रायपुर/देहरादून;
कोरोनाकाल में फांसी के बढ़ते मामले अचंभित किए जा रहे हैं आज रायपुर में प्राइवेट फैक्ट्री में काम करनेवाले एक युवक ने बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। कुछ दिन पहले ही उसकी नौकरी छूट गई थी।
थाना रायपुर को कोरोनेशन अस्पताल से डेथ मेमो प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि एक युवक विक्रांत पुत्र गुरदयाल निवासी आर0के0 पुरम, लोअर अधोईवाला, थाना रायपुर उम्र 33 वर्ष द्वारा अपने घर में फांसी लगा ली थी, जिसे उसके परिजनों द्वारा अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया।
उक्त सूचना के आधार पर थाना रायपुर से पुलिस बल आवश्यक कार्रवाई हेतु मौके पर पहुंचा। मृतक युवक के संबंध में जानकारी करने पर परिजनों द्वारा बताया गया कि मृतक युवक पूर्व में सिडकुल में नौकरी करता था तथा वर्तमान में बेरोजगार चल रहा था, मृतक शादीशुदा था तथा उसके दो बच्चे है। आज दोपहर मृतक द्वारा अपने घर की ऊपरी मंजिल में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस द्वारा मौके पर शव का पंचायतनामा भर शव को अग्रिम कार्रवाई हेतु मोर्चरी में रखवाया गया है।
सवाल यह उठता है कि प्राइवेट फैक्ट्रियों में बरसों से काम करने वाले वर्कर जब फैक्ट्री द्वारा निकाल दिए गए हैं अथवा छटनी कर दी गई है , तो ऐसे में अनलॉक के बाद भी वह अपने परिवार का पेट कैसे पालेंगे? अनलॉक होने पर भी एक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं ।
कोरोनाकाल में फांसी के बढ़ते मामले अचंभित किए जा रहे हैं आज रायपुर में प्राइवेट फैक्ट्री में काम करनेवाले एक युवक ने बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। कुछ दिन पहले ही उसकी नौकरी छूट गई थी।
थाना रायपुर को कोरोनेशन अस्पताल से डेथ मेमो प्राप्त हुआ, जिसमें बताया गया कि एक युवक विक्रांत पुत्र गुरदयाल निवासी आर0के0 पुरम, लोअर अधोईवाला, थाना रायपुर उम्र 33 वर्ष द्वारा अपने घर में फांसी लगा ली थी, जिसे उसके परिजनों द्वारा अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया।
उक्त सूचना के आधार पर थाना रायपुर से पुलिस बल आवश्यक कार्रवाई हेतु मौके पर पहुंचा। मृतक युवक के संबंध में जानकारी करने पर परिजनों द्वारा बताया गया कि मृतक युवक पूर्व में सिडकुल में नौकरी करता था तथा वर्तमान में बेरोजगार चल रहा था, मृतक शादीशुदा था तथा उसके दो बच्चे है। आज दोपहर मृतक द्वारा अपने घर की ऊपरी मंजिल में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस द्वारा मौके पर शव का पंचायतनामा भर शव को अग्रिम कार्रवाई हेतु मोर्चरी में रखवाया गया है।
सवाल यह उठता है कि प्राइवेट फैक्ट्रियों में बरसों से काम करने वाले वर्कर जब फैक्ट्री द्वारा निकाल दिए गए हैं अथवा छटनी कर दी गई है , तो ऐसे में अनलॉक के बाद भी वह अपने परिवार का पेट कैसे पालेंगे? अनलॉक होने पर भी एक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं ।
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