉ प्रकाश कुमार पांडेय को दी।
इसके उपरांत डॉ समीर मसूदी, कश्मीर, ने कहा कि ऐसे जानकारीप्रद वेबीनार का आयोजन समय-समय पर करना चाहिए। एनएमओ के संयुक्त सचिव डॉ हर्ष कुशवाहा,आगरा,ने शहीद चिकित्सक साथियों को श्रद्धांजलि दी जो अपने कर्तव्य को निभाते हुए कोशिश चलते शहीद हुए हैं।
वेबीनार में प्रमुख रूप से डॉ धनाकर ठाकुर बरेली, डॉ राजकुमार गुप्ता आगरा, डॉ हर्ष कुशवाहा आगरा, डॉ प्रकाश कुमार पांडेय, हजारीबाग, हिमांशु मित्तल, मोहित सिंह ,मोतिहारी, डॉ समीर मसूदी बड़गाम (जम्मू कश्मीर) उपस्थित रहे।
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