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                                                                                                                                                                    प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी  द्वारा शुरू की गई वैश्विक भारत वैज्ञानिक समिट का पहला सत्र एम्स ऋषिकेश में संपन्न हुआ। डीआरडीओ के माध्यम से आयोजित समिट के पहले सत्र में एक थीम "भारत के पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं का विकास" थी l 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                            गौरतलब है कि वैभव समिट प्रधानमंत्री श्री मोदी की दूरगामी सोच और पहल पर आयोजित की जा रही है। एम्स ऋषिकेश  ने पिछले चार वर्षों में निदेशक पद्मश्री प्रो.  रवि कांत जी की अगुवाई में इन विषयों पर संपूर्ण देश में अद्वितीय कार्य किया है। इसी कारण से भारत सरकार द्वारा इन विषयों के लिए एम्स ऋषिकेश को चैंपियन इंस्टीट्यूट बनाया गया है।   


इस मंथन में देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक ही नहीं अपितु विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के कई प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक भी सम्मिलित हुए।

विशेषज्ञों द्वारा कई दौर के मंथन  के पश्चात "भारत के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं" का ब्ल्यू प्रिंट एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की अध्यक्षता एवं ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग के डा. मधुर उनियाल के नेतृत्व में तैयार किया गया l 

इस अवसर पर निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत जी ने विशेषज्ञ मंडल की सराहना करते हुए बताया कि एम्स ऋषिकेश पहले से ही उत्तराखंड के दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत रहा है और अब प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस दूरगामी योजना के द्वारा इस कार्य और भी उत्साह के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। जो कि न केवल उत्तराखंड में वरन देश के अन्य दुर्गम एवं पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी एक वरदान साबित होगा।

डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि सरकार की इस सक्रिय भागीदारी से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वैभव समिट में तैयार किए गए ब्ल्यू प्रिंट पर शीघ्रता से कार्य होगा एवं इसका लाभ शीघ्र ही देश की जनता तक पहुंच सकेगा।     

                                                                                                                      

डा. उनियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस योजना के कारण विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के प्रदत्त वैज्ञानिक एवं चिकित्सकों में अत्यधिक उत्साह है। अपनी मातृभूमि के लिए सरकार द्वारा उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराने के निर्णय पर वह गर्व महसूस कर रहे हैं।

                                                     डॉ. उनियाल ने बताया कि कि सर्वसम्मति से विशेषज्ञों का यह निर्णय हुआ है कि उत्तराखंड में ऐसी सुविधाओं को सर्वप्रथम लॉंच कर एक सफल मॉडल बनाया जाएगा l इस मॉडल को उत्कृष्ट रूप से तराशने के बाद इसे देश के अन्य दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकेगा।


समिट में एम्स ऋषिकेश से प्रो. कमर आजम, डा. मधुर उनियाल, अरुण वर्गीश, अमेरिका से प्रो. मंजरी जोशी, प्रो. मयूर नारायणन, प्रो. सुनिल आहूजा, प्रो. रानी कुमार, इंग्लैंड से प्रो. अजय शर्मा, आस्ट्रेलिया से प्रो. शांतनु भट्टाचार्य, एम्स दिल्ली से प्रो. अमित गुप्ता, प्रो. संजीव भोई, प्रो. तेज प्रकाश, केजीएमयू लखनऊ से प्रो. संदीप तिवारी, प्रो. समीर मिश्रा आदि शामिल हुए।



                               अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के आह्वान पर भारत सरकार द्वारा घोषित कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारियों ने कोरोना काल में आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करने व दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करने की सामुहिक शपथ ली। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत  ने कहा कि नियमित मास्क पहनने, एक -दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखने से ही हम सामुदायिक स्तर पर एक दूसरे व्यक्ति में फैलने वाले संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं।                                       इस दौरान एम्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज में शपथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डीन (एकेडमिक) प्रो.मनोज गुप्ता  व डीन (हॉस्पिटल अफेयर्स) प्रो. यू.बी.मिश्रा  तथा प्रो.सुरेश कुमार शर्मा  ने सभी को शपथ दिलाई।                                 

          इस दौरान कार्मिकों ने कोविडकाल में कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का संकल्प लिया। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में एक ही स्थान पर अधिक भीड़भाड़ नहीं हो, इसका ध्यान रखते हुए विभिन्न विभागों में विभागाध्यक्षों ने अधिनस्थों को शपथ दिलाई। साथ ही कई लोगों ने संबंधित वेबसाइट पर ऑनलाइन संकल्पपत्र भरकर कोविड के खिलाफ जनांदोलन में हिस्सा लिया।                                    गौरतलब है कि बीते सप्ताह आगामी त्योहारों व ठंड के मौसम में कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए  जनांदोलन में लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्होंने देशवासियों से कोविडकाल में बचाव के लिए जरुरी सावधानियां बरतने का आह्वान किया व इस मुहिम को एक जनांदोलन का रूप देने की आवश्यकता बताई।

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