देहरादून:
बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को उनकी 129 वीं जयंती पर आज राष्ट्र
श्रद्धा से याद कर रहा है। अम्बेडकर को भारतीय संविधान के मुख्य
वास्तुकार के रूप में जाना जाता है और 1990 में मरणोपरांत उन्हें देश के
सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर जी की जयंती पर मुख्यमंत्री आवास में उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने हमेशा समानता के लिए संघर्ष किया। मानवाधिकार आंदोलन एवं संविधान निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही। बाबा साहेब ने अपना जीवन समाज से छूआछूत व अस्पृश्यता को दूर करने के लिए समर्पित किया था। उन्होंने राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समानता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बाबा साहेब ने देश को वह संविधान दिया जिसने हमें एकसूत्र में बांधा। बाबा साहेब ने दलित व पिछड़े वर्गों में आत्मसम्मान की भावना का संचार कर उन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर जी की जयंती पर मुख्यमंत्री आवास में उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने हमेशा समानता के लिए संघर्ष किया। मानवाधिकार आंदोलन एवं संविधान निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही। बाबा साहेब ने अपना जीवन समाज से छूआछूत व अस्पृश्यता को दूर करने के लिए समर्पित किया था। उन्होंने राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समानता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बाबा साहेब ने देश को वह संविधान दिया जिसने हमें एकसूत्र में बांधा। बाबा साहेब ने दलित व पिछड़े वर्गों में आत्मसम्मान की भावना का संचार कर उन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ा।
बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को उनकी 129 वीं जयंती पर आज राष्ट्र श्रद्धा से याद कर रहा है। अम्बेडकर को भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाना जाता है और 1990 में मरणोपरांत उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।
बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू में हुआ था, जिन्हें अब मध्य प्रदेश में डॉ अंबेडकर नगर के रूप में जाना जाता है।
डॉ. अम्बेडकर एक प्रसिद्ध न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए जीवन भर कड़ी मेहनत की।
वह आजादी के बाद पहले कानून और न्याय मंत्री बने और भारतीय संविधान को प्रारूपित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के प्रावधान किए। उन्होंने भारत में दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म ग्रहण किया।
सामाजिक-राजनीतिक सुधारक के रूप में डॉ. अंबेडकर की विरासत का सम्मान दुनिया भर में किया जाता है। उनके विचारों ने भारत की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के प्रति विचारों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू में हुआ था, जिन्हें अब मध्य प्रदेश में डॉ अंबेडकर नगर के रूप में जाना जाता है।
डॉ. अम्बेडकर एक प्रसिद्ध न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए जीवन भर कड़ी मेहनत की।
वह आजादी के बाद पहले कानून और न्याय मंत्री बने और भारतीय संविधान को प्रारूपित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के प्रावधान किए। उन्होंने भारत में दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म ग्रहण किया।
सामाजिक-राजनीतिक सुधारक के रूप में डॉ. अंबेडकर की विरासत का सम्मान दुनिया भर में किया जाता है। उनके विचारों ने भारत की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के प्रति विचारों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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