डॉक्टर शिशिर नन्दी
भारत में तीन संस्थाओं ग्लोबल इन्स्टिटूट ऑफ़ फ़ार्मासयूटिकल एजुकेशन एंड रीसर्च, (जिपर) काशीपुर,
उत्तराखंड , एमेरिटस वैज्ञानिक, सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट
(सीडीआरआई) लखनऊ तथा काउन्सिल ऑफ़ साइयंटिफ़िक एंड इंडस्ट्रीयल रीसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना वायरस पर चल रही एक खोज में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
रिसर्च ऑफिसर रोहित ममंगइ ने बताया बताया कि खोज के दौरान, वैज्ञानिकों को ऐसी गतिविधियों का पता चला है जिनके द्वारा COVID -19 के खिलाफ लड़ा जा सकता है .वे एक ऐसे मोलिक्यूल पर काम कर रहे हैं जिसमे COVID-19 के खिलाफ प्रोटीएज अवरोधक के रूप में जैविक गतिविधि दिखाई दी है।
इस खोज में इसमें मोलिक्यूलर-डॉकिंग विधि का उपयोग किया गया था। इस अध्ययन को फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री के प्रोफेसर और एच॰ओ॰डि॰, डॉक्टर शिशिर नन्दी, ग्लोबल इन्स्टिटूट ऑफ़ फ़ार्मासयूटिकल एजुकेशन एंड रीसर्च, (जिपर) काशीपुर, उत्तराखंड के साथ-साथ एमेरिटस वैज्ञानिक, सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) लखनऊ तथा काउन्सिल ऑफ़ साइयंटिफ़िक एंड इंडस्ट्रीयल रीसर्च, डॉक्टर अनिल सक्सेना द्वारा अनुमोदित किया गया है। इसके अलावा, प्रीक्लिनिकल स्टडीज के लिए विभिन्न संस्थाओं से संपर्क किया जा रहा है।
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