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चमोली 31जुलाई2020(सू.वि.)



भू-बैकुठ श्री बद्रीनाथ धाम से पंच बदरी प्रसादम अब देश और विदेश के श्रद्वालुओं को आॅनलाइन  मिलना शुरू हो गया है। चमोली जिला प्रशासन ने पंच बदरी प्रसादम के विपणन के लिए कंपनी ऐमजोन से करार किया है। श्रद्वालु अब घर बैठे ऐमजोन पर आॅनलाइन भगवान बदरीनाथ का प्रसाद मंगवा कर पुण्य अर्जित कर सकते है। पंच बदरी प्रसाद ऐमजोन पर बदरीनाथ प्रसाद बैग के नाम से उपलब्ध है।

श्रद्वालुओं को ऐमजोन के माध्यम से पंच बदरी प्रसाद बैग में पवित्र पौराणिक सरस्वती नदी का जल, लक्ष्मी के रूप में सुगन्धित बदरीश तुलसी, हर्बल धूप, बदरी गाय का घी, हिमालयन डेमस्क रोज वाटर प्रसाद के  रूप में एक सुन्दर डिजायन के बैग और बाॅक्स में उपलब्ध कराया गया है। वैदिक परम्पराओं एवं पौराणिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने कडी मेहनत से देश विदेश के श्रद्वालुओं को सीधे भगवान बद्रीनाथ धाम से पंच बदरी प्रसाद पहुॅचाने की व्यवस्था की है। इस प्रसाद का अपने आप में बहुत महत्व है। मान्यता है कि बदरी तुलसी जिसे स्वयं देवी लक्ष्मी का एक रूप माना जाता है और भगवान बिष्णु को बद्रीनाथ जी मंदिर में उनकी दैनिक पूजा-आरती के दौरान अर्पित किया जाता है। बदरी प्रसाद में यह तुलसी शामिल है। वही पवित्र सरस्वती नदी जो केवल बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के निकट भीम पुल के पास दिखती है और इसके बाद अलकनंदा नदी में विलीन हो जाती है इस नदी का पवित्र जल है। बद्री सिक्का जो श्री बद्रीनाथ जी का शिलालेख है शामिल है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक सामग्री के उपयोग से स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सुगन्धित हर्बल धूप और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगाए गए डेमस्क गुलाब के फूलों का शुद्व गुलाब जल को बदरीनाथ प्रसाद बैग के साथ उपलब्ध कराया गया है। बदरीनाथ प्रसाद को रंगीन सुन्दर डिजायन के जूट से बने बैग और बाॅक्स में बेहतरीन पैकिंग की गई है। जो ऐमाजोन पर उपलब्ध है।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने बीते वर्ष स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की मंशा से पंच बदरी प्रसादम योजना शुरू की थी। इसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित चैलाई के लड्डू और स्थानीय काश्तकारों द्वारा तैयार गुलाब जल, हर्बल धूप, बदरीश तुलसी, सरस्वती नदी का जल सहित अन्य वस्तुएं प्रसाद के रूप में बदरीनाथ धाम में स्टाॅल लगाकर बेचा जा रहा था। लेकिन कोरोना संकट के चलते इस वर्ष बद्रीनाथ धाम की तीर्थयात्रा का संचालन पूरे जोर शोर से न होने के कारण जहाॅ भक्तों को बदरीनाथ का प्रसाद नही मिल पा रहा है वही स्वयं सहायता समूहों और काश्तकारों को भी भारी नुकसान उठाना पड रहा है। इसको देखते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के अथक प्रयासों से पंच बदरी प्रसादम की आॅनलाइन बिक्री की योजना तैयार की गई। उत्पादों के विपणन के लिए प्रसिद्व कंपनी ऐमजोन से करार किया गया।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि कोरोना संकट के चलते पिछले सालों की तरह इस बार बदरीनाथ धाम तक तीर्थयात्री नही पहुंच पा रहे है। ऐसे में श्रद्वालुओं को घर बैठे प्रसाद मिल सके, इस मंशा से पंच बदरी प्रसादम को ऐमजोन के माध्यम से भक्तों तक पहुॅचाने का प्रयास किया गया है। प्रसाद किट ऐमजोन को उपलब्ध करा दी गई है। देश विदेश के श्रद्वालु अब ऐमजोन पर आॅनलाइन भगवान का प्रसाद मंगवा सकते है। कहा कि बदरीनाथ प्रसाद बैग के माध्यम से पांचों बद्री धामों के महत्व को भी समझाया गया है, ताकि टूरिज्म को बढावा मिल सके। इस योजना से जहाॅ श्रद्वालुओं को घर बैठे भगवान बद्रीनाथ का प्रसाद मिल सकेगा वही इससे जुड़े जनपद के 18 स्वयं सहायता समूहों की 89 से अधिक सदस्यों की आजीविका भी संवरेगी।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2020

एक माह में  कुल 26035 ई- पास जारी हुए

देहरादून :

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का 1 जुलाई से शुभारंभ हुआ  जबकि 25 जुलाई से कुछ प्रावधानों के साथ चार धाम यात्रा सभी के लिए शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की एमसीआरसे प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नैगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण एवं स्वास्थ्य मानको का पालन कर देवस्थानम बोर्ड से ई पास बनाकर चारधाम यात्रा कर सकेंगे। इसके लिए मानक प्रचालन विधि जारी की जा चुकी है ।  
आज शायं पांच बजे तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov. in से 445लोगों ने चार धामों हेतु ई पास बुक कराये हैं।
जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए  81 श्री केदारनाथ धाम के लिए 256 श्री गंगोत्री धाम हेतु 63 श्री यमुनोत्री धाम हेतु 45 लोगों ने ई पास बुक कराये हैं। सावन माह के दौरान  श्री केदारनाथ एवं श्री गंगोत्री के लिए ई पास की संख्या में  वृद्धि हुई ।
आयुक्त गढ़वाल/उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है। देवस्थानम द्वारा अब प्रदेश से बाहर  लोगों को कुछ शर्तों के साथ  चार धाम यात्रा की अनुमति दे दी  गयी है ।चारधाम यात्रा निर्बाध रूप से जारी रहेगी।
चारधाम यात्रा के अच्छे परिणाम आ रहे हैं।  थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है।मास्क  पहनना अनिवार्य किया गया है शोसियल डिसटेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये। मौसम तथा सड़कों की स्थिति की जानकारी रखें।
प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके। अब उत्तराखंड से बाहर के लोग भी चारधाम यात्रा हेतु ई पास बनाकर एवं स्वास्थ्य संबंधी मानक पूरे कर यात्रा कर सकते हैं।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह   ने बताया कि   देवस्थानम बोर्ड द्वारा  1 जुलाई से  31  जुलाई शाम पांच बजे  तक 26035 ई -पास जारी किये जा चुके हैं। ई पास तीर्थ यात्रियों को उनके द्वारा सुझाई गयी तिथियों हेतु जारी किये गये है। ई पास लेकर  तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक 14 हजार से अधिक तीर्थ यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।
पोर्टल प्रभारी संजय चमोली के अनुसार   ई- पास के लिए श्रद्धालुओं द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है तथा यात्रियों को उचित मार्गदर्शन किया जा रहा है।

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