आज देश भर में हरियाली तीज का पर्व श्रद्धा ,उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उत्तर भारत में मनाए जाने वाले इस पर्व को सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है । इस दिन भगवान शिव और पार्वती का मिलन हुआ था। इसी कारण इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
सुहागन स्त्रियां और लड़कियां भी इस त्यौहार को बड़ी सुंदरता के साथ मनाती हैं। सभी प्रकार के सोलह श्रृंगार कर स्त्रियां भगवान शिव और पार्वती का पूजन करती हैं। जब चारों तरफ सावन मास में हरियाली छाई रहती है ।उस दिन कहा जाता है कि पार्वती ने पति रूप में शिव को पाने के लिए जो व्रत और तपस्या की थी, वह आज पूर्ण हुई थी और उनका उनका मिलन हुआ था ।
इस दिन सुहागन स्त्रियां मायके से आए हुए वस्त्र और श्रृंगार की वस्तुएं धारण कर माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना करती हैं ।
नई विवाहित स्त्रियां अपने मायके हरियाली तीज मनाने के लिए जाती हैं ।सावन की रिमझिम बूंदों के बीच में झूला झूलते हुए स्त्रियां और लड़कियों का झुंड कहीं भी नजर आ जाता था । प्रकृति की सुंदरता को निहारने के लिए मानो प्रकृति ही हरियाली का वेश धारण कर स्वयं को निहार रही होती हैं ।
वैसे ही हमारे देश में अनेक संस्कृति और रीति रिवाज विलुप्त होते जा रहे हैं ।हरियाली तीज का त्यौहार भी ऐसा ही एक त्यौहार है जो कि लुप्त होता जा रहा है। आधुनिकता की चमक में कहीं खो
सुनकर और इस बार तो कोरोना काल के चलते यह त्यौहार और फीका हो जाएगा फिर भी हरियाली तीज को घर में ही रह कर बनाए और सौभाग्य की लंबी उम्र की प्रार्थना करें ।
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