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उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने किया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यमसे  SDRF द्वारा निर्मित कॉफी टेबल बुक "देवभूमि के देवदूत "और  लघु फ़िल्म का उद्घाटन



आज दिनांक 3 जून 2020 श्रीमान पुलिस महानिदेशक  अनिल K रतूड़ी (आईपीएस) उत्तराखंड पुलिस द्वारा राज्य आपदा प्रतिवादन बल द्वारा निर्मित कॉफी टेबल बुक " देवभूमि के देवदूत"  एवमं कोविड काल मे उत्तराखंड पुलिस के कार्यों को दर्शाते हुए एक  वीडियो क्लिप  का विमोचन किया।

अपने गठन के पश्चात से  राज्य आपदा प्रतिवादन बल ने  सदैव ही अपनी गठन की सार्थकता को सही सिद्ध किया है वैश्विक महामारी कोविड 19 के संक्रमण से उपजे संकट में  भी SDRF  ने अनेक  क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।सम्पूर्ण कोविड  लॉक डाउन में  SDRF  बल  श्री संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक SDRF  एवमं  सेनानायक   श्रीमती तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में  एक नए फरिश्ते ,एक नए रूप में नजर आया। अपनी जान की परवाह न कर आएसोलोशन वार्ड ड्यूटी हो या  प्रवासी रेस्कयू अभियान, गरीबों तक खाना पहुंचाना, हो या  सेनेटाइजेशन कर कोरोना को नेस्तानाबूद की तैयारी हो सभी रूपों में SDRF ने अपना सर्वस्व दिया है-

●  भूखों को  खिलाया खाना खिलाया, जरूरतमंद तक पहुंचाया राशन
 कोविड संक्रमण ओर लॉक डाउन  के दौरान  SDRF   गरीब, बेसहारा,  लाचार ओर जरूरतमंद  प्रवासी मजदूरों  के लिए एक मसीहे के रूप में  सामने आयी वर्तमान समय तक सम्पूर्ण प्रदेश में   जवानों के द्वारा लगभग 80 हजार से अधिक जरूरतमंद  लोगो को , राशन वितरण किया,  ओर  खाना खिलाया, अनेक अवसरों में SDRF ने  स्वयं सेवक संस्थाओं के माध्यम से  फूड पैकेट वितरण, एवम भोजन बनाने ओर उसे वास्तविक  जरूरतमंद तक पहुंचाने में सहायता की, देहरादून में   लगभग 58000 एवमं हल्द्वानी में लगभग 20 हजार प्रवासी मजदूरों के लिए  SDRF के द्वारा स्वयं भोजन बनाने , पेकिंग  एवम  वितरण में अपना योगदान दिया  है। इस कार्य  को सकुशल एवमं अविरल पूर्ण करने में साई आस्था धाम, स्वयंसेवक संस्थाओं, के साथ ही SDRF द्वारा स्वेच्छिक वेक्तिगत  दान का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

● कोविड-19 से बचाव प्रशिक्षण एवम जागरूकता
राज्य आपदा प्रतिवादन बल ने कोविड 19  संक्रमण के फैलाव को रोकने  के लिए  शहर से लेकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में  व्यापक स्तर पर   प्रदेश वासियों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया इसके लिए , पेम्पलेट,  लघु  गोष्ठियां,  के साथ ही  लाउड हीलर और सोशियल  मीडिया,का सहारा लिया, दूरस्थ क्षेत्रो तक जागरूकता  पहुंचाने  एवमं सोशियल डिस्टेंसिग के अनुरूप सेनानायक SFRF महोदय ने डिजिटल  माध्यम   का भी सहारा लेते हुए ZOOM APP के माध्यम से प्रशिक्षण आरम्भ किया, जिसमे वैकल्पिक सेनेटाइज बनाना, स्वच्छता   कैसे रखें , जैसे अनेक  कोविड सम्बन्धी विषयों की जानकारी नित्य ही  प्रदान की जाती है। वर्तमान समय तक Sdrf ने 30 हजार से अधिक ग्रामीणों, छात्र छात्राओं, पुलिस  प्रांतीय रक्षक दल , होमगार्ड सहित अनेक हितदायी संस्थाओं  को जागरूक एवम प्रशिक्षित किया।

