देहरादून :
दिनांक 29 अगस्त 2020 को थाना रायपुर देहरादून को सूचना मिली कि सहस्त्रधारा रोड रवि देव मंदिर के पास एक लड़के क्षितिज नेगी उम्र 25 वर्ष ने पंखे से लटक कर सुसाइड कर लिया।
सूचना पर तत्काल मयूर विहार चौकी प्रभारी ने पुलिस बल के मौके पर पहुंचे। ज्ञात हुआ कि सांय 4:30 बजे जब क्षितिज नेगी ने दरवाजा नहीं खोला तो उसके पिताजी भूपेंद्र नेगी व परिजनों द्वारा दरवाजा तोड़ा गया। देखा कि अंदर क्षितिज नेगी पंखे से लटका है।परिजनों द्वारा उसे पंखे से उतारकर कोरोनेशन अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित किया गया।
प्रथम दृष्टया जांच से ज्ञात हुआ कि क्षितिज नेगी को उसके पिताजी द्वारा दिन में किसी बात को लेकर डांटा था। क्षितिज नेगी दून यूनिवर्सिटी में बीबीए का फाइनल ईयर का छात्र था।
कोरोना काल में नित आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। घर में रहने और प्रतिबंधों के चलते सभी अपने आप को बंधा हुआ महसूस कर रहे हैं ।युवा पीढ़ी की मानसिकता और सोच जहां नए अन्वेषण को जन्म दे रही है वही कुछ युवा कमजोर मानसिकता का शिकार हो रहे हैं ।ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को हतोत्साहित ना होने दें और युवाओं को भी चाहिए कि वह इस कठिन दौर को पार करने का संकल्प लें।
दिनांक 29 अगस्त 2020 को थाना रायपुर देहरादून को सूचना मिली कि सहस्त्रधारा रोड रवि देव मंदिर के पास एक लड़के क्षितिज नेगी उम्र 25 वर्ष ने पंखे से लटक कर सुसाइड कर लिया।
सूचना पर तत्काल मयूर विहार चौकी प्रभारी ने पुलिस बल के मौके पर पहुंचे। ज्ञात हुआ कि सांय 4:30 बजे जब क्षितिज नेगी ने दरवाजा नहीं खोला तो उसके पिताजी भूपेंद्र नेगी व परिजनों द्वारा दरवाजा तोड़ा गया। देखा कि अंदर क्षितिज नेगी पंखे से लटका है।परिजनों द्वारा उसे पंखे से उतारकर कोरोनेशन अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित किया गया।
प्रथम दृष्टया जांच से ज्ञात हुआ कि क्षितिज नेगी को उसके पिताजी द्वारा दिन में किसी बात को लेकर डांटा था। क्षितिज नेगी दून यूनिवर्सिटी में बीबीए का फाइनल ईयर का छात्र था।
कोरोना काल में नित आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। घर में रहने और प्रतिबंधों के चलते सभी अपने आप को बंधा हुआ महसूस कर रहे हैं ।युवा पीढ़ी की मानसिकता और सोच जहां नए अन्वेषण को जन्म दे रही है वही कुछ युवा कमजोर मानसिकता का शिकार हो रहे हैं ।ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को हतोत्साहित ना होने दें और युवाओं को भी चाहिए कि वह इस कठिन दौर को पार करने का संकल्प लें।
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