वनाग्नि रोकने की अनोखी पहल
रुद्रप्रयाग :
भूपेन्द्र भण्डारी
गर्मी बढ़ने के साथ ही पहाड़ में वनाग्नि को रोकना वन विभाग के लिए हर साल एक बड़ी चुनौती रहती है, वनाग्नि रोकने में जनजागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार साबित होता रहा है, ऐसे में रूद्रप्रयाग वन विभाग द्वारा अनोखी पहल शुरू की है जिसमें वनाग्नि से लोगों को जागरूक करने के लिए शोले, द डर्टी पिक्चर, दबंग जैसी हिट बॉलीवुड फिल्मों के डायलाॅगों का सहारा लिया जा रहा है,
रिर्पोट देखिए-
थप्पड़ से डर नही लगता साहब जंगल की आग से लगता है....
जंगल की आग सिर्फ तीन चीजों से लगती है। लापरवाही, लापरवाही और लापरवाही।
अरे ओ सांभा! जंगल में आग लगाने पे सरकार कितना जुर्माना रखे है... सरदार पूरे 5 हजार और 2 साल तक की जेल भी...
बाॅलीवुड की हिट फिल्मों के हिट डायलाॅगों को अबतक आपने अबतक केवल फिल्मों में और फिल्मी पर्दे पर आने के बाद अपने मित्रों के मुँह से सुने होंगे लेकिन अब वन विभाग रूद्रप्रयाग भी बाॅलीवुड़ के हिट फिल्मों के डाॅयलाग के जरिए वनांग्नि रोकने के लिए जनजागरूकता करता हुआ नजर आ रहा है, लोगों को वनाग्नि से जागरूक करने की यह अनोखी पहल शुरू की है रूद्रप्रयाग में वन विभाग के डीएफओ वैभव सिंह ने। डीएफओ वैभव सिंह की यह पहल अब खूब सुर्खियाॅ भी बटोर रही है, डीएफओ वैभव सिंह का कहना है कि वाॅलीवुड़ फिल्मों के डायलाॅग लोगों को अपनी ओर हमेशा से आकर्षित करते आए है, लोगों को ये डायलाॅग जुबानी याद भी रहते हैं, ऐसे में हमने इन्ही डायलाॅगों पर आधारित वनाग्नि से रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम को बनाया ताकि जनजन तक वनाग्नि को रोकने लिए आकृषक सन्देशों से लोगो का ध्यानाकष्ण किया जा सके।
रूद्रप्रयाग जिले में बीते दस सालों में करीब 135 वनाग्नि की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, उत्तराखण्ड़ की बात करें तो प्रदेश में कुल वन क्षेत्र का 0.17 प्रतिशत क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्र में आता है, वहीं 1.60 प्रतिशत वन क्षेत्र अग्नि की दृष्टि से अति उच्च संवेदनशील क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, 9.32 प्रतिशत वन क्षेत्र अत्यधिक वनाग्नि संवेदशनशील क्षेत्र के अंतर्गत, 21.66 प्रतिशत मध्यम वनाग्नि संवेदनशील क्षेत्र व 67.25 प्रतिशत वन क्षेत्र वनाग्नि की दृष्टि से साधारण वानाग्नि क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, वर्तमान परिस्थिति में पहाड़ में लाॅकडाउन के बाद गांवों में बढ़ी लोगों की संख्या से वनों में भी लोगों की आवाजाही बढ़ी है ऐसे में अब वन विभाग को वनाग्नि का खतरा दिख रहा है, ऐसे में वन विभाग की लोगों को जागरूक करने की पहल का आम लोगों द्वारा भी सराहा जा रहा है।
वाॅलीवुड़ फिल्मों के डायलाॅग लोगों को अपनी ओर हमेशा से आकर्षित करते आए है, ऐसे में वन विभाग भी अब वनाग्नि रोकने में लोगों में जनजागरूकता के लिए इन्ही फिल्मी डायलाॅगों की सहायता ले रहा है, अब आने वाला समय ही बतायेगा कि ये फिल्मी डायलाॅग वनाग्नि रोकने में कितने मददगार साबित होते हैं।
रुद्रप्रयाग :
भूपेन्द्र भण्डारी
गर्मी बढ़ने के साथ ही पहाड़ में वनाग्नि को रोकना वन विभाग के लिए हर साल एक बड़ी चुनौती रहती है, वनाग्नि रोकने में जनजागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार साबित होता रहा है, ऐसे में रूद्रप्रयाग वन विभाग द्वारा अनोखी पहल शुरू की है जिसमें वनाग्नि से लोगों को जागरूक करने के लिए शोले, द डर्टी पिक्चर, दबंग जैसी हिट बॉलीवुड फिल्मों के डायलाॅगों का सहारा लिया जा रहा है,
रिर्पोट देखिए-
थप्पड़ से डर नही लगता साहब जंगल की आग से लगता है....
