देहरादून :
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के द्वारा जनपद देहरादून में ड्रॉपआउट किशोरियों को चिन्हित किया गया है. जिसमें आज बाल विकास परियोजना के द्वारा गांधीग्राम सेक्टर के शिवाजी मार्ग छबील बाग मैं ड्रॉपआउट किशोरियों के साथ काउंसलिंग सेशन का आयोजन किया गया जिसमें से कुल 11 बालिकाएं स्कूल जाने के लिए तैयार हुई.
बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती क्षमा बहुगुणा द्वारा किशोरियों को शिक्षा के महत्व के बारे में जानकारी दी कि यदि एक बालिका शिक्षित होती है तो वह दो परिवारों को शिक्षित करती हैं.
पढ़ा-लिखा व्यक्ति अपने अधिकारों अपने साथ होने वाली हिंसाओं आदि के प्रति लड़ सकता है आवाज उठा सकता है, साथ ही इस डिजिटलाइजेशन के जमाने में बिना शिक्षा के आप कोई भी कार्य नहीं कर सकते हैं उसके लिए आपको शिक्षित होना ही पड़ेगा ताकि आप अपने और अपने परिवार वालों के लिए कुछ बेहतर भविष्य दे सके.
सुश्री सुप्रिया चंद एसआरसीडब्ल्यू के द्वारा बालिकाओं को पढ़ाई के महत्व को समझाते हुए बताया गया कि यदि वह पढ़ी-लिखी ना हुई तो वह अपने लिए ना तो किसी योजना के तहत आवेदन कर सकती हैं ना ही अपने कार्य खुद कर सकते हैं जैसे कि अपना बैंक खाता खुलवाना, आय प्रमाण पत्र बनवाना, नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन करना और अन्य योजनाओं से भी वह बालिकाएं वंचित रह जाएंगी जो शिक्षा की राह पर अग्रसर नहीं होती है.
महिला कल्याण अधिकारी सरोज ध्यानी द्वारा बालिकाओं को विभागीय योजनाओं 181 वन स्टॉप सेंटर और बाल विवाह आदि की जानकारी दी गई.
पार्षद वार्ड नंबर 24 के विशाल कुमार द्वारा अपनी जिंदगी के अनुभव बालिकाओं के साथ साझा करते हुए जानकारी दी गई की जो भी माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं या बालिकाओं का स्कूल बीच में से छुड़वा देते हैं तो जीवन में इससे बड़ा पाप उनके द्वारा और कोई नहीं किया जाता इसलिए इस पाप के भागीदार कोई भी ना बने और बालिकाओं को ज्यादा से ज्यादा स्कूल भेजें.
डॉक्टर नीता बिष्ट जी के द्वारा बालिकाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता व स्वयं की साफ सफाई के बारे में जानकारी दी गई .
सभी बालिकाओं और महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन और सूक्ष्म जलपान वितरित किया गया. कार्यक्रम में सुपरवाइजर श्रीमती शिल्पा रावत और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रंगोली बनाई गई जिसके माध्यम से ''सब पढ़े सब बढ़े'' का संदेश जन समुदाय को दिया गया.
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