आज से सावन मास प्रारंभ हो रहा है सावन का पहला सोमवार ,सभी श्रद्धालु और भक्त अपने घरों पर ही
मना रहे हैै।
कोरोना संक्रमण के कारण विषम परिस्थितियों के चलते हैं देश-विदेश में सभी स्थानों पर मंदिरों के कपाट बंद है .किसी भी मंदिर वाले में पूजा अर्चना की इजाजत नहीं है। मंदिरों में भीड़ नहीं होगी परंतु भक्तों के श्रद्धा-भक्ति में कोई कमी नहीं आने वाली है. अनादि काल से चले आ रहे सावन मास का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है।भगवान शिव का मास कहा जाता है ये, इसी मास में अध्भुत लीलाएँ भगवान् शिव की हुई है.
कांवड़ यात्रा हो या शिवरात्रि , सावन की फुहारों के बीच मंने जाने वाले इस मास्स का सम्बन्ध प्रकृति और पुरुष से भी है. हरियाली का अनुभव कराता यह मास सुहागिन स्त्रियों को सौभाग्य और अविवाहित पुरुष स्त्रियों को विवाह की मुराद पूरी करता है.
सावन में होने वाले प्रत्येक सोमवार के व्रत को रखकर भक्तों की मनोकामना पूरी होती है . इस वर्ष सावन माह में 5 सोमवार होंगे ,06 जुलाई से 03 अगस्त तक सावन मास मनाया जायेगा.भगवान् महादेव सृष्टि को सब कुछ देने में सक्षम है तो लेने में भी सक्षम है. उनके रौद्र रूप से प्रलयंकारी विनाश होता है .
बेलपत्र , गंगाजल, दूध, दही ,शहद, गुड़ , हल्दी, अक्षत, पुष्पः, केसर, और पुष्पों से भगवान शिव ी का अभिषेक करना चाहिए और मंगल कामना करनी चाहिए.
एक टिप्पणी भेजें