जंगल की आग सिर्फ तीन चीजों से लगती है। लापरवाही, लापरवाही और लापरवाही।
अरे ओ सांभा! जंगल में आग लगाने पे सरकार कितना जुर्माना रखे है... सरदार पूरे 5 हजार और 2 साल तक की जेल भी...
बाॅलीवुड की हिट फिल्मों के हिट डायलाॅगों को अबतक आपने अबतक केवल फिल्मों में और फिल्मी पर्दे पर आने के बाद अपने मित्रों के मुँह से सुने होंगे लेकिन अब वन विभाग रूद्रप्रयाग भी बाॅलीवुड़ के हिट फिल्मों के डाॅयलाग के जरिए वनांग्नि रोकने के लिए जनजागरूकता करता हुआ नजर आ रहा है, लोगों को वनाग्नि से जागरूक करने की यह अनोखी पहल शुरू की है रूद्रप्रयाग में वन विभाग के डीएफओ वैभव सिंह ने। डीएफओ वैभव सिंह की यह पहल अब खूब सुर्खियाॅ भी बटोर रही है, डीएफओ वैभव सिंह का कहना है कि वाॅलीवुड़ फिल्मों के डायलाॅग लोगों को अपनी ओर हमेशा से आकर्षित करते आए है, लोगों को ये डायलाॅग जुबानी याद भी रहते हैं, ऐसे में हमने इन्ही डायलाॅगों पर आधारित वनाग्नि से रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम को बनाया ताकि जनजन तक वनाग्नि को रोकने लिए आकृषक सन्देशों से लोगो का ध्यानाकष्ण किया जा सके।
रूद्रप्रयाग जिले में बीते दस सालों में करीब 135 वनाग्नि की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, उत्तराखण्ड़ की बात करें तो प्रदेश में कुल वन क्षेत्र का 0.17 प्रतिशत क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्र में आता है, वहीं 1.60 प्रतिशत वन क्षेत्र अग्नि की दृष्टि से अति उच्च संवेदनशील क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, 9.32 प्रतिशत वन क्षेत्र अत्यधिक वनाग्नि संवेदशनशील क्षेत्र के अंतर्गत, 21.66 प्रतिशत मध्यम वनाग्नि संवेदनशील क्षेत्र व 67.25 प्रतिशत वन क्षेत्र वनाग्नि की दृष्टि से साधारण वानाग्नि क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, वर्तमान परिस्थिति में पहाड़ में लाॅकडाउन के बाद गांवों में बढ़ी लोगों की संख्या से वनों में भी लोगों की आवाजाही बढ़ी है ऐसे में अब वन विभाग को वनाग्नि का खतरा दिख रहा है, ऐसे में वन विभाग की लोगों को जागरूक करने की पहल का आम लोगों द्वारा भी सराहा जा रहा है।
वाॅलीवुड़ फिल्मों के डायलाॅग लोगों को अपनी ओर हमेशा से आकर्षित करते आए है, ऐसे में वन विभाग भी अब वनाग्नि रोकने में लोगों में जनजागरूकता के लिए इन्ही फिल्मी डायलाॅगों की सहायता ले रहा है, अब आने वाला समय ही बतायेगा कि ये फिल्मी डायलाॅग वनाग्नि रोकने में कितने मददगार साबित होते हैं।
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