Halloween party ideas 2015

                                                                                                                                                                           
                                                                                                                                                                      अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान( एम्स ऋषिकेश) के हृदय रोग शिशु शल्य चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों ने एक पांच महीने की बच्ची की सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी को अंजाम दिया है। जिसमें विभाग के पीडियाट्रिक कॉर्डियोथोरेसिक सर्जन डा. अनीष गुप्ता ने देहरादून निवासी 5 महीने की एक बच्ची का सफल ऑपरेशन करके उसे जीने की नई उम्मीद दी। महज 4.5 किलोग्राम की यह बच्ची दिल की एक जटिल समस्या (जिसमें उसका दिल सिर्फ आधा की विकसित हुआ था) से जूझ रही थी,जिससे उसके खून में बार- बार ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता था और बच्ची नीली पड़ जाती थी।           चिकित्सकों के अनुसार यह बीमारी लाखों में से किसी एक बच्चे को होती है। ऐसे में जब पूरा देश कोविड19 महामारी से जूझ रहा है, तब इस बच्ची के अभिभावक दिल्ली के कई नामचीन सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में उसके इलाज के लिए भटक रहे थे, मगर पैसे व सुविधा दोनों की कमी के कारण वह नाउम्मीद हो गए थे। ऐसे में एम्स ऋषिकेश जो सदैव मरीजों की सेवा के लिए तत्पर है इस बच्ची के लिए उम्मीद की किरण बन गया।                                  

   एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि हमारा अस्पताल कोविड19 का मुख्य केंद्र तो है ही, हम इस जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाते हुए दूसरी बीमारियों के गंभीर मरीजों का भी प्राथमिकता से इलाज कर रहे हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि एम्स अस्पताल में आने वाला कोई भी मरीज पैसे अथवा संसाधनों की कमी से अपनी जान न गंवाए।                                                                          इस अवसर पर इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने वाले डा. अनीष गुप्ता ने बताया कि अक्सर इस तरह की बीमारी से ग्रसित बच्चे ऑपरेशन से पहले ही दम तोड़ देते हैं। मगर हमने 15 जून को इस बच्ची के अस्पताल में पहुंचते ही ऑपरेशन किया। उन्होंने बताया कि 4 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद बच्ची को दो दिन तक आईसीयू में रखा गया तथा 18 जून (बृहस्पतिवार) को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और दूध पी रही है। इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने में विभाग के शल्य चिकित्सक डा. राजा लाहिरी ने उनका सहयोग किया, साथ ही निश्चेतना विभाग से डा. अजय मिश्रा व उनकी टीम ने ऑपरेशन के दौरान व आईसीयू में मुस्तैदी से मोर्चा संभाला, साथ ही वरिष्ठ अनुभवी नर्सिंग ऑफिसर केशव दास ने अपने सहयोगी धर्मचंद के साथ ऑपरेशन में नर्स की भूमिका निभाई। वर्तमान में बच्ची की देखभाल शिशु हृदय रोग चिकित्सक डा. यश श्रीवास्तव की देखरेख में हो रही है।                                                                                                                                                                          सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डा. नम्रता गौर ने बताया कि बहुत जल्द विभाग का विस्तारीकरण किया जा रहा है और इससे शिशु एवं वयस्क दोनों तरह के दिल के रोगियों का दो ओटी में एकसाथ ऑपरेशन किया जा सकेगा। और मरीजों को अपनी सर्जरी के लिए इंतजार नहीं करना होगा। इससे उत्तराखंड के साथ साथ समीपवर्ती राज्यों के मरीजों को भी सहूलियत मिलेगी।

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