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 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड, उद्योग विभाग एवं सिडबी द्वारा चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के विकास पर तैयार की गई स्टडी रिपोर्ट का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के लिए समग्र इको सिस्टम को मजबूत करने के एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। 



राज्य सरकार की ओर से महानिदेशक एस.ए. मुरूगेशन एवं सिडबी के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर श्री मनोज मित्तल ने एमओयू हस्ताक्षरित किया। इस करार के अन्तर्गत सिडबी उत्तराखण्ड सरकार के अधीन एक परियोजना प्रबंध ईकाई स्थापित करेगा। यह ईकाई राज्य में एमएसएमई के संगठित विकास के लिए विस्तृत योजना तैयार करने, इक्विटी सहायता, ब्याज अनुदान सहायता, उभरते उद्यमी समूहों की मैपिंग करने तथा राज्य सरकार का सहयोग करेगी। 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास एवं एम.एस.एम.ई के क्षेत्र में अनेक कार्य कर रही है। यह एमओयू राज्य में एमएसएमई ईको सिस्टम को मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के विकास के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाय। जिसमें सचिव उद्योग, एमडी सिडकुल, सचिव वित्त, सचिव चिकित्सा आदि शामिल हो। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार श्री डॉ. के.एस. पंवार, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्रीमती मनीषा पंवार, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष श्री पंकज गुप्ता, श्री अनिल गोयल, सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान रूद्रपुर की बोर्ड ऑफ गवनर्स की दसवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से राय ली जाय। किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में काली मिर्च एवं मशरूम की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। राज्य में मशरूम उत्पादन की दिशा में अनेक लोगों द्वारा कार्य किया जा रहा है। मशरूम उत्पादन के लिए लोगों को बृहद स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाय, इसका बहुआयामी उपयोग किस तरह किया जा सकता है, इसकी भी लोगों को जानकारी दी जाय। 

हमारे संस्थान प्रशिक्षण देने के साथ ही आय सृजन के भी माध्यम बने इस दिशा में भी प्रयास किये जायें।




      मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती के लिये सभी सम्बन्धित विभागों से आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा। योजनाओं व बेहतर क्रियान्वयन के लिये दिये जाने वाले प्रशिक्षण को आधुनिक तकनिकी से जोड़े जाने पर भी उन्होंने बल दिया है। हमारे संस्थान प्रशिक्षण देने के साथ ही आय सृजन के भी माध्यम बने इस दिशा में भी प्रयास किये जायें। उन्होंने संस्थान से नवाचार की पहल के साथ ही किसानों को लाभ देने वाली योजनाओं के प्रति जागरूक करने को कहा। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज संस्थान की रूद्रपुर द्वारा प्रशिक्षण के अभी तक 61 कार्यक्रम आयोजित किये गये है। जिसमें 3395 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। 

      इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्रीमती मनीषा पंवार, निदेशक उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी श्री राजीव रौतेला, सचिव पंचायतीराज श्री एच.सी. सेमवाल, अधिशासी निदेशक उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान श्री हरीश चन्द्र काण्डपाल आदि उपस्थित थे।

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