शिवरात्रि के पावन अवसर पर ये जगत शिवमय बन जाता है . श्रावण मास में भगवान शिव का अभिषेक उसी प्रकार फलदायी होता है जैसे कि माता पार्वती को हुआ.
वैसे तो पूरा श्रावण मास ही शिव को समर्पित है . कांवड़ यात्रा हो या सोमवार के व्रत या हो शिवरात्रि सभी दिनों में शिवलिंग पर गंगाजल का अभिषेक सभी .दुखों और कष्टों से मुक्ति दिलानेवाला होता है . इस बार महामारी के चलते आप मंदिर न जा पाएं तो पार्थिव शिवलिंग पर जल अर्पित कर भगवान का अभिषेक कर सकते है.
अभिषेक के लिए भोलेनाथ को दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद व शक्कर), सूखे मेवे, पान, आदि का प्रयोग किया जा सकता है . परन्तु सच्ची भावना हृदय की होती है.
महामृत्युंजय का जप रोगों का नाश करनेवाला होता है-
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ऊँ स्वः भुवः भूः ऊँ। ऊँ सः जूं हौं।
और पंचाक्षरी मंत्र -
ओम नमः शिवाय
सभी कष्टों का उपाय है
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