कोविड
19 से पार पाने के प्रयासों में सहयोग देने के क्रम में भारतीय रेलवे अपनी
पूरी ताकत और संसाधन लगा दिए हैं। इतने कम समय में उसने अपने 5,000 कोच को
आइसोलेशन कोच में तब्दील करने के शुरुआती लक्ष्य में 2,500 कोच के
साथ आधा लक्ष्य हासिल कर लिया है।
लॉकडाउन
के दौर में जब कार्यबल संबंधी संसाधन सीमित बने हुए हैं और उनका समझ-बूझ
से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है, रेलवे के विभिन्न मंडल कार्यालयों ने इतने
कम समय में असंभव से लग रहे इस कार्य को लगभग पूरा कर लिया है। लगभग 2,500
कोचों में बदलाव के साथ अब 40,000 आइसोलेशन बेड आपात स्थिति के लिए तैयार
हैं।
एक
बार नमूने को जैसे ही मंजूरी मिली, मंडल रेलवे कार्यालयों ने तेजी से
बदलाव का काम शुरू कर दिया था। भारतीय रेलवे के रोजाना औसतन 375 कोचों में
बदलाव किया जा रहा है। देश के 133 स्थानों पर यह काम किया जा रहा है।
पूर्व
में जारी किए गए चिकित्सा परामर्शों के तहत इन कोचों में सभी सुविधाएं
हैं। जरूरतों और नियमों के तहत सर्वश्रेष्ठ विश्राम और चिकित्सा निगरानी
सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय
है कि कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए जा रहे
प्रयासों के पूरक के तौर पर इन आइसोलेशन कोचों को सिर्फ आपात स्थिति के लिए
तैयार किया जा रहा है।
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