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 सेम्पल टेस्टिंग में पहले की तुलना में काफी सुधार किया गया




उत्तराखंड में आज कोरोना पॉजिटिव के 31 मामले आए हैं।  जिसे मिलाकर उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के कुल मामले अब 3124 हो गए हैं। जिसमें सक्रिय केसों की संख्या 530 है आज 22 लोग ठीक हो चुके है, रिकवर मामलों की संख्या 2524 है। अभी तक 42 लोगों मृत्यु हो चुकी है आज 1606 लोगों के सैंपल रिपोर्ट  नेगेटिव पाए गए हैं।  उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के रिकवर दर 80.79% हो गयी है।

 आज देहरादून जनपद से 12, अल्मोड़ा से 01, बागेश्वर से 01, नैनीताल से 07, उत्तरकाशी से 04, उधमसिंह नगर से 04, हरिद्वार और पौड़ी  से 01 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इनमे से 11 व्यक्ति पहले से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से कोरोना के शिकार हुए हैं,  04 की  ट्रैवल हिस्ट्री ज्ञात नहीं है बाकी सब प्रवासी उत्तराखंड है। 

 जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया है कि कोविड-19 के संक्रमित व्यक्ति चिन्हित होने के पश्चात नगर निगम देहरादून क्षेत्रान्तर्गत राम विहार बल्लुपुर, एवं तहसील डोईवाला क्षेत्रान्तर्गत अवस्थित जौलीग्रान्ट वार्ड न0-5 बिचली जौली, सौलंकी मौहल्ला को लाॅकडाउन किया गया था। उपरोक्त कन्टेमेन्ट क्षेत्रों को  28 दिन के एक्टिव सर्विलांस के पश्चात मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा की गयी संस्तुति के उपरान्त कन्टेंमेन्ट जोन से मुक्त कर दिया  गया है।  

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि कोविड-19 को लेकर सर्विलांस, कान्टेक्ट ट्रेसिंग, सैम्पल टेस्टिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट और जन जागरूकता, इन पांच बातों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कोविंड-19 से लङाई के लिये हर प्रकार की तैयारी की गई है। स्थिति काफी कुछ नियंत्रण में होने पर भी हम पूरी तरह सतर्क हैं। राज्य में कोविड के दृष्टिगत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया गया है। टेस्टिंग लैब, आईसीयू, वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन 95 मास्क, आक्सीजन सपोर्ट की पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है। नियमित सर्विलांस सुनिश्चित किया जा रहा है।  घर-घर जाकर कोरोना जैसे संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों का पता लगाया जा रहा है। इसमें आशा और आंगनबाङी कार्यकत्रियों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। लगभग सभी जिलों में सर्विलांस का एक राउंड पूरा किया जा चुका है। कई जिलों में दूसरा तो कुछ में तीसरा राउंड चल रहा है।

कोरोना संक्रमण के शुरूआत में राज्य में एक भी टेस्टिंग लेब नहीं थी जबकि अब उत्तराखंड में 5 सरकारी और 2 प्राईवेट लेब में कोविड-19 संक्रमण के सैम्पल की जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त एनसीडीसी दिल्ली व पीजीआई चंडीगढ़ में भी सेम्पल टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे हैं। सेम्पल टेस्टिंग की सुविधा जिला स्तर पर कराने के लिए सभी जिलों को ट्रूनेट मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं। प्रदेश के चिकित्सालयों में फ्लू क्लिनिक के माध्यम से आ रहे समस्त श्वास व इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों का कोविड-19 संक्रमण जांच के लिए सेम्पल लिए जा रहे हैं। सेम्पल टेस्टिंग की संख्या बढाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। प्रति मिलियन जनसंख्या पर 6408 सेम्पल लिए जा रहे हैं। जल्द ही इसे देश के औसत के बराबर कर लिया जाएगा। देहरादून व नैनीताल दो जिलों में प्रति मिलियन सेम्पल राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। देहरादून जिले का औसत तो राष्ट्रीय औसत से दोगुना है। अन्य जिलों को भी सेम्पल टेस्टिंग बढाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जरूरी संसाधन बढाए जा रहे हैं।


प्रदेश में बनाए गए डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में हर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। वर्तमान में राज्य में  325  कोविड केयर सेंटर स्थापित हैं। इनमें कुल बेड क्षमता 22890 है जिनमें से 289 बेड उपयोगरत हैं जबकि  22601 बेड रिक्त हैं। इस प्रकार कोविड केयर सेंटर में पर्याप्त संख्या में बेड की उपलब्धता है।


राज्य में कोविड फेसिलिटी में आक्सीजन सपोर्ट बेड की संख्या 15 मई को 673 थी जो कि अब बढ़कर 1126 हो गई है। कोविड फेसिलिटी में आईसीयू बेड की संख्या 15 मई को 216 से बढाकर 247 और वेंटिलेटर की संख्या 116 से बढाकर 159 कर दी गई है।  कोविड केयर सेंटर में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक तरफ सैम्पल टेस्टिंग में लगातार वृद्धि हो रही है वहीं रिकवरी रेट और डबलिंग रेट भी राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है और इनमें लगातार सुधार हो रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से राज्य में सतर्कता बरती जा रही, उम्मीद है कि हम जल्द ही हालात पर नियंत्रण पा लेंगे। सभी जिलों में अधिकारी और कर्मचारी अपनी पूरी सजगता के साथ मिशनरी मोड में काम कर रहे हैं। उच्च स्तर से भी लगातार मानिटरिंग की जा रही है। जहां कमियां पाई जाती हैं उन्हें तत्काल दूर किया जाता है। इन लगभग चार माह में प्राप्त अनुभव से प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि हुई है। 

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