चार धाम यात्रा 2020 के मद्देनजर
श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ के रावलों की स्वास्थ्य जांच जरूरी : आचार्य शिव प्रसाद ममगाई
*श्री बद्रीनाथ के रावल आजकल केरल में रह रहे है।
* श्री केदारनाथ के रावल कर्नाटक में रह रहे हैं।
* कपाट खुलने में रावल, नायब रावल एवं उनके सेवादार केरल एवं कर्नाटक से पहुंचेगे बदरी-केदार।
* 30 अप्रैल को खुल रहे है बद्रीनाथ धाम के कपाट
*29 अप्रैल को खुल रहे है श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट।
* सरकारी एडवाइजरी के अनुसार अन्य प्रांत से आने पर 14 दिन स्वास्थ्य परीक्षण हेतु क्वारंटीन होना जरूरी।
देहरादून:
चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा है कि उत्तराखंड चार धाम के कपाट अपने पूर्व निर्धारित तिथि एवं समय पर खुलेंगे। तथा कपाट खुलने के दौरान कोरोना महामारी से बचाव हेतु जारी केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित होगा ताकि महामारी के संक्रमण की आशंका न रहे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिशा निर्देश में प्रदेश में कोरोना महामारीअभी तक नियंत्रण में है। अतः देश के लोगों के जीवन की रक्षा हो सके
चारधाम यात्रा में प्राथमिकता रहेगी।
आचार्य ममगाईं ने कहा कि मंदिरों में पूजा-अर्चना करनेवाले सभी रावल एवं उनके सेवादारों एवं पुजारियों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जायेगा। इसके लिए उन्होंने चमोली एवं रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन से वार्ता की है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में श्री बदरीनाथ धाम के रावल श्री ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी एवं श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग का भी चिकित्सकीय परीक्षण होना जरूरी है। बदरीनाथ धाम के रावल एवं नायब रावल तथा उनके दो सेवक आजकल केरल में रह रहे हैं। तथा केदारनाथ मंदिर के रावल एवं उनके निजी सेवक कर्नाटक में है। कपाट खुलने के दौरान रावल, नायब रावल सहित उनके विभागीय एवं निजी सेवक श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ पहुंचेगे। अत: यथा समय सभी को 14 दिन कोरांटाईन किया जाना होगा
उनके स्वास्थ्य हेतु आवश्यक है, ताकि पूजा पाठ में उनकी निर्बाध भागीदारी बनी रहे।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलने है। केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुलने हैं इसी तरह गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुल रहे है। इस तरह बदरीनाथ एवं -केदारनाथ के रावव, नायब रावल एवं उनके सेवकों को दो सप्ताह के क्वारांइन्टाईन में रखा जाना है। ताकि उनकी समुचित स्वास्थ्य जांच हो सके।
श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ के रावलों की स्वास्थ्य जांच जरूरी : आचार्य शिव प्रसाद ममगाई
*श्री बद्रीनाथ के रावल आजकल केरल में रह रहे है।
* श्री केदारनाथ के रावल कर्नाटक में रह रहे हैं।
* कपाट खुलने में रावल, नायब रावल एवं उनके सेवादार केरल एवं कर्नाटक से पहुंचेगे बदरी-केदार।
* 30 अप्रैल को खुल रहे है बद्रीनाथ धाम के कपाट
*29 अप्रैल को खुल रहे है श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट।
* सरकारी एडवाइजरी के अनुसार अन्य प्रांत से आने पर 14 दिन स्वास्थ्य परीक्षण हेतु क्वारंटीन होना जरूरी।
देहरादून:
चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा है कि उत्तराखंड चार धाम के कपाट अपने पूर्व निर्धारित तिथि एवं समय पर खुलेंगे। तथा कपाट खुलने के दौरान कोरोना महामारी से बचाव हेतु जारी केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित होगा ताकि महामारी के संक्रमण की आशंका न रहे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिशा निर्देश में प्रदेश में कोरोना महामारीअभी तक नियंत्रण में है। अतः देश के लोगों के जीवन की रक्षा हो सके
चारधाम यात्रा में प्राथमिकता रहेगी।
आचार्य ममगाईं ने कहा कि मंदिरों में पूजा-अर्चना करनेवाले सभी रावल एवं उनके सेवादारों एवं पुजारियों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जायेगा। इसके लिए उन्होंने चमोली एवं रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन से वार्ता की है। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में श्री बदरीनाथ धाम के रावल श्री ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी एवं श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग का भी चिकित्सकीय परीक्षण होना जरूरी है। बदरीनाथ धाम के रावल एवं नायब रावल तथा उनके दो सेवक आजकल केरल में रह रहे हैं। तथा केदारनाथ मंदिर के रावल एवं उनके निजी सेवक कर्नाटक में है। कपाट खुलने के दौरान रावल, नायब रावल सहित उनके विभागीय एवं निजी सेवक श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ पहुंचेगे। अत: यथा समय सभी को 14 दिन कोरांटाईन किया जाना होगा
उनके स्वास्थ्य हेतु आवश्यक है, ताकि पूजा पाठ में उनकी निर्बाध भागीदारी बनी रहे।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलने है। केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुलने हैं इसी तरह गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुल रहे है। इस तरह बदरीनाथ एवं -केदारनाथ के रावव, नायब रावल एवं उनके सेवकों को दो सप्ताह के क्वारांइन्टाईन में रखा जाना है। ताकि उनकी समुचित स्वास्थ्य जांच हो सके।
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