● आएसोलोशन वार्ड ड्यूटी- कोरोना महामारी के उत्तराखंड में दस्तक के साथ ही  SDRF  के जवानों के द्वारा प्रदेश के  अनेक जनपदों में प्रतिदिन ही  आएसोलोशन वार्ड मे सुरक्षा ड्युटी का बखूबी से निर्वहन किया जाता है। इस  कठिन और जोखिम भरी ड्यटी  में  SDRF जवान हर रोज  ही   मुस्तेद ओर सतर्क मिलते है। अपनी पूर्ण सुरक्षा उपकरणों के साथ 24 घण्टे की  सतर्क  आएसोलोशन ड्यटी सिर्फ मानव सेवा के प्रति अपने  दृढ़ संकल्प से ही सम्भव है उत्तराखंड में कोविड से सम्बंधित प्रथम घटना   15 मार्च  को FRI में एक आईएफएस ट्रेनी के संक्रमित होने के साथ ही आरम्भ हुईं वर्तमान समय तक   उत्तराखंड  के अस्पतालों में लगभग 1000 से अधिक  कोविड संक्रमित  व्यक्ति है जहां हॉस्पिटल आएसोलोशन वार्डो की सुरक्षा का दायित्व SDRF द्वारा बखूबी  निभाया जा रहा है।

● कोविड संक्रमण फैलाव को रोकने को  तत्पर SDRF सेनेटाइजेशन टीम
कोविड संक्रमण के फैलाव की गति को देखते हुए जागरूकता के साथ ही सतहों पर संक्रमण को ध्वस्त करना भी एक चुनोती है इसके  लिए देहरादून सहित प्रदेश के  पोस्टों में स्थित  जवानों ने प्रतिदिन ही संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थानों का चयन कर  प्रतिदिन ही सेनेटाइजेशन आरम्भ किया,,
 है।देहरादून में भी टीम द्वारा समस्त पुलिस परिसर, सचिवालय, कोविड कन्ट्रोल रूम, एवमं समस्त कॉन्फ्रेंस हाल को प्रतिदिन  ही सेनेटाइज किया जाता है

● प्रवासी रेस्कयू अभियान-
 कोविड संक्रमण के कारण लॉक डाउन की स्थिति में उत्तराखंड प्रवासियों की सकुशल वापसी भी एक चुनोती रही  उत्तराखंड वापसी एवम उत्तराखंड से अन्य राज्यों की वापसी हेतु  लाखों प्रवासियों ने पंजीकरण कराया, प्रवासियों को सही और समय पर जानकारी देने हेतु sdrf  ने चौबीसों  घण्टे खुले 18 हेल्प लाइन नम्बर भी  आरम्भ किये, सर्वप्रथम SDRF ने कोटा मथुरा प्रवासी छात्र अभियान 19 अप्रेल  को  आरम्भ किया और ततपश्चात उत्तरप्रदेश,राजस्थान गुजरात सिक्किम, पश्चिम बंगाल हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली से प्रवासी को लाने के अभियान आरम्भ हुए,जिसमे सबसे बृहद अभियान गुड़गांव लगभग (3900) एवम सबसे दूरस्थ अभियान सिक्किम (10) रहा । सम्पूर्ण अभियान के दौरान SDRF के द्वारा  लगभग 3 लाख से अधिक प्रवासियों को सकुशल उत्तराखंड लाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।

● रेस्कयू उपरांत क्वारन्टीन-

 अनेक रेस्कयू  अभियानों की समाप्ति पर  संक्रमण के खतरे को देखते हुए  जवानों को  संस्थागत क्वारन्टीन की अवधि से भी गुजर
ना पड़ता है जिसमें मुख्यतः कोटा, प्रयागराज, एवम दिल्ली के प्रवासी रेस्कयू अभियानों के पश्चात, ग्राफिक एरा, पंतनगर,SDRF वाहिनी में जवानों को 14 दिवस संस्थागत  क्वारन्टीन किया गया।  प्रवासी रेस्कयू अभियानों  के दौरान क्षेत्रों की  संवेदनशीलता के अनुरूप  जवानों को नियमित तौर  पर क्वारन्टीन किया जाता है

श्रीमान पयलिक महानिदेशक के द्वारा अपने  सम्बोधन में  कोविड -19 महामारी से उत्पन्न संकट के दौरान  SDRF उत्तराखंड   पुलिस द्वारा किये गए किये गए उत्कृष्ट कार्यों  की मुक्त कण्ठ से सराहना  की । साथ ही   SDRF की रेस्कयू कार्यों में  निपुणता एवम कार्य कुशलता की भी प्रशंसा की। कार्यक्रम के दौरान  पुलिस महानिदेशक( उत्तराखंड पुलिस, अपराध एवमं कानून व्यवस्था), श्रीं संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक SDRF ,  श्रीमान A.P.  अंशुमान महानिरीक्षक अपराध एवमं कानून व्यवस्था, , DIG SDRF श्री मुख्तार मोहसीन उपस्थित , सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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