देहरादून स्थित ब्लड बून नामक संस्था के योद्धाओं ने लॉक डाउन के समय में भी जरूरतमंद मरीज को रक्त दान किया.खबर मिलने पर कि डोईवाला चीनी मिल के कर्मचारी विमल भंडारी का हाथ मशीन में काम करते हुए आ गया था ऑपरेशन के पश्चात भी उनको को AB पॉजिटिव खून की जरुरत
थी ।
अतः ब्लड बून के संस्थापक पीयूष मौर्य को जैसे ही पता चला उन्होंने अपनी संस्था के सदस्यों कपिल और विनय हरिद्वार से एम्स ऋषिकेश जाने के लिए सूचित किया अगले दिन 1 मई 2020 को दोनों योद्धा रक्तदान करने के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंच गए। मरीज के परिजनों ने कुंवर पियूष का और योद्धाओं का रक्तदान के लिए धन्यवाद किया ऐसे समय में जबकि लॉक डाउन चल रहा है और लोग अस्पतालों से दूरी बना रहे हैं रक्तदान देने से कतरा रहे हैं ऐसे समय में ब्लड संस्था इस कार्य के लिए आगे आना योद्धाओं के जज्बे को सलाम है।
संस्था के संस्थापक पीयूष मौर्य 2006 रक्तदान से जुड़े हैं और उन्होंने लगातार 27 दिन तक लगातार डेढ़ सौ से 200 लोगों को भोजन दिया है।
उनकी संस्था 2017 से क्षेत्र में कार्य कर रही है लॉक डाउन के समय भी उनकी संस्था लगातार 27 दिनों से हाथीबड़कला व्यापार मंडल के साथ मिलकर गरीबों को राशन पहुंचाने में मदद कर रही है।
अतः ब्लड बून के संस्थापक पीयूष मौर्य को जैसे ही पता चला उन्होंने अपनी संस्था के सदस्यों कपिल और विनय हरिद्वार से एम्स ऋषिकेश जाने के लिए सूचित किया अगले दिन 1 मई 2020 को दोनों योद्धा रक्तदान करने के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंच गए। मरीज के परिजनों ने कुंवर पियूष का और योद्धाओं का रक्तदान के लिए धन्यवाद किया ऐसे समय में जबकि लॉक डाउन चल रहा है और लोग अस्पतालों से दूरी बना रहे हैं रक्तदान देने से कतरा रहे हैं ऐसे समय में ब्लड संस्था इस कार्य के लिए आगे आना योद्धाओं के जज्बे को सलाम है।
संस्था के संस्थापक पीयूष मौर्य 2006 रक्तदान से जुड़े हैं और उन्होंने लगातार 27 दिन तक लगातार डेढ़ सौ से 200 लोगों को भोजन दिया है।
उनकी संस्था 2017 से क्षेत्र में कार्य कर रही है लॉक डाउन के समय भी उनकी संस्था लगातार 27 दिनों से हाथीबड़कला व्यापार मंडल के साथ मिलकर गरीबों को राशन पहुंचाने में मदद कर रही है।
एक टिप्पणी भेजें