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आज भैंरव सेना के कार्यकर्ताओं के द्वारा पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अंतर्गत महानगर संगठनमंत्री महेश बजरंगी के नेतृत्व में भैंरव सेना कार्यालय माता मंदिर रोड़ से सरस्वती विहार, अजबपुर, कुंज विहार जैसे घनी आबादी क्षेत्र में जन जागरण कर सनातन धर्म एवं देवभूमि पहाड़ की आध्यात्मिक तथा ऐतहासिक विलुप्त होती संस्कृति को बचाने के  उद्देश्य से भिक्षा पदयात्रा शुरू की गई।

    भिक्षा पदयात्रा का शुभारंभ माता मंदिर रोड़ से  मुख्य अतिथि भैंरव सेना संरक्षक स्वामी दर्शन भारती के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष संदीप खत्री को भगवा ध्वज पकड़ा कर की गई। जहां पर जगतजननी माँ जगदंबा के साधक यति राम स्वरूपानंद सरस्वती एवं स्वामी नित्यानंद सरस्वती के मंत्रोचार द्वारा धर्म रक्षा हेतु भिक्षा मांगनी आरंभ की गई। क्षेत्रवासियों ने भैंरव सेना के माध्यम से चलाए जा रहे संस्कृति रक्षा अभियान की सराहना कर संगठन द्वारा तय की गई भिक्षा संतो और कार्यकर्ताओं के माध्यम से शास्त्र, संस्कृति और सनातनी परंपराओं को विलुप्त होने से बचाने के लिए किये जा रहे माता बगलामुखी महायज्ञ हेतु निष्ठा पूर्वक अर्पित की। 

   कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भैरव सेना संरक्षक स्वामी दर्शन भारती ने कहा की संगठन उत्तराखंड हितेषी है और उत्तराखंड मैं बढ़ रहे बाहरी लोगों के आने से धर्म और संस्कृति पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है। बाहरी लोग अपने पारंपरिक त्यौहारों को तरजीह देने के लिए सरकार पर राजकीय अवकाश के लिए दबाव डालते हैं। परंतु जिस राज्य में रह रहे हैं, वहां की पौराणिक परंपराओं को नहीं मानते। क्षेत्रीय वासियों के वंशजों के द्वारा पारिवारिक जीवन यापन के लिये किए जा रहे पारंपरिक कार्यों पर भी सेंध मारनी शुरू कर दी है। क्षेत्रीय युवा बेरोजगार होकर पलायन कर रहा है जो इस समय उत्तराखंड की सबसे गंभीर समस्या है। प्रदेश सचिव आचार्य उमाकांत भट्ट ने कहा की बाहरी व्यक्तियों द्वारा चोरी छुपे धर्मांतरण करने का भी प्रयास लगातार किया जा रहा है, साथ ही देवभूमि के प्राचीन एवं आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक धरोहर के साथ छेड़खानी कर खंडित किए जाने का प्रयास किया जाता है जिससे कि मान्यताओं के अनुसार दैवीय आपदाओं सहित सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का भी खतरा बना रहता है। इसलिए भी जन जागरण यात्रा करना आवश्यक हो गया है।

    भैरव सेना के अध्यक्ष संदीप खत्री ने बताया कि यह अभियान उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से प्रारंभ कर दिया गया है और नवरात्रों के पश्चात गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों में भिक्षा पदयात्रा की जाएगी तत्पश्चात दिसंबर माह में कुमाऊं क्षेत्र के जिलों में जन जागरण भिक्षा पदयात्रा की जाएगी। यानी कि इस कैलेंडर वर्ष के अंतिम माह तक पूरे उत्तराखंड मैं पदयात्रा क्षेत्रीय वासियों एवं कार्यकर्ताओं के माध्यम से संपन्न की जाएगी और बाद में एक सामूहिक अनुष्ठान का आयोजन कर जगत जननी मां जगदंबा को प्रसन्न करने हेतु मां के गीत के माध्यम से आहुतियां दी जाएंगी। संगठन के मीडिया प्रभारी रस्टी सिंह ने बताया कि शास्त्र संस्कृति और परंपराओं को बचाने हेतु की जारी भिक्षा पदयात्रा का प्रचार प्रसार सोशल मीडिया में भैंरव सेना के प्रत्येक कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जा रहा है। आज के कार्यक्रम में नेतृत्वकर्ता रेस्टी सिहं, महेश बजरंगी सहित, मुन्ना बजरंगी, सौरभ पार्छा, हर्षित गुप्ता कांता कुमार, विपिन कुमार, मोहित बर्त्वाल, शशांक, निशांत, पंडित उपेन्द्र पंत, राहुल सूद इत्यादि उपस्थित रहे।

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