भोपाल :
अंततः माधव राव सिंधिया के ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में जगह मिल गयी. भाजपा के वरिष्ठ नेता जे पी नड्डा की उपस्थिति में उन्होंने भाजपा थामा. अपनी दादी विजयराजे सिंधिया और बुआ राजलक्ष्मी और यशोधरा सिंधिया की भांति ग्वालियर राजघराने के चिराग ने भी कांग्रेस से किनारा कर लिया.
उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कि 18 महीने की कांग्रेस सरकार ने अपने पत्र के अनुसार कोई भी कार्य नहीं किया है. किसानो के ऋण माफ़ से लेकर युवाओं को रोजगार देने तक में कांग्रेस विफल रही है. मात्र ट्रांसफर उद्योग पर ही कार्य कर रही कांग्रेस सरकार ने विकासगत कार्यों की अनदेखी की है और उन्हें राज्य में अध्यक्ष पद भी देने से परहेज करती रही. अपनी जनता की अनदेखी और किसानो की उपेक्षा के कारण उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया. साथ ही उन्होने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया कि उन्होंने सिंधिया को भाजपा में स्थान दिया. उनके साथ उनके २२ विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निराश हो चुके थे।
अंततः माधव राव सिंधिया के ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में जगह मिल गयी. भाजपा के वरिष्ठ नेता जे पी नड्डा की उपस्थिति में उन्होंने भाजपा थामा. अपनी दादी विजयराजे सिंधिया और बुआ राजलक्ष्मी और यशोधरा सिंधिया की भांति ग्वालियर राजघराने के चिराग ने भी कांग्रेस से किनारा कर लिया.
उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कि 18 महीने की कांग्रेस सरकार ने अपने पत्र के अनुसार कोई भी कार्य नहीं किया है. किसानो के ऋण माफ़ से लेकर युवाओं को रोजगार देने तक में कांग्रेस विफल रही है. मात्र ट्रांसफर उद्योग पर ही कार्य कर रही कांग्रेस सरकार ने विकासगत कार्यों की अनदेखी की है और उन्हें राज्य में अध्यक्ष पद भी देने से परहेज करती रही. अपनी जनता की अनदेखी और किसानो की उपेक्षा के कारण उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया. साथ ही उन्होने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया कि उन्होंने सिंधिया को भाजपा में स्थान दिया. उनके साथ उनके २२ विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निराश हो चुके थे।
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